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ये है दुनिया का सबसे खुशहाल देश.. जिसे सैनिकों ने घेर लिया, यूरोप में मचा कोहराम!

Russian troops: क्या रूस एक बार फिर यूक्रेन जैसा हमला करने की ओर बढ़ रहा है. यही सवाल अब यूरोप को परेशान कर रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों से माहौल वैसा ही लग रहा है जैसा यूक्रेन पर हमले से पहले था.

ये है दुनिया का सबसे खुशहाल देश.. जिसे सैनिकों ने घेर लिया, यूरोप में मचा कोहराम!
Gaurav Pandey|Updated: May 15, 2025, 07:51 AM IST
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NATO Finland Sweden: दुनिया के सबसे खुशहाल देश का तमगा हासिल कर चुके फिनलैंड को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. वह अब एक नए खतरे के साए में है. रूस की हालिया सैन्य गतिविधियों ने यूरोप को चिंता में डाल दिया है. हुआ यह है कि सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि रूस ने फिनलैंड की सीमा के बेहद नजदीक चार अहम ठिकानों पर बड़ी संख्या में सैनिक और सैन्य साजो-सामान तैनात कर दिए हैं. यूक्रेन पर हमले के बाद अब यह दूसरी बार है जब रूस की गतिविधियां इतने बड़े पैमाने पर दर्ज की गई हैं.

 चार ठिकानों पर बड़ी हलचल
असल में इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वीडन के राष्ट्रीय प्रसारक SVT और सैटेलाइट कंपनी प्लैनेट लैब्स द्वारा जारी तस्वीरों में यह बात सामने आई है. इसमें बताया गया कि रूस ने कामेनका, पेट्रोजावोडस्क, सेवेरोमोर्स्क-2 और ओलेन्या नाम के चार ठिकानों पर बड़ी हलचल शुरू कर दी है. कामेनका फिनलैंड की सीमा से सिर्फ 35 मील दूर है जहां फरवरी से अब तक 130 से ज्यादा सैन्य टेंट लगाए जा चुके हैं. माना जा रहा है कि यहां 2,000 तक सैनिकों की तैनाती की जा सकती है.

लगभग 50-50 बख्तरबंद गाड़ियां

पेट्रोजावोडस्क में तीन विशाल सैन्य स्टोरेज हॉल तैयार किए गए हैं, जिनमें हर एक में लगभग 50-50 बख्तरबंद गाड़ियां रखी जा सकती हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये हॉल असली सैन्य ताकत छिपाने के लिए भी बनाए गए हो सकते हैं. वहीं सेवेरोमोर्स्क-2 में हेलिकॉप्टर की भारी आवाजाही देखी गई है जिससे यह बेस रूस के हवाई ऑपरेशन का अहम केंद्र बन गया है. चौथा ठिकाना ओलेन्या है जिसे यूक्रेन पहले भी हमलों का स्रोत बता चुका है और वहां भी नई हलचल देखी गई है.

पहले ही चेतावनी दे चुका था

इस पूरी सैन्य गतिविधि का समय भी काफी मायने रखता है. फिनलैंड और स्वीडन हाल ही में NATO नाटो का हिस्सा बने हैं. और यही कारण है कि जिससे रूस खासा नाराज है. फिनलैंड अप्रैल 2023 में और स्वीडन मार्च 2024 में नाटो से जुड़ा. रूस पहले ही चेतावनी दे चुका था कि वह जवाबी कदम उठाएगा. अब उसकी ये तैयारी उसी चेतावनी को हकीकत में बदलती दिख रही है.

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