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बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत, क्या अस्तित्व खत्म करने की चल रही साजिश?

Bangladesh News: बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाने का उद्देश्य एक बड़े ईको सिस्टम का हिस्सा बन गया है, जिसमें कट्टरपंथियों के साथ-साथ बांग्लादेश सरकार और प्रशासन भी शामिल हैं. 

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत, क्या अस्तित्व खत्म करने की चल रही साजिश?
Zee News Desk|Updated: Nov 16, 2024, 11:48 PM IST
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Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और कट्टरपंथी मानसिकता एक नई दिशा में बढ़ रही है. ढाका में कट्टरपंथियों ने अब खुलेआम हिंदुओं के खिलाफ साजिशें रचने की शुरुआत कर दी है, और हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने वाले ये बयान दिन-ब-दिन हिंसक होते जा रहे हैं. बांग्लादेश के छात्र संगठन अब सड़कों पर इस्कॉन (हिंदू धर्म के एक प्रमुख संगठन) को बैन करने की मांग कर रहे हैं, और कुछ ने तो यहां तक कह दिया है कि इस्कॉन के हिंदुओं को मार डालो.

यह घटना बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कट्टरपंथियों द्वारा लगातार बढ़ाए जा रहे दबाव का हिस्सा है. हाल ही में, बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन "हिफाजत ए इस्लाम" ने सड़कों पर उतरकर इस्कॉन के खिलाफ नारे लगाए थे. अब इस संगठन के सदस्य हिंदू धर्म के अनुयायियों के गले काटने तक की धमकी दे रहे हैं.

बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाने का उद्देश्य एक बड़े ईको सिस्टम का हिस्सा बन गया है, जिसमें कट्टरपंथियों के साथ-साथ बांग्लादेश सरकार और प्रशासन भी शामिल हैं. दो महीने पहले, बांग्लादेशी सेना ने हिंदू युवाओं और एक्टिविस्टों को फर्जी मामलों में गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था. इस घटनाक्रम के बाद बांग्लादेश के एएसजी (एटॉर्नी जनरल) ने बयान दिया था कि बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है, इसलिए इसे सेकुलर नहीं कहा जा सकता. इस बयान के बाद से कट्टरपंथी संगठनों के हौंसले और बढ़ गए हैं.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का मुख्य उद्देश्य उनकी राजनीतिक और सामाजिक ताकत को कमजोर करना है. लंबे समय से, हिंदू शेख हसीना के वोटबैंक का हिस्सा रहे हैं, लेकिन अब कट्टरपंथी गुट इस वोटबैंक को तोड़कर अपने नियंत्रण को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में यह अस्थिरता एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. हिंदू समुदाय, जो पहले अवामी लीग के छात्र संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे, अब कट्टरपंथी हिंसा के निशाने पर हैं. विरोधी दल हिंदुओं पर हमले कर अपने विरोधी छात्र संगठनों की ताकत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.

अराजकता और अस्थिरता का फायदा कुछ देशों को हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा बांग्लादेश के हिंदू समुदाय को हो रहा है. ऐसे हालात में, बांग्लादेश के हिंदू अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और यह संघर्ष लगातार तेज हो रहा है.

क्या बांग्लादेश में हिंदुओं का अस्तित्व खत्म करने की साजिश चल रही है? यह सवाल अब पूरी दुनिया में गूंज रहा है, क्योंकि इस अस्थिरता और हिंसा के बीच बांग्लादेशी हिंदू अपनी जान और संस्कृति की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

ब्यूरो रिपोर्ट, जी मीडिया

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