Sudan conflict: लंबे चले खूनी संघर्ष के बाद अफ्रीकी मुस्लिम देश सूडान की सेना ने दो साल बाद राष्ट्रपति भवन पर फिर से कब्जा कर लिया है. सेना ने खार्तूम में मौजूद प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज RSF को हटाकर यह नियंत्रण प्राप्त किया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सेना के जवान खुशी मनाते हथियार लहराते और शुक्रगुजार होते नजर आ रहे हैं. सेना के इस कदम को राजधानी पर दोबारा पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी जीत माना जा रहा है. लेकिन यह किस कीमत पर हुआ है?
महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर भी कब्जा..
असल में इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना के प्रवक्ता नबील अब्दुल्ला ने सरकारी टेलीविजन पर बयान देते हुए कहा कि सैन्य बलों ने न केवल राष्ट्रपति भवन बल्कि खार्तूम के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर भी कब्जा जमा लिया है. उन्होंने दावा किया कि इस कार्रवाई में RSF के कई लड़ाके मारे गए. उनके हथियार और उपकरण नष्ट कर दिए गए. सेना ने यह भी क्लियर किया कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कि पूरा सूडान उनके नियंत्रण में नहीं आ जाता.
सत्ता संघर्ष के कारण गृहयुद्ध
यह ध्यान रहे कि दो साल पहले अप्रैल 2023 में सूडान की सेना और RSF के बीच सत्ता संघर्ष के कारण गृहयुद्ध भड़क उठा था. तब RSF ने राजधानी के बड़े हिस्से और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था. लेकिन हाल के महीनों में सेना ने अपनी स्थिति मजबूत की और धीरे-धीरे राजधानी के कई हिस्सों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया. इस बीच गुरुवार को खार्तूम में राष्ट्रपति भवन के पास भीषण बमबारी और ड्रोन हमलों की खबरें सामने आई थीं.
इन सबके बीच RSF प्रमुख मोहम्मद हमदान डागालो ने एक वीडियो संदेश में राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा की शपथ ली और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी. उन्होंने उत्तरी सूडान के कई शहरों में हमले करने की चेतावनी भी दी है. हालांकि अभी तक RSF की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक!
उधर संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यह संघर्ष दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक बन चुका है. लड़ाई के कारण सूडान के कई हिस्सों में भुखमरी और बीमारियों का संकट खड़ा हो गया है. दोनों पक्षों पर युद्ध अपराधों के आरोप लगे हैं. जिनमें RSF पर नरसंहार तक के आरोप शामिल हैं. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि फिर भी अब तक शांति वार्ता की कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है.