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जादुई गलियां! यहां 50 डिग्री में भी नहीं AC की जरूरत, तपते रेगिस्तान में कैसे मिलती है कुदरती ठंडक?

Natural Air Cooling: एयर कंडीशनिंग के ज़माने से बहुत पहले, दुबई के पुराने इलाके में लोग अपने घरों को ठंडा रखने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते थे. आज, वही तरीके एक बार फिर इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं. आइये  जानते हैं वो तरीका क्या है?  

जादुई गलियां! यहां 50 डिग्री में भी नहीं AC की जरूरत, तपते रेगिस्तान में कैसे मिलती है कुदरती ठंडक?
Md Amjad Shoab|Updated: Jul 24, 2025, 09:22 PM IST
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Dubai News: दुबई का नाम जैसे ही सामने आता है, सबसे पहले जहन में ऊंची इमारत, विलासिता आती हैं. लेकिन यहां की दोपहर काफी खतरनाक है. कहा जाता है कि यहां की दोपहर जैसी गर्मी कहीं नहीं होती. यह बेरहम और अक्सर जानलेवा होती है. लेकिन शहर का एक ऐसा हिस्सा भी है जिसके बारे में कम लोग जानते हैं, जहां आप बिना एयर कंडीशनिंग के, पुराने ज़माने के आराम का आनंद ले सकते हैं.

जैसे ही मैं दुबई के सबसे पुराने इलाकों में से एक अल फ़हीदी की संकरी गलियों में लोग दाखिल होते हैं, दोपहर की धूप से राहत मिलती है. इन छायादार गलियों की ऊंची दीवारें एक ठंडी हवा का झोंका देती हैं जो मानो कहीं से जादुई तरीके से आई हो. मानो किसी ने रेगिस्तान की तपती हवाओं को वश में करके जादू कर दिया हो. इस इलाके को बसाने वाले लोग वाकई तामीरी फन के मामले में काफी शानदार थे. हालांकि, ये इनोवेटिव स्ट्रक्चर, जो कभी घरों को कुदरती तौर रूप से ठंडा रखती थीं. आज, कबूतर इनमें बसेरा करते हैं.

अल फहीदी और दुबई

शहर के इस शांत और सादगी भरे इलाके में ऐशो आराम की जगह क्रिएटिविटी और यूटिलिटी ने ले ली है. इन सड़कों का निर्माण उन लोगों की इकोलॉजिकल इंटेलिजेंस को दर्शाता है, जिन्होंने रेगिस्तानी माहौल में रहना सीखा है. अल फहीदी का एक हिस्सा 1700 के दशक का है, लेकिन यहां की इमारतों का कुदरती रूप से ठंडा, हीट रेजिस्टेंट डिजाइन आज पहले से कहीं ज्यादा अहम है. यही तामीराती अंदाज आज की आधुनिक इमारतों और सम्पूर्ण शहरों को मुतासिर कर रही है, तथा शहरी योजनाकार जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के खतरे से निपटने के लिए पुराने दुबई जैसे क्षेत्रों से मार्गदर्शन ले रहे हैं.

क्या यह तकनीक बाकी दुनिया के लिए भी कारगर हो सकती है?

इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है. लेकिन सवाल उठता है कि अगर एक इनोवेटिव स्ट्रक्चरल स्टाइल दुबई के लोगों को ठंडक दे सकती है, तो क्या यह बाकी दुनिया के लिए भी कारगर हो सकती है? चलिए जानते हैं. जबकि पिछले सा दुबई में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन इसका 'महसूस किया गया' तापमान 62 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था ( जिसमें ह्यूमिडिटी भी शामिल है). संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में एयर कंडीशनिंग आम बात है, गर्मियों में बिजली की 70 फीसदी से ज़्यादा खपत इसी में होती है. हालांकि, पारंपरिक और कुदती कूलिंग सिस्टम के समर्थकों का कहना है कि ये आजमाए हुए तरीके इमारतों को छाया देने के लिए एयर फ्लो को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, और ज़्यादा बिजली खर्च किए बिना गर्मी को बाहर रखने में मदद कर सकते हैं.

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