Mark Carney on India: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का दौर अब खत्म हो चुका है. खालिस्तानियों के हमदर्द ट्रूडो के राज में भारत और कनाडा के रिश्ते काफी खराब गए थे. अब नए पीएम बनने जा रहे मार्क कार्नी ने भारत से संबंधों को लेकर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने साफ कर दिया है कि कनाडा भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है और वह भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मतलब यह कि उन्होंने इशारों में कह दिया कि ट्रूडो वाली गलती वह नहीं करेंगे.
कुछ घंटे पहले लिबरल पार्टी के नेता चुने गए मार्क कार्नी को जबर्दस्त 85.9% वोट मिले हैं. वह ऐसे समय में कनाडा के पीएम बनने जा रहे हैं जब डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद अमेरिका ने भारी भरकम टैरिफ लगा दिया है. इससे दोनों पड़ोसी देशों में तनाव चल रहा है.
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— Mark Carney (@MarkJCarney) March 10, 2025
ट्रूडो ने जनवरी में इस्तीफे की घोषणा की थी लेकिन नए पीएम के शपथ लेने तक वह पद पर बने हुए हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री बनने जा रहे केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी 59 साल के हैं. उन्होंने अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ पर पूछे सवाल का जवाब देते हुए कहा कि समान विचारधारा वाले देशों के साथ कनाडा अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहता है और भारत के साथ संबंधों को फिर से मजबूत बनाने का भी मौका है.
इंडियन इकॉनमी की गहरी समझ
उन्होंने कहा कि कॉमर्शियल रिलेशनशिप को लेकर एक साझा भावना होनी चाहिए और अगर मैं प्रधानमंत्री हूं तो मैं इसे मजबूत करना चाहूंगा. कार्नी भारत की अर्थव्यवस्था को गहराई से समझते हैं. वह जनवरी तक ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के बोर्ड में प्रमुख थे. उनके समय में ब्रुकफील्ड भारत को लेकर काफी आशावादी रहा, जो रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, निजी इक्विटी आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 30 बिलियन डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन कर रहा है.
कार्नी के बयान का कनाडा-इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष रितेश मलिक ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि एक अनुभवी अर्थशास्त्री के रूप में कार्नी और ब्रुकफील्ड के साथ उनका अनुभव इस संबंध की अहमियत को समझता है. मुझे लगता है कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता व्यापार को ध्यान में रखते हुए विदेश नीति तैयार करने की होगी और मौजूदा हालात में कनाडा-भारत के संबंध बेहतर ही होंगे.
एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कनाडा के नए पीएम भारत के साथ संबंधों को लेकर नया नजरिया सामने रखेंगे और इससे आर्थिक और रणनीतिक संबंध नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं.
करीब दो साल पहले जस्टिन ट्रूडो के खुलेआम भारत के खिलाफ दिए बयान ने हालात को तनावपूर्ण बना दिया था. एक खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा के पीएम ने भारत पर उंगली उठाई थी जबकि भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था. साफ है अब आने वाले दिनों में कनाडा और भारत फिर करीब आने वाले हैं.