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'सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता है चीन, लेकिन ये अमेरिका की कीमत पर नहीं होगा', ट्रंप के सिपहसालार की हुंकार

China vs USA: अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो ने कहा कि चीन दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनना चाहता है लेकिन वह इसे अमेरिका की कीमत पर हासिल नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे.

'सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता है चीन, लेकिन ये अमेरिका की कीमत पर नहीं होगा', ट्रंप के सिपहसालार की हुंकार
Gaurav Pandey|Updated: Jan 31, 2025, 10:38 AM IST
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Marco Rubio US Security: अमेरिका के नए निजाम डोनाल्ड ट्रंप के अंदाज इस बार बदले-बदले नजर आ रहे हैं. इन सबके बीच अमेरिका की नई सरकार ने चीन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताते हुए सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया है. ट्रंप के खास सिपहसालार और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपने पहले ही इंटरव्यू में क्लियर कर दिया है कि चीन की बढ़ती ताकत को अमेरिका नजरअंदाज नहीं करेगा और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का इतिहास मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच की घटनाओं से ही तय होगा.

चीन की बढ़ती शक्ति पर अमेरिका की पैनी नजर
दरअसल मेगन केली शो में दिए अपने इंटरव्यू में विदेश मंत्री रूबियो ने कहा कि चीन दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनना चाहता है लेकिन वह इसे अमेरिका की कीमत पर हासिल नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे. चीन हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है और हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते. रूबियो ने चीन की रणनीतियों को लेकर चिंता जताई और कहा कि अमेरिका को इससे निपटने के लिए ठोस नीतियां बनानी होंगी.

चीन की नीतियों पर कड़ा प्रहार भी.. 
लगे हाथ रूबियो ने अमेरिका की पुरानी नीतियों की आलोचना कर दी. जिनके तहत चीन को एक विकासशील देश मानते हुए उसे अनुचित व्यापार और प्रौद्योगिकी लाभ दिए गए. उन्होंने कहा कि यह मानना गलत था कि चीन अमेरिकी मूल्यों को अपनाएगा. इसके विपरीत, उसने बिना किसी बदलाव के आर्थिक रूप से खुद को मजबूत किया और अब भी इन विशेष लाभों की तलाश कर रहा है. उन्होंने दो टूक कहा कि इसे अब रोकना होगा.

चीन का सपना 2050 तक दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बनना
रूबियो ने कहा कि चीन की सोच यह है कि 2035 या 2050 तक वह दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बन जाएगा. उन्होंने यह भी माना कि चीन एक बड़ी अर्थव्यवस्था वाला शक्तिशाली देश है और वैश्विक ताकत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है लेकिन अमेरिका इसकी कीमत चुकाने को तैयार नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा और चीन को अनुचित लाभ उठाने नहीं देगा.

पनामा नहर पर चीन को रोकने का संकल्प
इसके अलावा रूबियो ने चीन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव पर भी चिंता जताई खासतौर पर पनामा नहर को लेकर. उन्होंने कहा कि अमेरिका किसी भी विदेशी ताकत, विशेष रूप से चीन को, इस रणनीतिक मार्ग पर नियंत्रण करने नहीं देगा. हम इसे जारी नहीं रहने दे सकते है. फिलहाल रूबियो के इस बयान से साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका की नई सरकार चीन को लेकर बेहद सतर्क है और उसकी विस्तारवादी नीतियों पर लगाम लगाने के लिए तैयार है.

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