Warmest Year 2023: जलवायु परिवर्तन के दुनियाभर में कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में यह सामने आया है कि पिछला साल अबतक दर्ज सबसे गर्म साल रहा और औद्योगिकीकरण से पहले के स्तर की तुलना में औसत वैश्विक तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गई. यह जानकारी एक यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने दी है. कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) के वैज्ञानिकों ने कहा कि जनवरी या फरवरी 2024 में समाप्त होने वाली 12 महीने की अवधि में 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा पार हो सकती है, जिससे जलवायु प्रभाव बढ़ सकता है.
2023 में पहली बार ऐसा हुआ जब..
असल में एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया कि इसका मतलब पेरिस समझौते में निर्दिष्ट 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा का स्थायी उल्लंघन नहीं है क्योंकि यह कई वर्षों में दीर्घकालिक वार्मिंग को संदर्भित करता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि 2023 में पहली बार ऐसा हुआ जब हर दिन औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक (1850-1900) काल के स्तर से एक डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया. साल 2023 में लगभग 50 प्रतिशत दिन 1850-1900 के स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म थे और पहली बार, नवंबर में दो दिन दो डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म थे.
1.48 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म
सी3एस के अनुसार, 2023 में वैश्विक औसत तापमान 14.98 डिग्री सेल्सियस था, जो 2016 में पिछले उच्चतम वार्षिक मूल्य से 0.17 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह 1991-2020 के औसत से 0.60 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था और 1850-1900 के बीच पूर्व-औद्योगिक स्तर की तुलना में 1.48 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था.
कई तरह के परिवर्तन
इसके साथ ही एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक क्लाइमेट चेंज होने के कारण प्रकृति में कई तरह के परिवर्तन होते नजर आने लगे हैं. बढ़ते तापमान के चलते पूरा यूरोप भीषण गर्मी से बेहाल है. बढ़ते तापमान के कारण गर्मी का अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि डॉक्टरों ने कुछ समय पहले एक व्यक्ति का दिमाग भुना हुआ बताया था. वहीं, क्लाइमेट चेंज व्यापक स्तर पर विश्व को अन्य तरीकों से भी प्रभावित करने वाला है, जिसमें लोगों की मानसिक स्थिति पर भी बात की गई थी. Agency Input