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Gyanendra Shah: 'हमें अपना राजा वापस चाहिए', वो लौट आए हैं; मनीषा कोइराला की बात से समझिए

Manisha Koirala ने अपने सोशल मीडिया खाते पर सभी नेपालियों से काठमांडू हवाई अड्डे पर पूर्व नेपाल नरेश का भव्य तरीके से स्वागत करने के लिए इकट्ठा होने का अनुरोध किया.

Gyanendra Shah: 'हमें अपना राजा वापस चाहिए',  वो लौट आए हैं; मनीषा कोइराला की बात से समझिए
Atul Chaturvedi|Updated: Mar 10, 2025, 11:17 AM IST
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Nepal King Gyanendra: नेपाल में हाल के वर्षों की राजनीतिक अस्थिरता के बीच पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच काठमांडू पहुंचे. राजशाही समर्थक कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए पहले से हवाई अड्डे पर उपस्थित थे. पोखरा से सिमरिक एयर हेलीकॉप्टर पर सवार होकर ज्ञानेंद्र जैसे ही त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे, राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों समर्थक उनके पक्ष में नारे लगाने लगे.

भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिस पर ‘हमें अपना राजा वापस चाहिए’, ‘संघीय गणतंत्र प्रणाली को खत्म करो’, ‘राजशाही को बहाल करो’ और ‘राजा और देश हमारे जीवन से भी प्यारे हैं’ जैसे नारे लिखे हुए थे.

राजशाही व्‍यवस्‍था को फिर से बहाल करने की मांग
नेपाल के पूर्व नरेश के समर्थक पिछले कुछ दिनों से काठमांडू और पोखरा सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रैली निकाल रहे हैं और मौजूदा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. ज्ञानेंद्र समर्थक जन आंदोलन के बाद 2008 में समाप्त की गई राजशाही व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं.

नेपाल के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री बी पी कोइराला की पोती एवं बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने अपने सोशल मीडिया खाते पर सभी नेपालियों से काठमांडू हवाई अड्डे पर पूर्व नेपाल नरेश का भव्य तरीके से स्वागत करने के लिए इकट्ठा होने का अनुरोध किया.

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फरवरी में लोकतंत्र दिवस के बाद से राजशाही समर्थक सक्रिय हो गए हैं. उस समय पूर्व नरेश ने एक संदेश में कहा था, ‘‘समय आ गया है कि हम देश की रक्षा करने और राष्ट्रीय एकता लाने की जिम्मेदारी लें.’’

स्‍वदेश आने पर ज्ञानेंद्र (77) सबसे पहले देश के विभिन्न भागों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से काठमांडू लौटे. हवाई अड्डे के बाहर सड़क के दोनों ओर ज्ञानेंद्र की तस्वीर और राष्ट्रीय ध्वज लेकर मोटरसाइकिलों पर सवार सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया.

दर्जनों दंगा रोधी पुलिसकर्मी नारायणहिती पैलेस संग्रहालय (पूर्व नरेश के तत्कालीन शाही महल) की रखवाली कर रहे थे क्योंकि ऐसी अफवाहें थीं कि ज्ञानेंद्र अपने समर्थकों के साथ महल में प्रवेश करेंगे. कोई अप्रिय घटना नहीं हुई क्योंकि ज्ञानेंद्र का अनुसरण करने वाली भीड़ काठमांडू के बाहरी इलाके में पूर्व नरेश के निजी आवास निर्मल निवास की ओर बढ़ गई.

(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)

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