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अगर ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने से रोका, पुतिन दबा देंगे अमेरिका की ये 'नस', पंगा लेना पड़ेगा महंगा!

US India Trade: ट्रंप प्रशासन के लिए रूस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना जोखिम भरा साबित हो सकता है. भारत ने यूरोप द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद ही 2022 से रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदना शुरू किया था.

अगर ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने से रोका, पुतिन दबा देंगे अमेरिका की ये 'नस', पंगा लेना पड़ेगा महंगा!
Gaurav Pandey|Updated: Aug 02, 2025, 01:27 PM IST
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Russian oil to India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को लगातार टारगेट कर रहे हैं. रूस से खरीदे जा रहे तेल को लेकर वो नाराज हैं. उन्होंने यह तक कह दिया कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद करे. डोनाल्ड ट्रंप भले ही टैरिफ लगा दे रहे हैं लेकिन यह सब उतना आसान उनके लिए होने वाला नहीं है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है. भारत 2022 से रूस से प्रतिदिन करीब 20 लाख बैरल तेल खरीद रहा है. यह वैश्विक आपूर्ति का लगभग 2 प्रतिशत हिस्सा है. अगर यह आपूर्ति बंद होती है तो केवल भारत पर ही असर नहीं पड़ेगा. रूस पर भी असर पड़ने वाला है. 

ऐसा हुआ तो  तेल कीमतों में उछाल..
असल में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अगर भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा तो रूस कजाखस्तान से अमेरिका की अगुवाई वाली CPC पाइपलाइन को बंद कर सकता है. इस पाइपलाइन में अमेरिका की दिग्गज कंपनियां जैसे शेवरॉन और एक्सॉन की हिस्सेदारी है. यदि ऐसा हुआ तो वैश्विक तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल आ सकता है. यह 80 डॉलर प्रति बैरल से भी ऊपर जा सकता है.

 35% तेल जरूरत रूस से
भारत ने यूरोप द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद ही 2022 से रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदना शुरू किया था. वर्तमान में भारत अपनी 35% तेल जरूरत रूस से पूरी करता है. जिसकी वार्षिक कीमत लगभग 50.2 अरब डॉलर है. रूस की कंपनी रोसनेफ्ट भारत की एक बड़ी रिफाइनरी में भी हिस्सेदार है. भारतीय रिफाइनरियां यूराल्स, एस्पो और आर्कटिक जैसे कई रूसी ग्रेड के तेल खरीदती हैं.

अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद करता है तो उसे अमेरिकी और खाड़ी देशों से तेल मंगवाना पड़ेगा या रिफाइनिंग की मात्रा घटानी पड़ेगी. इसका असर यूरोप में डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है क्योंकि वहां भारत से ईंधन निर्यात होता है. इसके अलावा रूस को भी आर्थिक नुकसान होगा क्योंकि उसे तेल का स्टॉक जहाजों में रखना पड़ेगा और नए खरीदारों को भारी छूट देनी होगी.

उधर रूस इस स्थिति से निपटने के लिए मिस्र, मलेशिया, पाकिस्तान, पेरू और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की ओर निर्यात मोड़ सकता है. लेकिन भारत जैसे बड़े ग्राहक का विकल्प खोजना आसान नहीं होगा. अगर रूस CPC पाइपलाइन भी बंद कर देता है और भारत को तेल आपूर्ति रोक देता है. तो कुल 3.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति ठप हो जाएगी जो वैश्विक आपूर्ति का 3.5% है. ऐसे में ट्रंप प्रशासन के लिए रूस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना जोखिम भरा साबित हो सकता है.

FAQ
Q1: ट्रंप ने भारत से रूसी तेल आयात रोकने की धमकी क्यों दी?
Ans: ट्रंप चाहते हैं कि रूस यूक्रेन से शांति समझौता करे, वरना वो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 100% टैक्स लगाएंगे.

Q2: अगर भारत रूसी तेल नहीं खरीदेगा तो क्या असर होगा?
Ans: इससे भारत की तेल लागत बढ़ेगी, रिफाइनिंग घटेगी और वैश्विक तेल कीमतें बढ़ सकती हैं.

Q3: रूस इस हालात में क्या कदम उठा सकता है?
Ans: रूस CPC पाइपलाइन बंद कर सकता है जिससे अमेरिकी कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

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