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G-7 देशों ने पहलगाम का जिक्र करते हुए क्या कह दिया? भारत-PAK तनाव के बीच शेयर किया बयान

G-7 on India Pakistan: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा गया कि भारत और पाकिस्तान को इस तनावपूर्ण स्थिति में अधिकतम संयम बरतना चाहिए. बयान में आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई गई है.

G-7 देशों ने पहलगाम का जिक्र करते हुए क्या कह दिया? भारत-PAK तनाव के बीच शेयर किया बयान
Gaurav Pandey|Updated: May 10, 2025, 09:19 AM IST
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India Pakistan War: भारत-पाकिस्तान तनाव काफी आगे बढ़ गया है. दुनियाभर से इस को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में जी7 देशों के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने भी इस पर बयान दिया है. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा गया कि भारत और पाकिस्तान को इस तनावपूर्ण स्थिति में अधिकतम संयम बरतना चाहिए. बयान में कहा गया कि आगे कोई भी सैन्य तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है और दोनों देशों के आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई गई है.

तत्काल तनाव घटाने की अपील..
असल में जी7 ने तत्काल तनाव घटाने की अपील की और भारत-पाकिस्तान दोनों से शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रत्यक्ष संवाद शुरू करने को कहा. उन्होंने कहा कि वे हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और एक स्थायी और त्वरित राजनयिक समाधान का समर्थन करते हैं. इस बयान में आतंकवाद की स्पष्ट निंदा और शांति की दिशा में वैश्विक समर्थन का संकेत दिया गया है.

लगातार दोनों देशों के संपर्क में US

इससे पहले अमेरिका ने इस पर फिर से अपनी प्रतिक्रिया दी है. व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि यह तनाव जल्द से जल्द खत्म हो. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप दोनों देशों के बीच पुराने मतभेदों को समझते हैं और उनका मानना है कि मौजूदा हालात को और बिगड़ने से रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लगातार दोनों देशों के संपर्क में हैं और तनाव कम करने के प्रयास कर रहे हैं.

इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी कहा है कि अमेरिका इस तनाव में कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं करेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका दोनों देशों को कूटनीतिक माध्यमों से तनाव कम करने को कहेगा. लेकिन किसी सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होगा. उन्होंने चिंता जताई कि यह तनाव कहीं व्यापक युद्ध या परमाणु संघर्ष में न बदल जाए. हालांकि अभी ऐसी कोई आशंका नहीं है.

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