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इस मुस्लिम देश में धड़ाधड़ मिल रहीं नौकरियां, हैंडसम सैलरी के साथ जबरदस्त भत्ते; बेरोजगारी दर हो गई धड़ाम

Jobs News: सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस अपने मुल्क की इकॉनमी को ऑयल पिलर्स से बाहर निकालने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. उनके विजन 2030 वाले सुधारों के चलते, बेरोजगारी दर 2025 की पहली तिमाही में 2.8% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. अब यहां मानो नौकरियों की बाढ़ आ गई है.

File Photo
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Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 26, 2025, 10:40 PM IST
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Jobs offerings in Saudi Arabia: सऊदी अरब में बेरोजगारी दर घटकर 2.8% हो गई है. वहां के एम्प्लाईमेंट बाजार में होने वाले बदलावों की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. यहां कुल बेरोज़गारी दर की बात करें (नागरिक और प्रवासी) तो 2025 की पहली तिमाही में घटकर सिर्फ 2.8% रह गई है. ये दर 2024 की चौथी तिमाही में 3.5% थी. यानी सऊदी नागरिकों की बेरोज़गारी की दर 6.3% के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है जो क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के 7% के लक्ष्य से पहले थी, जिससे 2030 तक इसे 5% करने का संशोधित लक्ष्य रखा गया है.

सऊदी अरब की मैनपावर का आंकलन

सऊदी महिलाओं की बेरोज़गारी दर घटकर 10.5% हो गई, जबकि महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 36.3% हो गई है. यहां पुरुषों की बेरोजगारी दर घटकर 4.0% हो गई, और पुरुषों की भागीदारी 66.4% तक पहुंच गई है. कुल मिलाकर यहां लेबर फोर्स की अब भागीदारी दर बढ़कर 68.2% हो गई, जिसमें सऊदी नागरिकों की भागीदारी 51.3% तक पहुंच गई. सऊदी अरब के आर्थिक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में 2025 की पहली तिमाही में सऊदी अरब की कुल बेरोज़गारी दर घटकर 2.8% हो गई, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है, जैसा कि सामान्य सांख्यिकी प्राधिकरण (GASTAT) द्वारा पुष्टि की गई है.

2030 तक बेरोजगारी पर अंकुश लगने के आसार

ये गिरावट सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 के तहत लोगों की बढ़ती भागीदारी यानी देश की वर्कफोर्स पॉलिसी को लेकर ये इशारा कर रही हैं कि वो सही दिशा में जा रही हैं. सऊदी नागरिकों के लिए, बेरोज़गारी दर 6.3% के ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गई, जो पहले के लक्ष्यों को पार कर गई और 2030 तक इसे 5% तक कम करने की नई महत्वाकांक्षा को जन्म दिया है.

कुल बेरोजगारी और भागीदारी दर

महिलाओं और पुरुषों सभी को काम मिल रहा है. यानी मुख्य कामकाजी आयु वर्ग के सउदी लोगों (25-54 वर्ष) में रोज़गार बढ़कर 65.9% हो गया, जबकि बेरोज़गारी दर घटकर 5.4% रह गई. युवा सउदी पुरुषों (16-24 वर्ष) की बेरोज़गारी दर घटकर 11.6% रह गई है. युवा सउदी महिलाओं का रोज़गार-जनसंख्या अनुपात बढ़कर 14.6% हो गया, जबकि भागीदारी बढ़कर 18.4% हो गई.

नौकरियों की बहार

आंकड़े बताते हैं कि इस देश में बंपर नौकरियां है. स्किल्ड और नॉन स्किल्ड सबको जॉब मिल रही है. प्रवासियों के लिए भी सऊदी सरकार ने नौकरियों के द्वार खोले हैं खासकर स्किल्ड लेबर की मांग बढ़ी है. सऊदी में सैलरी पैकेज बहुत अच्छे हैं. लोगों को उनकी योग्यता के हिसाब से काम मिल रहा है. देश में सख्त कानूनों के चलते मुल्क में करप्शन कम है, इसलिए सभी को नौकरियों के समान अवसर मिल रहे हैं.

कई सउदी उच्च वेतन और सुरक्षा के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को प्राथमिकता देते हैं. हालांकि ग्रेजुएशन लेवल के स्किल एम्पलाईज के साथ निजी क्षेत्र का तालमेल अभी भी असंगत बना हुआ है, इसलिए प्रवासियों को भी जॉब के मौके मिल रहे हैं.

मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने हाल ही में ग्रामीण रोज़गार क्षेत्रों में कमियों को दूर करने के लिए सऊदी महिलाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण साझेदारी का विस्तार करने और मिश्रित कार्य अवसरों को बढ़ावा देने की योजना की घोषणा की है.

FAQ

सवाल- सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का विजन 2030 क्या है किससे संबंधित है?
जवाब-
सऊदी क्राउन प्रिंस एमबीएस चाहते हैं कि इस अवधि तक देश की इकॉनमी तेल के बजाए अन्य इंडस्ट्री पर शिफ्ट हो जाए. इसे आर्थिक सुधार से जोड़कर देखा जा रहा है. 2030 तक, सऊदी अरब का लक्ष्य निजी क्षेत्र के कार्यबल में 70% सऊदी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है. ऐसा करने से देश में बेरोजगारी दर एतिहासिक रूप से कम होगी. हालिया बेरोज़गारी दर में गिरावट निवेशकों का विश्वास बढ़ाती है, ये अंतर्राष्ट्रीय विकास मानकों के अनुरूप है जो अधिक समावेशी और प्रतिस्पर्धी श्रम बाजार के लिए आधार प्रदान करती है.

सवाल - क्या अब भी सऊदी महिलाओं पर पहले जैसे सख्त प्रतिबंध हैं?
जवाब-
 सऊदी महिलाओं को 10 साल पहले की तुलना में आज बहुत से अधिकार और आजादी मिल गई है, जबकि पहले वो अकेले सड़क पर निकल नहीं सकती थीं.

सवाल- सऊदी अरब में बेरोज़गारी दर घटकर कितनी हो गई?
जवाब- 2.8%

सवाल- कैसे हुआ चमत्कार?
जवाब-
विज़न 2030 आर्थिक सुधार से. सरकार ने बुनियादी ढाँचे, प्रौद्योगिकी, पर्यटन (जैसे, NEOM और लाल सागर परियोजना) और वित्तीय सेवाओं में भारी निवेश किया है, जिससे हज़ारों नए रोज़गार पैदा हुए हैं. सऊदी में पॉलिसी एम्प्लाई फ्रेंडली हुई है और महिलाओं को रोजगार दिए जाने में भारी उछाल आया है. 2018 के बाद के सुधारों, जिनमें गतिशीलता और संरक्षकता संबंधी प्रतिबंध हटा दिए गए थे, इसलिए सऊदी महिलाओं को अभूतपूर्व तादाद में नौकरियां मिलीं. पिछली तिमाही की तुलना में महिलाओं की बेरोज़गारी में 1.2% की गिरावट आई. निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया गया. सऊदी नागरिकों को नियुक्त करने वाली कंपनियों को सब्सिडी, करों में ढील और त्वरित लाइसेंस देने से सऊदी अरब में रोजगार की बहार आ गई है.

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