Europe: जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन में पिछले साल गर्मियों में कूरियर डिपो में हुए विस्फोटों के पीछे एक बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें संदिग्ध रूसी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस जांच में सामने आया है कि 'Mary' नामक कोडवर्ड और 'Warrior' के नाम से मशहूर एक रूसी शख्स इस साजिश से जुड़ा है. नकली कॉस्मेटिक्स, मसाज तकिए और सेक्स टॉय जैसे सामान में विस्फोटक छिपाए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमले यूरोप में अस्थिरता फैलाने की एक प्लान का हिस्सा हो सकते हैं. वहीं, पोलैंड की जांच एजेंसी इस मामले को रूस प्रायोजित मान रही है.
मामले से परिचित एक शख्स ने इस साजिश के बारे में अब तक का सबसे विस्तृत विवरण दिया है. उनके मुताबिक, फेक कॉस्मेटिक्स और सेक्स खिलौनों के साथ पार्सल में पैक किए गए तकियों में, हाईली रिएक्टिव मैग्नीशियम समेत केमिकल्स के मिश्रण से घर में बने आग लगाने वाले उपकरण छिपे हुए थे.
सूत्रों के मुताबिक, इन केमिकल्स को सस्ते चीनी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को डेटोनेटरों द्वारा ब्लास्ट किया गया था. हालांकि, इनका इफेक्ट फेक कॉस्मेटिक्स की ट्यूबों के कारण और भी बढ़ गया था. जबकि इन ट्यूबों में नाइट्रोमेथेन समेत ज्वलनशील यौगिकों से बना जेल था. मॉस्को की विदेशी सैन्य खुफिया एजेंसी का हवाला देते हुए इस शख्स ने कहा, 'इस मामले में कार्यवाही रूस के GRU से प्रेरित आपराधिक गतिविधियों से संबंधित है.' वहीं, यूरोपीय सुरक्षा प्रमुखों ने अक्टूबर में पार्सल फायर को सार्वजनिक किया. उन्हें रूस द्वारा यूक्रेन का समर्थन करने वाले देशों के कामकाज को अस्थिर करने के लिए छेड़े जा रहे 'हाइब्रिड युद्ध' का हिस्सा बताया.
'यह अंधे रूसोफोबिया की अभिव्यक्ति है'
उन्होंने कहा, 'यूक्रेन में युद्ध के साथ हमले तेज हो गए हैं. वे ज्यादा मुखर हो गए हैं.' यूरोपीय परिषद के विदेश संबंध थिंक-टैंक में प्रतिष्ठित नीति फेलो निकू पोपेस्कु ने कहा, 'बेशक, यह लोगों के लिए, यूरोपीय संघ के नागरिकों के लिए जोखिम पैदा करता है.' हालांकि, क्रेमलिन ने आग में रूस का हाथ होने के आरोप को खारिज कर दिया. प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रॉयटर्स को बताया, 'हमें इसके बारे में कुछ नहीं पता. हम इस बात से इंकार नहीं करते कि यह सिर्फ और फर्जी खबर है या अंधे रूसोफोबिया की अभिव्यक्ति है.' क्रेमलिन ने कहा कि रूसी तोड़फोड़ या हाइब्रिड अभियान के यूरोपीय आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. जीआरयू ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया.
कब-कब हुई थी घटना
पैकेज विस्फोट 19, 20 और 21 जुलाई को ब्रिटिश शहर बर्मिंघम, जर्मनी के लीपज़िग और पोलिश राजधानी वारसॉ के पास हुए थे. कथित हमलों की जानकारी रखने वाले दो यूरोपीय संघ के सुरक्षा अफसरों ने संवेदनशील जानकारी पर चर्चा करने के लिए नाम न बताने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि पुलिस सेल रूसी खुफिया के तरीकों की खासियत है. अफसरों ने कहा कि रूसी हैंडलर अक्सर अपनी योजनाओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय अपराधियों की भर्ती करते हैं, उन्हें टेलीग्राम के जरिए से बुनियादी निर्देश देते हैं और प्रत्येक ऑपरेटिव को प्रति कार्य कुछ हज़ार यूरो तक का भुगतान करते हैं.
वारियर, मैरी और चौथा पार्सल का रहस्य!
जांच की जानकारी रखने वाले शख्स के मुताबिक, प्रॉसीक्यूटर का मामला कथित तोड़फोड़ सेल के कम से कम पांच संदिग्ध सदस्यों की गवाही के साथ-साथ सुरक्षा सेवाओं के वर्गीकृत निष्कर्षों पर आधारित है. नेशनल प्रॉसीक्यूर्स ऑफिस ने रॉयटर्स को बताया कि जांचकर्ताओं ने वारसॉ डिपो में एक चौथा पार्सल भी जब्त कर लिया है, जो विस्फोट नहीं हुआ था. इससे उन्हें उसकी सामग्री की जांच करने का मौका मिला.
क्या है आरोप
सूत्र ने बताया कि जांचकर्ताओं का आरोप है कि दक्षिणी पोलैंड में रहने वाले व्लादिस्लाव डी नामक एक यूक्रेनी ने यूरोपीय ड्राई रन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो उसे टेलीग्राम पर जीआरयू के एक संचालक से मिले निर्देशों के अनुसार काम कर रहा था, जिसे वह केवल 'वॉरियर' के नाम से जानता था. वहीं, व्लादिस्लाव को अगस्त की शुरुआत में पोलैंड में गिरफ़्तार किया गया था और उस पर रूसी खुफिया एजेंसी की तरफ से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था. जनवरी में वारसॉ की एक अदालत ने जांच जारी रहने तक राजधानी के पास उसकी हिरासत को मई तक बढ़ा दिया.