Jaishankar Delivers 3 Messages on Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से आतंकियों का सफाया कर दिया. इस ऑपरेशन से भारत ने साफ कर दिया कि वह किसी भी तरह आतंक का बर्दाश्त नहीं करेगा. अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है और कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है. इसके साथ ही भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. जयशंकर ने शुक्रवार को जर्मनी के शीर्ष नेतृत्व को पाकिस्तान द्वारा समर्थित सीमा पार आतंकवाद से निपटने के नए दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी.
एस. जयशंकर ने जर्मनी में पाकिस्तान को लताड़ा
बर्लिन में अपने जर्मन समकक्ष जोहान वेडफुल (Johann Wadephul) के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने संकेत दिया कि पाकिस्तान के साथ भारत के व्यवहार में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए कोई जगह नहीं होगी. उन्होंने चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को यह भी बताया कि पहलगाम हमले के समय जर्मनी ने जो एकजुटता दिखाई थी, उसके लिए भारत उनकी सराहना करता है.
विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को दे दिए 3 मैसेज
जयशंकर ने कहा, 'भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता. भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. और भारत पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा. इस संबंध में किसी भी तरफ कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.' वाडेफुल ने कहा कि जर्मनी पिछले महीने पहलगाम में हुए 'क्रूर आतंकवादी हमले' से स्तब्ध है और उसने नागरिकों पर इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा,'जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ किसी भी लड़ाई का समर्थन करेगा. आतंकवाद को दुनिया में कहीं भी जगह नहीं मिलनी चाहिए और यही कारण है कि हम उन सभी का समर्थन करेंगे जिन्हें आतंकवाद से लड़ना है.'
भारत को जर्मनी का पूरा समर्थन
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने 7 मई को वाडेफुल से बात की थी, जिस दिन पाकिस्तानी धरती पर आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. उन्होंने कहा कि भारत जर्मनी की इस समझ को महत्व देता है कि 'हर देश को आतंकवाद के खिलाफ खुद की रक्षा करने का अधिकार है.' रक्षा और सुरक्षा दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और जयशंकर ने एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में जर्मनी के महत्व पर जोर दिया.
वाडेफुल ने कहा कि दोनों देश नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को बनाए रखने के संयुक्त लक्ष्य को साझा करते हैं. वाडेफुल ने कहा, 'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा नीति में एक मजबूत अभिनेता के रूप में भारत का बहुत विशेष महत्व है.' 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुए भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का जिक्र करते हुए वाडेफुल ने कहा, 'अब एक युद्धविराम लागू हो गया है, कुछ ऐसा है जिसकी हम बहुत सराहना करते हैं. अब जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि यह युद्धविराम स्थिर रहे, दोनों पक्षों के महत्वपूर्ण हितों को ध्यान में रखते हुए उस संघर्ष के लिए द्विपक्षीय समाधान खोजने के लिए बातचीत हो सके.'
तीन देशों की यात्रा पर हैं विदेश मंत्री
बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर की तीन देशों की यात्रा का अंतिम चरण जर्मनी है, जिसकी शुरुआत 19 मई को नीदरलैंड्स से हुई थी. इसके बाद उन्होंने डेनमार्क की भी आधिकारिक यात्रा की. इस दौरान उन्होंने संबंधित देशों के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)