Tulsi Gabbard On Deep State assets: अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की निदेशक तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) इस वक्त भारत में है. वह 18 मार्च को यहां रायसीना डायलॉग में शिरकत करेंगी. लेकिन इससे पहले उन्होंने राजधानी दिल्ली भारत में सत्ता परिवर्तन को लेकर बड़ा बयान दिया है. वहीं, इससे पहले अमेरिकी अफसर ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अध्यक्षता मे एक हाई लेवल मीटिंग में शामिल हुईं.
दरअसल, गबार्ड से सवाल किए गए कि डीप स्टेट संपत्तियों और क्या अमेरिकी खुफिया एजेंट भारत में शासन परिवर्तन में शामिल थे? जिसपर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इसका उत्तर नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा, '...मेरी जानकारी के मुताबिक, इसका जवाब नहीं है...दुर्भाग्य से, यह एक ऐसी घटना थी, जहां लंबे वक्त तक हमारे पास खुफिया पेशेवर थे जो खुफिया-आधारित चैट नेटवर्क का इस्तेमाल करके अत्यधिक गैर-पेशेवर से स्पष्ट बातचीत कर रहे थे...."
#WATCH | Delhi | On Deep State assets and being asked if US intelligence agents were involved in regime change in India, US Director of National Intelligence Tulsi Gabbard says, "...To my knowledge, the answer is no...Unfortunately, it was an incident where, for an extended… pic.twitter.com/N8EIYQ7ghJ
— ANI (@ANI) March 17, 2025
ट्रंप प्रशासन के किसी टॉप अफसर की पहली भारत यात्रा
गबार्ड भारत की की यात्रा पर रविवार तड़के राष्ट्रीय राजधानी पहुंची हैं. यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के किसी टॉप अफसर की भारत की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है. तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग में 20 देशों के इंटेलिजेंस चीफ शिरकत करेंगे. वहीं, इससे पहले डोभाल की अगुआई में इंटेलिजेंस चीफ की मीटिंग में यह सहमति बनी है कि इन देशों की सरजमीं का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा, जिस बैठक में तुलसी गबार्ड भी मौजूद थीं.
राजनाथ सिंह ने उठाया ये मुद्दा
वहीं, इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख गबार्ड के साथ बैठक के दौरान अमेरिकी धरती पर भारतीय हितों के खिलाफ एक्टिव खालिस्तानी चरमपंथियों का मुद्दा उठाया. सोमवार को हुई बातचीत में मंत्री ने खालिस्तानी संगठन एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) की भारत विरोधी गतिविधियों पर प्रकाश डाला, जिसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने के लिए देश में बैन किया गया है.
सूत्रों ने बताया, 'भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की और अमेरिकी प्रशासन से गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा.' अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय चर्चा की, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया.