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Nikhil Gupta: पन्नू की हत्या की साजिश, आरोपी निखिल गुप्ता को झटका, चेक अदालत ने US प्रर्त्यपण को दी मंजूरी

Nikhil Gupta News: निखिल गुप्ता (52) पर आरोप है कि उसने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका की जमीन पर मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम किया. 

Nikhil Gupta: पन्नू की हत्या की साजिश, आरोपी निखिल गुप्ता को झटका, चेक अदालत ने US  प्रर्त्यपण को दी मंजूरी
Manish Kumar.1|Updated: Jan 20, 2024, 10:00 AM IST
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Gurpatwant Singh Pannun murder Conspiracy: प्राग हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि चेक गणराज्य निखिल गुप्ता को अमेरिका को प्रत्यर्पित कर सकता है. बता दें गुप्ता (52) पर आरोप है कि उसने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका की जमीन पर मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम किया. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है.

गुप्ता को 30 जून, 2023 को चेक गणराज्य के प्राग में गिरफ्तार किया गया था और इस समय उसे वहीं रखा गया है. अमेरिकी सरकार उसके अमेरिका प्रत्यर्पण की मांग कर रही है.

सरकार ने अदालत के फैसले पर क्या कहा?
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक चेक न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर सेपका ने कहा, 'अदालत का फैसला सभी पक्षों को सुनाए जाने के बाद, मामले की सभी फ़ाइल न्याय मंत्रालय को सौंपी जाएगी. न्याय मंत्री पावेल ब्लेज़ेक बाद में फैसला लेंगे कि गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित करने की परमिशन दी जाए या नहीं.'

प्रवक्ता ने कहा, 'यदि न्याय मंत्री को किसी मामले में अदालत के फैसले की शुद्धता के बारे में संदेह है, तो वह मामला मंत्रालय को सौंपे जाने के दिन से तीन महीने के भीतर अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं.'

प्रवक्ता ने कहा कि इस बिंदु पर मंत्री के निर्णय की समय सीमा के बारे में नहीं सोचा जा सकता है. सेपका ने कहा, 'अनुरोधित पक्ष (गुप्ता) से प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करने की उम्मीद की जा सकती है.'

 

निखिल गुप्ता ने कोर्ट में क्या दलील दी
गुप्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि उसकी पहचान गलत थी और वह वो व्यक्ति नहीं है जिसे अमेरिका तलाश रहा है. उसने मामले को राजनीतिक बताया.  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चेक न्यूज वेबसाइट www.seznamzpravy.cz  ने यह जानकारी दी. बता दें इस वेबसाइट ने ही सबसे पहले अपील के फैसले पर रिपोर्ट दी थी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक प्राग हाई कोर्ट ने निचली अदालत के दिसंबर के फैसले के खिलाफ गुप्ता की अपील को खारिज कर दिया. फैसले में प्रत्यर्पण को अनुमति की गई थी. प्राग हाई कोर्ट के एक प्रवक्ता ने तत्काल टिप्पणी से इनकार कर दिया.

गुप्ता के वकील ने क्या कहा?
चेक न्यूज वेबसाइट ने गुप्ता के वकील के हवाले से कहा कि वह मंत्री से गुप्ता का प्रत्यर्पण नहीं करने के लिए कहेंगे और मामले को संवैधानिक अदालत में भी ले जाएंगे.

इससे पहले, वकील ने दावा किया था कि चेक गणराज्य में हिरासत में रहते हुए गुप्ता के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ जिसमें लबें समय तक एकान्त जेल भी शामिल है. अदालती दस्तावेजों में दावा किया गया है कि गुप्ता आखिरी बार 2017 में अमेरिका में थे.

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