Indian Doctor Suspended in London: लंदन में भारत की एक रेडियोग्राफर के लिए उस समय परेशानी का सामना करना पड़ गया जब उसकी सच्चाई लोगों के सामने आ गई. केरल की स्मिता जॉनी, को ब्रिटेन में छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उसके हल्की फुल्की जानकारी भी नहीं थी. खबरों के मुताबिक वो हाथ-पैर का एक्स-रे करने जैसी बेसिक चीजें भी नहीं जानती थी. हालांकि हैरानी इस बात की है कि उन्होंने सरे में मौजूद नॉर्थ डाउन्स अस्पताल में जनवरी 2023 से काम शुरू किया था और दावा किया था कि उनके पास 23 साल का अनुभव है.
स्मिता ने 2021 में स्वास्थ्य और देखभाल पेशेवर परिषद (HCPC) में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था और अपनी पहली भाषा अंग्रेजी बताई थी. ब्रिटेन में काम करने के लिए रेडियोग्राफरों को इस काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना लाजमी होता है. लेकिन जांच में पाया गया कि उन्हें अंग्रेजी में ठीक से बातचीत करने में कठिनाई हो रही थी. वह रेडियोग्राफी के बेसिक स्टेप्स के बारे में सवालों के जवाब नहीं दे पा रही थी, शरीर की मूलभूत संरचना की पहचान नहीं कर पा रही थी, मशीन सेट करना नहीं आता था, अनिवार्य जीवन रक्षक प्रशिक्षण में फेल हो गई और अपने अनुभव के बारे में गलत जानकारी दी थी.
उनके मैनेजर फर्नांडो पिंटो को उनकी काम करने की सलाहियत पर इतना संदेह हुआ कि वह खुद मरीज बनकर उनके पास एक्स-रे के लिए गए. उन्होंने उनकी कमर के बजाय घुटने पर मशीन सेट कर दी, जिससे अनावश्यक रेडिएशन हुआ, जो कैंसर का कारण बन सकता था. मैनेजर ने बताया कि स्मिता को एक्स-रे मशीन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उन्हें नहीं पता था कि मशीन कैसे पोजीशन करनी है और न ही बटनों का इस्तेमाल करना आता था.
स्मिता को कलाई की स्कैफॉइड हड्डी की पहचान नहीं थी, वह गर्दन की फ्रैक्चर को नहीं समझ पाई और उसे फीमर हड्डी का भी जानकारी नहीं थी. जीवन रक्षक प्रशिक्षण में भी वे इसलिए फेल हो गई क्योंकि उसे ट्रेनर की बातें समझ नहीं आईं. अप्रैल 2023 में तीन महीने की समीक्षा बैठक में जब उसकी कमजोरियों पर सवाल उठाए गए, तो उसने बताया कि वह पहले भारत में अस्पताल की रिसेप्शन डेस्क पर मरीजों का रजिस्ट्रेशन करती थीं. उसने यह भी कहा कि उसने सीटी स्कैनर पर काम किया था, एक्स-रे मशीन पर नहीं.
स्मिता के अंदर कई तरह की कमियों को देखते हुए उसे अनधिकृत छुट्टियों पर भेज दिया गया, जो लगभग नौकरी से निकालने का ही बड़ा इशारा था. इसके बाद 26 अप्रैल 2023 को उसके मैनेजर ने HCPC को उसकी अंग्रेजी भाषा और प्रोफेशनल जानकारी की कमी के बारे में बताया गया. अस्पताल ने होम ऑफिस को भी जानकारी दी, जिसके बाद उसे 60 दिनों के अंदर ब्रिटेन छोड़ने का आदेश दिया गया. सुनवाई के दौरान स्मिता ने कहा कि भारत की एक्स-रे मशीनें ब्रिटेन की मशीनों से बिल्कुल अलग हैं और उन्होंने अस्पताल पर नस्लभेद होने का भी आरोप लगाया.