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किसी तरह जिंदा बचे रहने की कोशिश.. ईरान में इजराइली हमले के बाद भारतीय छात्रों की कैसी है हालत

Indian Students in Iran: इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष की वजह से ईरान का एयर स्पेस बंद होने की वजह से भारतीय छात्रों के बीच यह अनिश्चितता बनी हुई है कि वे कब और कैसे वापस लौट सकेंगे.

किसी तरह जिंदा बचे रहने की कोशिश.. ईरान में इजराइली हमले के बाद भारतीय छात्रों की कैसी है हालत
Sumit Rai|Updated: Jun 16, 2025, 12:34 PM IST
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Indian Students Plead for Evacuation from Iran: इजरायल और ईरान के बीच पिछले 3 दिनों से मिसाइल और ड्रोन से हमले जारी है. लगातार हो रहे हमले के बीच हजारों भारतीय छात्र भी ईरान में छिपे हुए हैं और उनका कहना है कि किसी तरह अपनी जान बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इजरायली हमले बढ़ने के साथ ही भारतीय छात्र सरकार (Indian Govt) से उन्हें निकालने की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि वे अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. बता दें कि इजरायली हमले के बाद ईरान ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है और वजह से भारतीय छात्रों के बीच यह अनिश्चितता बनी हुई है कि वे कब और कैसे वापस लौट सकेंगे.

3 दिन से सो नहीं पाए हैं भारतीय छात्र

तेहरान के शहीद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के तीसरे साल के छात्र इम्तिसाल मोहिदीन ने कहा, 'शुक्रवार को सुबह 2:30 बजे मैं तेज धमाकों की आवाज सुनकर जाग गया और बेसमेंट की ओर भागा. तब से हम सो नहीं पाए हैं. शहीद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ने बिगड़ती स्थिति को देखते हुए क्लास निलंबित कर दी हैं और इम्तिसाल मोहिदीन, उन 350 से अधिक भारतीय छात्रों में से एक है जो वहां हॉस्टल फंसे हुए हैं.

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ईरान में कई कश्मीरी स्टूडेंट्स इजरायली स्ट्राइक में घायल

तेहरान में स्टूडेंट हॉस्टर में फंसे तीन कश्मीरी छात्र इजरायली हमले में मामूली रूप से घायल हुए हैं. इसके बाद छात्रों में डर का माहौल हैं और तेहरान में मौजूद कश्मीरी छात्राओं ने कहा कि उन्हें ईरान से तुरंत निकाला जाए. तेहरान में काफी संख्या में कश्मीरी छात्र फंसे हुए हैं, जो वहां से निकलना चाहते हैं. अधिकारियों ने कश्मीर सहित सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को तेहरान के उत्तर में सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि जिस छात्रावास में कई कश्मीरी छात्र रहते हैं, उस पर ईरानी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले के दौरान हमला किया गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने X पर लिखा कि उनकी बात विदेश मंत्री से हुई हैं और वह उनके संपर्क में हैं. जबकि, मीरवाइज उमर फारूक ने भी इजरायली हवाई हमले की निंदा की, जिसमें कश्मीरी छात्र घायल हो गए. उन्होंने भारत के विदेश मंत्री से कहा कि सभी स्टूडेंट्स को तेहरान से सुरक्षित निकाला जाए.

हॉस्टर से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर धमाका

स्टूडेंड हॉस्टर और अपार्टमेंट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही विस्फोट की खबरें हैं, जिसके कारण कई लोगों को बेसमेंट में शरण लेनी पड़ी है. इम्तिसाल मोहिदीन बताया, 'हम अपने अपार्टमेंट के बेसमेंट में फंस गए हैं. हम हर रात धमाके सुनते हैं. एक धमाका सिर्फ 5 किलोमीटर दूर हुआ था. हम तीन दिनों से सोए नहीं हैं.' बता दें कि इम्तिसाल मोहिदीन जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के रहने वाले हैं.

डॉक्टर बनने आए थे, अब बस जिंदा रहने की कोशिश

यह डर सिर्फ तेहरान तक सीमित नहीं है. केरमान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रथम वर्ष के छात्र फैजान नबी ने कहा कि अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में भी दहशत फैल रही है. उन्होंने कहा, 'हमने आज अपने शहर में गोलियों की आवाज सुनी. तेहरान में मेरे दोस्त डरे हुए हैं. हमें 3-4 दिनों के लिए पीने का पानी स्टोर करने की सलाह दी गई है. यह कितना बुरा है.' श्रीनगर के रहने वाले ने बताया, 'मुझे अपने माता-पिता से एक दिन में 10 कॉल आ रहे हैं. इंटरनेट इतना धीमा है कि मैं जल्दी से एक व्हाट्सएप मैसेज भी नहीं भेज सकता. हम यहां डॉक्टर बनने के लिए आए थे, लेकिन अब हम बस जिंदा रहने की कोशिश कर रहे हैं.'

तेहरान में ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र मिदहत ने हमलों की पहली रात को 'सबसे भयावह' बताया. जम्मू-कश्मीर के सोपोर के रहने वाले मिदहत ने कहा, 'धमाके ज्यादा दूर नहीं थे. बस कुछ किलोमीटर दूरी पर धमाके हुए हैं. हर कोई घबराया हुआ है. मेरा परिवार मेरा हालचाल पूछता रहता है. हम लगातार खबरों पर नजर रख रहे हैं.'

भारतीय छात्र कर रहे ईरान से निकासी की अपील

इजरायल के साथ संघर्ष के कारण ईरान का एयर स्पेस बंद है, जिससे छात्रों को यह अनिश्चितता बनी हुई है कि वे कब और कैसे वापस लौट पाएंगे. छात्रों का कहना है कि वे घर के अंदर ही रह रहे हैं और भारतीय दूतावास से मिलने वाले मैसेज और सुरक्षा सलाह पर निर्भर हैं. मोहिदीन ने कहा, 'हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि स्थिति बिगड़ने से पहले हमें निकाल दिया जाए. दूतावास ने हेल्पलाइन शेयर की हैं और हम संपर्क में है, लेकिन हम डरे हुए हैं और हमें घर जाने की जरूरत है.'

लगातार भारतीय छात्रों के संपर्क में दूतावास

भारतीय दूतावास व्हाट्सएप के जरिए से छात्रों के संपर्क में है और सभी से घर के अंदर रहने का आग्रह करते हुए एक एडवाइजरी जारी की है. कुछ छात्रों ने कहा कि उनके विश्वविद्यालयों ने पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं की है. ईरान यूनिवर्सिटी के छात्र मिदहत ने कहा, 'हममें से ज्यादातर लोग डरे हुए हैं और घर के अंदर ही रह रहे हैं. हमें नहीं पता कि यह कब तक चलेगा.' दूतावास ने ईरान में भारतीय नागरिकों को अपडेट के लिए एक टेलीग्राम समूह में शामिल होने को कहा है और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)

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