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एलन मस्क के DOGE ने दिया झटका, भारत के लिए रोका 21 मिलियन डॉलर का फंड

Elon Musk: इस फैसले को अमेरिका में नई सरकार के बजट कटौती की रणनीति से जोड़ा जा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में सरकारी खर्चों में कटौती को प्राथमिकता दी जा रही है.

एलन मस्क के DOGE ने दिया झटका, भारत के लिए रोका 21 मिलियन डॉलर का फंड
Gaurav Pandey|Updated: Feb 16, 2025, 02:09 PM IST
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DOGE funding India: एलन मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी DOGE ने भारत में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रस्तावित 21 मिलियन डॉलर की सहायता राशि को रोक दिया है. यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय अनुदान में की जा रही कटौती के तहत लिया गया है जिसमें भारत, बांग्लादेश और मोजाम्बिक जैसे कई देशों के कार्यक्रमों पर असर पड़ा है. DOGE ने शनिवार को इसकी घोषणा की है.

मतदाता जागरूकता के लिए 21 मिलियन डॉलर..
असल में DOGE के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने इस फैसले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे इन कार्यों में खर्च होने वाले थे जिन्हें अब रद्द कर दिया गया है. इस सूची में भारत में मतदाता जागरूकता के लिए प्रस्तावित 21 मिलियन डॉलर की सहायता को विशेष रूप से उल्लेख किया गया.

ट्रंप प्रशासन की नई नीति का असर
इस फैसले को अमेरिका में नई सरकार के बजट कटौती की रणनीति से जोड़ा जा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में सरकारी खर्चों में कटौती को प्राथमिकता दी जा रही है. एलन मस्क DOGE के प्रमुख हैं पहले ही कई बार यह कह चुके हैं कि अगर अमेरिका ने सरकारी खर्चों में कटौती नहीं की तो वह दिवालिया हो जाएगा. इसी नीति के तहत भारत में चुनावी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रस्तावित इस फंड को भी रोक दिया गया है.

मोदी-मस्क मुलाकात के बाद आया फैसला
DOGE का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क की मुलाकात हुई थी. इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच नवाचार, अंतरिक्ष अनुसंधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सतत विकास पर चर्चा हुई. हालांकि, इस दौरान मतदाता जागरूकता फंडिंग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया.

BJP नेता ने जताई नाराजगी
इस फैसले पर बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आपत्ति जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि $21 मिलियन मतदाता जागरूकता के लिए? यह भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप नहीं तो और क्या है? इससे फायदा किसे होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं!

अन्य देशों के अनुदान भी रद्द

भारत के अलावा, अन्य देशों में भी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की फंडिंग रोकी गई है. यह सभी कटौतियां DOGE द्वारा सरकारी खर्चों की समीक्षा और बजट नियंत्रण के तहत की जा रही हैं. एलन मस्क और उनकी टीम इस नीति के तहत कई अन्य फंडिंग प्रोजेक्ट्स की भी समीक्षा कर रहे हैं.

29 मिलियन   बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए
$39 मिलियन   नेपाल में "वित्तीय संघवाद" और "जैव विविधता संरक्षण" के लिए
$10 मिलियन   मोज़ाम्बिक में स्वैच्छिक चिकित्सा पुरुष खतना कार्यक्रम के लिए
$1.5 मिलियन   लाइबेरिया में "वोटर कॉन्फिडेंस" बढ़ाने के लिए
$14 मिलियन   माली में "सामाजिक एकता" के लिए
$2.5 मिलियन   दक्षिणी अफ्रीका में "समावेशी लोकतंत्र" को बढ़ावा देने के लिए
$47 मिलियन   एशिया में "सीखने के परिणामों में सुधार" के लिए

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