DNA Analysis: छांगुर बाबा के बाद अब हम खुद को कूटनीति का बाबा समझने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नई टेंशन का विश्लेषण करेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अपने पूर्व मित्र और अब राजनीतिक प्रतिद्वंदी बनने की तैयारी कर चुके एलन मस्क की नाराज़गी महंगी पड़ रही है. एलन मस्क ने नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया है. जिसका नाम अमेरिका पार्टी रखा गया है. और जिस तरह ट्रंप के चुनाव कैंपेन में हिंदुस्तानियों ने बड़ी भूमिका निभाई थी. एलन मस्क ने भी एक भारतीय को अपनी नई पार्टी में सबसे बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है. आज आपको भी उस भारतीय के बारे में जानना चाहिए. जिस पर एलन मस्क सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं.
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— Zee News (@ZeeNews) July 7, 2025
-ट्रंप ने अपनी कंपनी टेस्ला के CFO यानि चीफ फाइनेंशियल आफिसर वैभव तनेजा को अपनी पार्टी का ट्रेज़रार बनाया है.
-इसका मतलब अमेरिका के खर्चीले चुनाव में वो मस्क की पार्टी में पैसों का प्रबंधन देखेंगे. मस्क की पार्टी को मिलने वाला राजनीतिक चंदा स्वीकार करेंगे.
- इसके अलावा वो कस्टोडियन ऑफ रिकॉर्ड भी बनाए गए हैं.
- यानि पार्टी के सारे जरूरी दस्तावेज, रिकॉर्ड, और फाइलें सुरक्षित रखने, उनको व्यवस्थित करने और जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी वैभव तनेजा के ऊपर है.
इस भारतीय के नाम और काम के बाद आपको उनके काम के दाम मतलब उनकी सैलरी के बारे में भी जानना चाहिए.
- मस्क की पार्टी के ट्रेज़रार बने वैभव तनेजा ने 2024 में 1150 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी । बिल्कुल सही सुना आपने 1150 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई.
- इस कमाई के साथ वैभव दुनिया में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले CFO है.
वैभव तनेजा का कनेक्शन भारत की राजधानी दिल्ली से है. और अब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन की एलन मस्क की मुहिम को आगे बढ़ाने में वो बड़ा रोल अदा करेंगे. आज आपको ये भी समझना चाहिए वैभव पर मस्क इतना भरोसा क्यों करते हैं.
- अमेरिका में वैभव तनेजा की पहचान टेस्ला के दमदार CFO के तौर पर होती है.
- जो दिखते कम हैं..लेकिन काम बहुत ज्यादा करते हैं.
- वैभव तनेजा अगस्त 2023 से Tesla के CFO हैं.
- और उन्होंने..कंपनी की फाइनेंस टीम को उस वक्त से लीड करना शुरू किया जब टेस्ला विस्तार और मुनाफे की कड़ी चुनौतियों से जूझ रही थी.
- उनके आने के बाद से कंपनी की बैलेंस शीट और इन्वेस्टर्स का भरोसा दोनों मजबूत हुए हैं
- वैभव अमेरिका के कानून और आर्थिक नियमों के बड़े एक्सपर्ट हैं. इसी वजह से टेस्ला के फाइनेंस को आसानी से मैनेज कर पाते हैं.
- मस्क मानते हैं वैभव का ये अनुभव उनकी नई पार्टी में बहुत ज्यादा काम आएगा.
मस्क अपनी कोर टीम में किसी को भी बहुत सोच समझ कर रखते हैं. तनेजा उनके सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में शामिल हैं. और ये ही वजह है. मस्क के हर बड़े और नए काम में आपको वैभव तनेजा जरूर नजर आएंगे. आज आपको वैभव के भारत कनेक्शन के बारे में भी जानना चाहिए. आपको ये भी जानना चाहिए 2024 में जिस भारतीय ने 1150 करोड़ रुपये की कमाई की. वो भारत से अमेरिका तक कैसे पहुंचा. ये सफर आपके साथ बैठकर इस विश्लेषण को देख रहे आपके बच्चे को भी प्रेरित कर सकता है.
