क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई देश इतना साफ सुथरा हो सकता हो कि वहां कोई कूड़ादान ही नहीं हो. दुनिया में एक ऐसा देश है जहां आप सड़कों पर घूम रहे हैं और आपको कहीं कूड़ेदान न दिखे तो हैरान मत होइए. वहां हाईटेक तकनीक.. वेंडिंग मशीनें और रोबोटिक सुविधाएं हर जगह मौजूद हैं. लेकिन सार्वजनिक कूड़ेदान ढूंढना मुश्किल है. रेलवे स्टेशन जैसे कुछ चुनिंदा स्थानों पर कूड़ेदान दिख भी जाएं तो वे बंद ढक्कन वाले होते हैं. यहां के नागरिक अपना कचरा खुद अपने साथ लेकर चलते हैं और उसे कहीं फेंकने की बजाय घर ले जाकर ही निपटाते हैं.
जिम्मेदारी नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा..
असल में यह देश कोई और नहीं बल्कि जापान है. यहां सफाई केवल एक जिम्मेदारी नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है. वहां के लोग सार्वजनिक स्थानों पर सफाई का अत्यधिक ध्यान रखते हैं. यह आदत बचपन से डाली जाती है. स्कूलों में बच्चे खुद अपनी कक्षा और टॉयलेट साफ करते हैं. 2022 के कतर वर्ल्ड कप में जापानी फुटबॉल फैंस द्वारा स्टेडियम की सफाई करने की तस्वीरें पूरी दुनिया में वायरल हुई थीं. जिसने जापान की सांस्कृतिक सफाई शैली को वैश्विक प्रशंसा दिलाई.
गंभीर और संवेदनशील वजह
इस व्यवस्था के पीछे एक गंभीर और संवेदनशील वजह छुपी है. 20 मार्च 1995 को टोक्यो मेट्रो में हुए सरिन गैस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. 'औम शिनरिक्यो' नामक धार्मिक पंथ के सदस्यों ने प्लास्टिक बैग में जहरीली सरिन गैस भरकर मेट्रो ट्रेनों में छोड़ी थी. जिससे 12 लोगों की जान चली गई और हजारों प्रभावित हुए. इस हमले में इस्तेमाल किए गए बैग सार्वजनिक कूड़ेदानों में रखे गए थे. जिसके बाद सरकार ने ऐलान करते हुए लगभग सभी सार्वजनिक कूड़ेदान हटा दिए.
उस दिन के बाद से जापान ने एक स्थायी निर्णय लिया. सार्वजनिक जगहों पर कूड़ेदान नहीं होंगे. जहां भी कोई कूड़ेदान लगाया जाता है. वहां क्लियर लिखा होता है कृपया अपना कचरा घर ले जाएं. यह नियम अब जापानी समाज की आदत बन चुका है. कई देशों ने आतंकवाद के बाद अस्थाई रूप से ऐसे कदम उठाए. लेकिन जापान ने इसे स्थायी रूप से लागू कर दिया और अपनी जनता को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार भी कर लिया.
हादसे को जागरूकता और आत्मनिर्भरता में बदल दिया..
जापान का यह मॉडल पूरी दुनिया के लिए मिसाल है. यह दिखाता है कि जब नागरिक जिम्मेदार और अनुशासित होते हैं तो सरकारी सुविधाओं की कमी भी बाधा नहीं बनती. जापान ने एक भयानक हादसे को जागरूकता और आत्मनिर्भरता में बदल दिया. आज वहां के लोग बिना कूड़ेदान के भी सफाई को सर्वोपरि मानते हैं.
FAQ
Q1: जापान में सार्वजनिक जगहों पर कूड़ेदान क्यों नहीं होते?
Ans: 1995 के टोक्यो सरिन गैस हमले के बाद सुरक्षा कारणों से कूड़ेदान हटा दिए गए.
Q2: क्या जापानी लोग कूड़ा फेंकते नहीं हैं?
Ans: जापानी लोग अपना कचरा खुद अपने साथ घर ले जाकर ही निपटाते हैं.
Q3: क्या यह नियम आज भी लागू है?
Ans: हपिछले करीब 30 वर्षों से जापान में सार्वजनिक कूड़ेदान नहीं होने की व्यवस्था जा