Mossad-Khamenei: रूस के सबसे ताकतवर नेता राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के ऊपर ड्रोन से हमले का खतरा मंडरा रहा है तो रूस के दोस्त ईरान के सबसे ताकतवर नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के ऊपर इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद डिजिटल हमला कर रही है. दुनिया ने ईरान और इजरायल का महायुद्ध देखा. इस युद्ध के खत्म होने के बाद ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को नायक की तरह पेश किया था.
लेकिन अब इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े चैनल दावा कर रहे हैं. अयातुल्लाह अली खामेनेई या तो अपना वक्त सोकर बिताते हैं या फिर ड्रग्स के नशे में चूर रहते हैं. ये खबर दुनिया के साथ साथ भारत में भी सुर्खिया बटोर रही हैं. लेकिन अब ईरान की तरफ से इन खबरों का खंडन किया गया है.
भारत में ईरान का दूतावास इन खबरों पर नाराज़ है. और ईरान के पत्रकारों ने खामेनेई के दिन भर के रुटीन के बारे में भी जानकारी दे दी है. चलिए आपको खामेनेई पर लगाए जा रहे आरोपों और ईरान के दावों के बारे में बताते हैं. साथ ही ये भी जानिए कि खामेनेई पर ऐसे आरोप लगाकर मोसाद कौन से लक्ष्य हासिल करना चाहती है.
ईरान ने बताई खामेनेई की दिनचर्या
खामेनेई पर आरोप लगाया कि वो दिन भर सोते रहते हैं. जबकि खामेनेई के भाषण को ही आधार बनाकर ईरान के पत्रकार की तरफ से दावा किया गया कि खामेनेई की दिनचर्या बहुत संयमित है. और वो 85 साल की उम्र में भी सुबह 5 बजे उठ जाते हैं. खामेनेई पर मोसाद समर्थित अकाउंट ने आरोप लगाया कि खामेनेई ड्रग्स लेते हैं और आधे दिन ड्रग्स के नशे में चूर रहते हैं. जबकि खामेनेई की दिनचर्या के हिसाब से वो सुबह उठने के बाद पढ़ाने का काम करते हैं. नमाज़ पढ़ते हैं और दूसरे कार्यों को निपटाते हैं.
खामेनेई पर सोने और ड्रग्स के नशे में रहने के आरोपों के बीच दावा किया गया है कि वो शाम तक वो ईरान की नीतियों से जुड़े कार्यों पर फैसले लेने और जरूरी मीटिंग में व्यस्त रहते हैं. इसके बाद खामेनेई रात को सवा दस से साढ़े दस बजे तक सोने के लिए जाते हैं. खामेनेई ईरान के युवाओं को भी ड्रग्स से दूर रहने और सुबह जल्दी उठने और रात को वक्त से सोने की सलाह देते हैं.
#DNA | खामेनेई के खिलाफ 'प्रोपेगेंडा वॉर' का DNA टेस्ट, ड्रग्स वाले आरोप..अफवाह या सच्चाई ?#AliKhamenei #Iran #WorldNews @pratyushkkhare pic.twitter.com/ZuLzroT1AR
— Zee News (@ZeeNews) July 29, 2025
1979 के बाद ईरान में ड्रग्स गैर-इस्लामी
ये भी सच्चाई है कि 1979 की ईरानी क्रांति के बाद ड्रग्स को गैर-इस्लामी ठहराया गया था. खामेनेई खुद ड्रग्स के कट्टर विरोधी माने जाते हैं और ईरान में ड्रग अपराधों पर मौत की सजा दी जाती है लेकिन खामेनेई पर ऐसे आरोप लगाकर इजरायल को क्या क्या फायदा हो सकता है, चलिए अब ये जानते हैं.
खामेनेई की साख पर हमला
ऐसा करके मोसाद खामेनेई की साख पर सीधा हमला कर रही है. ईरान इस वक्त आर्थिक मुश्किलों में फंसा है. अगर सर्वोच्च नेता के सोने और ड्रग्स में डूबे रहने की बात पर ईरानी जनता को यकीन हो गया तो ईरान में असंतोष को और हवा देना आसान हो जाएगा. यानि इनफॉर्मेशन वॉरफेयर के जरिए मोसाद ईरान के अंदर अस्थिरता पैदा कर सकती है. इससे पहले अयातुल्लाह अली खामेनेई की तबीयत खराब होने की खबर आई थी. कुछ खबरों में उनको कोमा में भी बताया गया था लेकिन बाद में अयातुल्लाह खामेनेई सही सलामत नजर आए थे. अब तक खामेनेई पर ड्रग्स लेने के आरोपों के सबूत भी सामने नहीं आए हैं.
ये पूरा मामला सिर्फ आरोपों तक सीमित नहीं है. यह आधुनिक जंग का नया चेहरा है, जिसे इनफॉरमेशन वॉर फेयर कहते हैं. यहां गोलियों की जगह ट्वीट चलते हैं, मिसाइलों की जगह मीम्स और हैशटैग होते हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म युद्ध के मैदान बन जाते हैं. खामेनेई पर सीधे आरोपों के बाद ईरान और इज़रायल के बीच यह डिजिटल लड़ाई आने वाले समय में और तेज़ हो सकती है.