- वैभव तनेजा का जन्म भारत में हुआ है. यानी वो मूल रूप से भारतीय हैं.
- दिल्ली के DPS आरके पुरम से उन्होंने स्कूली शिक्षा हासिल की.
- 1999 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से B.Com किया.
- वैभव तनेजा ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया यानि ICAI से चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई की और CA की डिग्री हासिल की.
- अमेरिका जाने से पहले वैभव ने भारत में प्राइसवाटरहाउस कूपर्स में अपना पेशेवर करियर शुरू किया.
- फिर मार्च 2016 में तनेजा सोलरसिटी कॉर्पोरेशन की फाइनेंस और अकाउंट्स टीम में शामिल हुए.
- उसी साल टेस्ला ने सोलरसिटी का अधिग्रहण किया.
- जिसके बाद 2017 में वैभव कॉर्पोरेट कंट्रोलर के रूप में टेस्ला में शामिल हुए.
- टेस्ला में जाने के बाद तनेजा तेजी से आगे बढ़े । और 2019 में वो टेस्ला के चीफ अकाउंटिंग ऑफिसर बन गए.
- फिर 2023 में उन्होंने टेस्ला के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर का पदभार संभाला.
यानि एक विशुद्ध भारतीय दिल्ली से निकलकर अमेरिका में धाक जमा रहा है. और डॉनल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ा रहा है. आज आपको मस्क की नई पाट्री के एलान के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति के रिएक्शन भी सुनना चाहिए.
ये आंकड़ा ट्रंप और मस्क को दिखाया आईना
डॉनल्ड ट्रंप को एलन मस्क की नई पार्टी बनाने की योजना बेवकूफी लग रही है. ये भी सच्चाई है. आज तक अमेरिका में कोई तीसरी पार्टी सफल नहीं हो पाई है. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को दो बातें जरूर याद रखनी चाहिए. पहली बात मस्क की मदद से ही वो इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति बन पाए हैं. और दूसरी बात मस्क कोई भी निवेश बिना सोचे समझे नहीं करते. आज आपको अमेरिका में लोकतंत्र को लेकर बढ़ रही निराशा के बारे में भी जानना चाहिए । क्योंकि ये आंकड़ा ट्रंप और मस्क, दोनों के लिए आईना दिखाने वाला है.
Pew की नई रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में लोकतंत्र से लोग संतुष्ट नहीं है. इस रिसर्च के नतीजों में अमेरिका के 62% नागरिक इस बात से नाखुश हैं कि उनके देश में लोकतंत्र कैसे काम कर रहा है. जबकि सिर्फ 37% लोग लोकतंत्र से संतुष्ट नजर आए. आज आपको इसी रिसर्च में भारत के आंकड़े भी देखने चाहिए. भारत में 74 प्रतिशत लोग लोकतंत्र से संतुष्ट हैं और सिर्फ 23 प्रतिशत लोग लोकतंत्र से संतुष्ट नहीं हैं.
यानि अमेरिका में लोकतंत्र मुश्किल में है. अमेरिका के नागरिक खुद ही अपने लोकतंत्र से नाराज़ हैं. जिसकी कमान इस वक्त डॉनल्ड ट्रंप के हाथ में है. आज दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका को मंथन करना चाहिए. अमेरिका अक्सर भारत समेत दुनिया के कई देशों को लोकतंत्र पर लेक्चर देता है. छोटी घटनाओं को तिल से ताड़ बना देता है. लेकिन इस रिपोर्ट के बाद साफ हो गया. अमेरिका को भारत से सीखने की जरूरत है. अमेरिका अगर चाहे तो अपने देश में लोकतंत्र को बेहतर बनाने के लिए भारत से ट्यूशन भी ले सकता है. क्योंकि अगर बहुत जल्द अमेरिका में सुधार नहीं हुआ. तो लोकतंत्र से असंतुष्ट लोगों की संख्या और ज्यादा बढ़ेगी. इसके बाद जिस पार्टी के साथ भारतीय रणनीतिकार मौजूद होंगे उसकी ख्याति लोकतंत्र को बचाने के लिए तेजी से बढ़ सकती है. और इसका खामियाजा ट्रंप को भी भुगतना पड़ सकता है.