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Bangladesh: बांग्लादेश में अब कट्टरपंथ का अच्छा वक्त शुरु हो चुका.. और हिन्दुओं का बहुत ज्यादा बुरा

Bangladesh News: बंगाल में बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर हंगामा है. लेकिन बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का निशाना बन रहे हिंदुओं को इंसाफ की दूर-दूर तक कोई आस नहीं है. क्योंकि बांग्लादेश अब हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा है.

Bangladesh: बांग्लादेश में अब कट्टरपंथ का अच्छा वक्त शुरु हो चुका.. और हिन्दुओं का बहुत ज्यादा बुरा
Pramod Sharma|Updated: Aug 28, 2024, 12:05 AM IST
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Bangladesh News: बंगाल में बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर हंगामा है. लेकिन बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का निशाना बन रहे हिंदुओं को इंसाफ की दूर-दूर तक कोई आस नहीं है. क्योंकि बांग्लादेश अब हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा है. क्योंकि बांग्लादेश अब कट्टरपंथियों के हाथों में जा रहा है. बांग्लादेश के सबसे कट्टर संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का चीफ जशीमुद्दीन रहमानी अब रिहा हो चुका है. जो बता रहा है कि बांग्लादेश में अब कट्टरपंथ का अच्छा वक्त शुरु हो चुका है. और हिंदुओं का बहुत ज्यादा बुरा वक्त आ गया है.

अल कायदा की विचारधारा को बढ़ावा

जशीमुद्दीन रहमानी जिस अंसारुल्लाह बांग्ला टीम यानी ABT का चीफ है. उसके ऊपर आतंकवादी विचारधारा के प्रचार प्रसार से लेकर ACTIVISTS के मर्डर और बैंक लूटने जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं. अंसारुल्ला बांग्ला टीम एक चरमपंथी संगठन है. जो अल कायदा की विचारधारा को बांग्लादेश में फैलाना चाहता है.

ये संगठन साल 2013 में खड़ा किया गया था..

-साल 2013 से 2015 के बीच इस संगठन से जुड़े कट्टरपंथियों ने 5 ब्लॉगर्स और 1 प्रोफेसर की हत्या कर दी थी.

-जिन लोगों का कत्ल किया गया वो सभी बांग्लादेश में सेकुलर विचारधारा और अल्पसंख्यक हिंदुओँ के हितों का समर्थन करते थे.

-साल 2015 में ही अंसारुल्ला बांग्ला टीम के कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के सावर में एक बैंक डकैती भी की थी. जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी.

कट्टरपंथियों का समर्थन

शेख हसीना सरकार ने वर्ष 2015 में ABT पर बैन लगा दिया था और एंटी टेरेरिज्म कोर्ट ने रहमानी को जेल में डाल दिया था. लेकिन मोहम्मद यूनुस ने रहमानी की रिहाई के साथ ये संकेत दे दिया कि बांग्लादेश की कथित अंतरिम सरकार.. कट्टरपंथियों का समर्थन करती है. जिसके लिए अब किसी सबूत की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब शेख हसीना के तख्तापलट करने वाली कट्टरपंथी जमात को ईनाम देने में कोई कमी नहीं रख रही है.

-बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटाने जा रही है.
-इतना ही नहीं, जमात-ए-इस्लामी से जुड़े संगठन..छात्र शिबिर से भी बैन हटा सकती है.
-जमात-ए-इस्लामी और छात्र शिबिर को हसीना सरकार ने ही विरोध प्रदर्शन की शुरुआत के बाद बैन किया था.

जमात-ए-इस्लामी की चाल..

शेख हसीना की सरकार को गिराने में जमात-ए-इस्लामी की अहम भूमिका थी. सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को जमात-ए-इस्लामी ने हाइजैक कर लिया था. जिसके बाद ही छात्रों की भीड़ में कट्टरपंथियों ने हिंसा फैलाई थी. शेख हसीना सरकार ने दावा किया था कि जमात के स्टूडेंट विंग यानी छात्र शिबिर से जुड़े लोगों ने ही प्रदर्शनकारी छात्रों को उकसाया था. जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी.

कट्टरपंथियों की भीड़ ने पूरे दफ्तर को लूट लिया

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद कट्टरपंथी जमातियों की भीड़ ने ढाका में अवामी लीग के दफ्तर पर हमला बोल दिया था. और अवामी लीग के हेडक्वार्टर को जलाकर राख कर दिया था. कट्टरपंथियों की भीड़ ने पूरे दफ्तर को लूट लिया था. अब बांग्लादेश भी पाकिस्तान की तरह ही कट्टरपंथियों की नई नर्सरी बन चुका है. जहां अब हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं है. ये वो सच है.. जो Zee News लगातार दिखा रहा है. 

कट्टरपंथियों का राज

अब तो बांग्लादेश में खुलकर कट्टरपंथियों का राज आ चुका है. जिससे बांग्लादेश का हिंदू पहले से भी ज्यादा डरा हुआ है. और सिर्फ हिंदू ही नहीं.. बांग्लादेश के शांतिप्रिय और सेकुलर मुसलमान भी कट्टरवादियों से इतना डरे हुए हैं कि मुल्क छोड़कर भागने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं. पूरे बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल है. इसी वजह से अब बांग्लादेश के लोग भारत आना चाहते हैं ताकि सुरक्षित माहौल मिल सके.

भारतीय दूतावास के बाहर वीजा लेने वालों की लाइन

26 अगस्त को ढाका में भारतीय दूतावास के बाहर वीजा लेने वालों की लाइन लग गई थी. हजारों लोग वीजा लेने के लिए पहुंचे थे और लाइन इतनी लंबी थी कि लोगों को दूतावास के बाहर तक इंतजार करते हुए देखा गया. हिंसा की वजह से दूतावास का अधिकतर स्टाफ वापस भेज दिया गया था. तो वीजा नहीं दिया जा सकता था. और इसी वजह से नाराज लोगों ने दूतावास के अंदर नारेबाजी शुरु कर दी. हालात बिगड़ते देख पुलिस और सेना को दूतावास बुलाना पड़ा. जब जी न्यूज रिपोर्टर प्रमोद शर्मा दूतावास पहुंचे तो पता चला कि वीजा सेंटर को बंद कर दिया गया है. लेकिन अब भी लोग वीजा की उम्मीद लिए दूतावास के बाहर मौजूद दिखे.

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