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स्पेन के एक शहर में 'ईद-बकरीद' बैन, जुमिला के फैसले में इस्लामोफोबिया क्यों दिखा?

World news in hindi: यूरोप के दूसरे सबसे बड़े देश स्पेन के जुमिला शहर में पब्लिक प्लेसेज यानी सार्वजनिक स्थलों पर मुस्लिम त्योहारों के आयोजन पर रोक लगा दी गई है. लोकल काउंसिल ने उस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है जिसमें सिविक सेंटर्स, स्पोर्ट्स हॉल जैसे पब्लिक प्लेसेज़ पर ईद-बकरीद जैसे मुस्लिम त्योहारों को मनाने पर बैन लगाने की मांग की गई थी. 

स्पेन के एक शहर में 'ईद-बकरीद' बैन, जुमिला के फैसले में इस्लामोफोबिया क्यों दिखा?
Shwetank Ratnamber|Updated: Aug 09, 2025, 12:29 AM IST
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DNA में अब हम यूरोप में मुस्लिमों के खिलाफ सबसे बड़े अभियान का DNA टेस्ट करेंगे. यूरोप के दूसरे सबसे बड़े देश स्पेन के जुमिला शहर में पब्लिक प्लेसेज यानी सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम त्योहारों के आयोजन पर रोक लगा दी गई है. लोकल काउंसिल ने उस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है जिसमें सिविक सेंटर्स, स्पोर्ट्स हॉल जैसे पब्लिक प्लेसेज़ पर ईद-बकरीद जैसे मुस्लिम त्योहारों को मनाने पर बैन लगाने की मांग की गई थी. 

दावा किया जा रहा है - स्पेन ईसाइयों का देश है और रहेगा

फैसले में साफ-साफ कहा गया है कि जबतक स्थानीय अधिकारी ईद-बकरीद जैसे मुस्लिम त्योहारों का आयोजन नहीं कराते. तब तक पब्लिक प्लेसेज या स्पोर्ट्स सेंटर्स का इस्तेमाल इसके लिए नहीं किया जा सकता है. यानी स्पेन के जुमिला शहर में सार्वजनिक जगहों पर ईद-बकरीद नहीं मनाई जा सकेगी. जिस पार्टी की ओर से मुस्लिम त्योहार बैन करने का प्रस्ताव पेश किया गया. वो रूढ़िवादी पीपुल्स पार्टी है. लेकिन इस फैसले का जश्न वॉक्स पार्टी मना रही है. जिसका दावा है कि स्पेन ईसाइयों का देश है और रहेगा. इसी सियासत ने यहां के मुस्लिमों को विक्टिम कार्ड खेलने का मौका दे दिया है.

स्पेन में कितने मुसलमान-कितने ईसाई

लेकिन इस फैसले को धार्मिक चश्मे से देखने से पहले आपको ये ज़रूर जानना चाहिए कि जिस शहर में मुस्लिम त्योहारों पर पाबंदी लगी है. वहां मुस्लिमों की क्या तादाद है. जुमिला शहर की कुल जनसंख्या लगभग 27,000 है. जिनमें से  करीब 7.5% आबादी मुस्लिमों की है. करीब 2000 मुस्लिम यहां रहते हैं और इन मुस्लिमों में से बड़ा हिस्सा विदेशियों का हैं. 

यानी जहां सिर्फ 2000 मुस्लिम हैं और उनमें से भी कई लोग स्थानीय नागरिक हैं भी नहीं. पर उनको ऐसा लगने लगा है कि उनपर जुल्म हो रहा है. स्पेनिश फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ने तो मुस्लिम त्योहार पर बैन के फैसले को इस्लामोफोबिक और भेदभाव वाला बता दिया है. पर वो एक बताना भूल गए कि यूरोप में किस धर्म की वजह से मजहबी कट्टरपंथ बढ़ रहा है. 

बुर्का पहनने पर रोक लग चुकी

अभी कुछ समय पहले स्पेन के कुछ इलाकों में स्कूल और सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर रोक लगा दी थी. हांलाकि जिसके खिलाफ मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी किया था. तब कैथोलिक ईसाइयों ने मुस्लिम शरणार्थियों का मुद्दा उठाया था और सरकार से मांग की थी कि अगर जल्द मुस्लिम शरणार्थियों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो ईसाई खतरे में पड़ जाएंगे. स्पेन का वैसे तो कोई राजकीय धर्म नहीं है. लेकिन यहां कैथोलिक ईसाईयों की संख्या 65 फीसदी है. जबकि मुस्लिमों की आबादी 5 फीसदी है.

एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त यहां मुस्लिमों की आबादी 24 लाख के करीब है, जिनमें से करीब 11 लाख स्पेन के नागरिक हैं. 9 लाख मुस्लिमों के पास मोरक्को की नागरिकता है. तीसरे नंबर पाकिस्तानी मुस्लिम हैं. जिनकी संख्या 1 लाख के करीब है. स्पेन में करीब 20 हज़ार बांग्लादेशी भी रहते हैं. स्पेन के कैटेलोनिया राज्य में सबसे ज्यादा करीब 6 लाख 60 हज़ार मुस्लिम रहते हैं.

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