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पहले पुतिन से नहीं झुका, अब भारत के समर्थन में 56 लाख की आबादी वाले देश ने US को धो डाला

India America Trade: इस रिपोर्ट के आने की टाइमिंग भी गजब है क्योंकि अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के आरोप में टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया था. EU ने भारत की रिफाइनिंग कंपनी नायरा एनर्जी पर भी प्रतिबंध लगाया था.

पहले पुतिन से नहीं झुका, अब भारत के समर्थन में 56 लाख की आबादी वाले देश ने US को धो डाला
Gaurav Pandey|Updated: Aug 07, 2025, 07:13 AM IST
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India Russia Oil Deal: अमेरिकी टैरिफ पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में फिनलैंड जिसकी आबादी सिर्फ 56 लाख है उसने अमेरिका को भी उसकी दोहरी नीति का आईना दिखा दिया है. ये वही फिनलैंड है जो पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने भी नहीं झुका था. हुआ यह कि फिनलैंड के स्वतंत्र थिंक टैंक ने एक रिपोर्ट जारी कर अमेरिका और पश्चिमी देशों की उस कथनी-करनी में फर्क को उजागर किया है. इसमें अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर सवाल उठा रहा है मगर वह खुद रूस से भारी मात्रा में व्यापार कर रहा है.

फिनलैंड का थिंक टैंक CREA
असल में थिंक टैंक CREA ने बताया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस को जीवाश्म ईंधन के निर्यात से कुल 923 अरब यूरो की कमाई हुई. इसमें अकेले यूरोपीय संघ EU देशों की हिस्सेदारी 212 अरब यूरो यानी 23% रही जबकि भारत की हिस्सेदारी मात्र 13% यानी 121 अरब यूरो रही. चीन ने रूस से सबसे अधिक  करीब 200 अरब यूरो मूल्य की ऊर्जा खरीदी.

एक-एक करके धागा खोल दिया
इतना ही नहीं CREA की रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ कि EU सिर्फ तेल ही नहीं बल्कि रूस से उर्वरक, स्टील, केमिकल्स और ट्रांसपोर्ट उपकरण भी खरीद रहा है. वहीं अमेरिकी G7+ देशों के जहाजों ने जून 2025 में 56% रूसी समुद्री तेल की ढुलाई की जो मई की तुलना में 6% अधिक है. यानी पश्चिमी देश रूस से परोक्ष व्यापार जारी रखे हुए हैं और यह सब उस मूल्य कैप नीति के दायरे में हो रहा है. जिसे वे खुद लागू करते हैं.

इस रिपोर्ट के आने की टाइमिंग भी गजब है क्योंकि अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के आरोप में टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया था. वहीं पिछले महीने EU ने भारत की रिफाइनिंग कंपनी नायरा एनर्जी पर भी प्रतिबंध लगाया था. इन कार्रवाइयों पर भारतीय सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत के ऊर्जा हितों को लेकर उसके स्टैंड को सही साबित करती है.

भारत की सबसे बड़ी भूमिका
उधर भारत का यह भी कहना है कि वह रूसी तेल खरीदकर वैश्विक तेल कीमतों को संतुलित बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा है. भारत की खरीदारी दुनिया की कुल दैनिक आपूर्ति का लगभग 9% है जिससे कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. CREA ने यह भी बताया कि 2025 की दूसरी तिमाही में रूस की जीवाश्म ईंधन से आय 18% घटी है. यह युद्ध शुरू होने के बाद सबसे बड़ी गिरावट है जबकि निर्यात की मात्रा में 8% बढ़ोतरी हुई थी.

FAQ

Q1: CREA रिपोर्ट में अमेरिका की कौन सी दोहरी नीति उजागर की गई है?
Ans: रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका भारत की आलोचना करता है. जबकि EU और G7 खुद रूस से बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं.

Q2: रिपोर्ट के अनुसार EU और भारत की रूस से खरीद में कितना फर्क है?
Ans: EU ने रूस से 212 अरब यूरो की खरीदारी की है. जबकि भारत ने 121 अरब यूरो की.

Q3: CREA क्या है और इसका संबंध कहां से है?
Ans: Centre for Research on Energy and Clean Air एक स्वतंत्र थिंक टैंक है जो फिनलैंड में स्थित है.

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