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US: सर पर लटक रही थी हिरासत और निर्वासन की तलवार, भारत की इस बेटी को अब ट्रंप भी न हटा पाएंगे!

 Indian Student in US: अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, प्रिया की एकमात्र गलती 2021 में एक ट्रैवल एडवायजरी का उल्लंघन था. जब वो इमरजेंसी व्हीकल के लिए भी नहीं रुकी थीं, हालांकि इसके लिए उन्होंने तगड़ी कीमत चुकाई और अमेरिकी कानूनों के हिसाब से भारी भरकम जुर्माना भरा था. इसके बावजूद उनके केस को गंभीर बताते हुए एक्शन होने जा रहा था.

US: सर पर लटक रही थी हिरासत और निर्वासन की तलवार, भारत की इस बेटी को अब ट्रंप भी न हटा पाएंगे!
Shwetank Ratnamber|Updated: May 18, 2025, 10:39 PM IST
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Indian student gets legal protection from deportation: ट्रंप 2.0 के राज में अमेरिका (US) में बसने का सपना तो दूर पढ़ाई लिखाई यानी स्टडी (Study in US) का सपना भी लगभग नामुमकिन सा हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि अमेरिका कोई धर्मशाला या सराय नहीं है, जहां जिसका मन करे चला आए, बस जाए और अमेरिका के मूल निवासियों का हक मारे. कुछ ऐसी अतिवादी सोच के चलते जेन्यून लोगों को भी परदेश में परेशान होना पड़ रहा है. कुछ ऐसे ही मामले में भारत की एक बेटी के सिर पर लटक रही निर्वासन की तलवार हट गई है.

प्रिया ने जीती जंग

प्रिया सक्सेना पीएचडी की छात्रा है. अब उसका अस्थाई रूप से अमेरिका में रहने का रास्ता साफ हो गया. कैसे हुआ ये चमत्कार, आपको बताते हैं. साउथ डकोटा की एक यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट प्रिया को ट्रंप प्रशासन अमेरिका से निर्वासित करने जा रहा था. प्रिया को अमेरिका की फेडरल कोर्ट से कानूनी राहत मिल गई है. कोर्ट के आदेश के बाद प्रिया को अब अमेरिका में रहने की कानूनन इजाजत यानी मंजूरी मिल गई है.

28 साल की प्रिया ने हाल ही में साउथ डकोटा स्कूल ऑफ माइंस एंड टेक्नोलॉजी से केमिकल और बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कोर्स में दाखिला लिया था. इसी साल अप्रैल में डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा एक मामूली यातायात उल्लंघन के कारण अप्रत्याशित रूप से उनके F-1 छात्र वीजा को रद्द करने के बाद उसे निर्वासन की प्रकिया का सामना करना पड़ा.

जानिए पूरा मामला

प्रिया का वीजा फरवरी 2027 तक वैध था. उसके स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVIS) रिकॉर्ड को हटा दिया गया, जिससे उसे संभावित रूप से उन्हें 10 मई को पढ़ाई पूरी करने और अमेरिका में ग्रेजुएट होने से रोका जा सकता था. लेकिन, प्रिया ने उसी दौरान ट्रंप प्रशासन पर केस दायर करके अपनी व्यथा सुनाई. फेडरल कोर्ट के जज ने उन्हें राहत देते हुए अस्थायी रूप से अमेरिका में रुकने का आदेश पास कर दिया. उसी आदेश में उसे पिछले वीकेंड में अपनी डॉक्टरेट पूरी करने और स्नातक होने की अनुमति दी थी.

रद्द हो गया था वीजा

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन ने सक्सेना के खिलाफ 'आपराधिक रिकॉर्ड' के कारण उसका छात्र वीजा रद्द कर दिया. जिसकी वजह एक सामान्य ट्रैफिक वॉयलेशन था. उस समय वो एक इमरजेंसी व्हीकल को रास्ता देने के लिए नहीं रुकी थी, हांलाकि कानून के इस उल्लंघन के लिए उसे निर्धारित जुर्माना भरना पड़ा था.

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रिया के वकील ने बताया कि आव्रजन कानून के तहत, प्रिया सक्सेना की गलती जैसे छोटे उल्लंघन निर्वासन योग्य अपराध नहीं हैं. इसी हफ्ते, साउथ डकोटा की कोर्ट ने एक प्रारंभिक निषेधाज्ञा जार करते हुए अदालत की मंजूरी के बिना प्रिया सक्सेना को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने से संबंधित अधिकारियों को रोक दिया गया था. इस तरह उसे वहां रहने की अनुमति मिल गई. जज ने कहा कि DHS की हरकतें गैरकानूनी लगती हैं और इससे प्रिया सक्सेना के फ्यूचर को गंभीर नुकसान होने की संभावना है, ऐसे में कोर्ट प्रिया को राहत देते हुए उसका निर्वासन अवैध घोषित करती है.

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