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दुनियाभर में हिंदू हितों की बात करती थी जो अफसर, ट्रंप सरकार में उसे मिला ये बड़ा ओहदा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हिंदू कमांडर को तैनाती दे दी है. इस तरह अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने तुलसी गबार्ड को अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनाने की घोषणा की है.

दुनियाभर में हिंदू हितों की बात करती थी जो अफसर, ट्रंप सरकार में उसे मिला ये बड़ा ओहदा
Shwetank Ratnamber|Updated: Nov 15, 2024, 09:00 AM IST
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Tulsi Gabbard made Hindu Voice: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हिंदू कमांडर को तैनाती दे दी है. इस तरह अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने तुलसी गबार्ड को अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनाने की घोषणा की है. तुलसी गबार्ड अपनी मां की तरह ही हिंदू धर्म को मानती हैं. वो मंदिर जाती हैं. वो हिंदुओं की मुखर आवाज रही हैं. राम-कृष्ण के भजन गाती हैं. बांग्लादेश हो या पाकिस्तान हिंदुओं पर होने वाले जुल्म पर वो आवाज उठाती हैं. हिंदुओं पर अत्याचार करने वालों को लेकर वो बेहद कठोर रुख अख्तियार करने के लिए जानी जाती रही हैं. अब ट्रंप ने इन्हें अपनी खुफिया विभाग का सर्वे सर्वा बना दिया है. तुलसी गबार्ड अब अमेरिका में 18 जासूसी एजेंसियों की देखरेख करेंगी, जिनमें दुनिया भर में अपने मिशन के लिए बदनाम CIA से लेकर FBI भी शामिल है.

हरे राम-हरे कृष्ण की धुन में भजन गा चुकीं और रामधुन सुनकर मगन हो जाने वाली तुलसी गबार्ड को ट्रंप ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. वो अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर बनाई गई हैं. यानी अमेरिका की खुफिया विभाग की बॉस. अमेरिका खुफिया टीम की नई बॉस तुलसी गबार्ड  21 साल से सोल्जर हैं अमेरिका की आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर अभी भी सेवा दे रही थीं. हिंदू परंपराओं पर अटूट विश्वास करने वाली इस महिला का मिलिट्री अवतार भी देखिए.

तुलसी गबार्ड की नियुक्ति के ट्रंप के इस फैसले से पूरी दुनिया दंग है. क्योंकि तुलसी को खुफिया विभाग में काम करने का अनुभव नहीं है. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने वही किया जिसका वादा उन्होंने भारतीय मूल के अमेरीकियों से किया था. ट्रंप ने कहा था- 'मैं हिंदुओं और भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. यदि मैं राष्ट्रपति चुना गया, तो व्हाइट हाउस में भारतीय समुदाय को एक सच्चा मित्र मिलेगा.'

व्हाइट हाउस में खुद को हिंदुओं का सच्चा दोस्त बताकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुस्तानियों का दिल तो पहले ही जीत लिया था. और अब जब वो राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं. तब उनके फैसले ये साबित कर रहे हैं कि जो उन्होंने कहा था वो कर भी रहे हैं. 

ट्रंप की टीम में हिंदुओं और हिंदू धर्म को मानने वालों का जलवा है. तुलसी गबार्ड को बेहद अहम पद दिया गया. वो अमेरिका के लिए सारी खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगी. पड़ताल करेंगी. एक्शन लेंगी. सरकार को बाखबर भी रखना तुलसी गबार्ड का ही काम होगा.

पूर्व कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड की पहचान अमेरिका की पहली हिंदू कांग्रेस वूमन के तौर पर भी है. तुलसी गबार्ड की मां हिंदू धर्म का पालन करती रही हैं जबकि पिता समोआ से हैं. हिंदू धर्म से गहरा जुड़ाव होने के कारण ही उनका नाम तुलसी रखा था.

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ भीषण जुल्म के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने जब बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा की तो तुलसी गबार्ड ने सामने आकर कड़ा विरोध किया था.

तब उन्होंने कहा था- '25 मार्च 1971 को एक सोच समझी साज़िश के तहत बांग्लादेशी हिंदुओं को पाकिस्तानी सेना ने टार्गेट किया था. ये हमले जहां-जहां हिंदुओं के गांव थे वहां किए गए. ढाका विश्वविद्यालय के जगन्नाथ हॉल में जो हमला किया गया. उसमें 5 से 10 हजार हिंदुओं का कत्ल किया गया'. 

याद होगा आपको चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए पूरे हिंदुस्तान में हवन करने के साथ अखंड ज्योति जलाई गई थी.  यज्ञ के बाद मंगलगान हुआ था. साधु संत अमेरिकी हिंदुओं से डोनाल्ड ट्रंप को वोट देने का आह्वान कर रहे थे. और अब लगता है कि ट्रंप ने इस मोहब्बत को आगे बढ़कर गले लगाया और अब व्हाइट हाउस में हिंदुओं की ताकत को बढ़ा रहे हैं.

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