Israel Vs Pakistan: पाकिस्तानियों को लग रहा है कि ईरान के बाद इजरायल पाकिस्तान पर हमला कर देगा. ऐसा क्यों हो रहा है आइए आपको बताते हैं. दरअसल पश्चिमी मीडिया ने पाकिस्तान की वो करतूत उजागर कर दी है जिससे पता चला है कि पाकिस्तान ने ईरान को अपनी सबसे ख़तरनाक मिसाइल भेजी है. बस इस खुलासे के बाद से पाकिस्तान बैकफुट पर है.
इजरायल को सबक सिखाने की कसम खाने के साथ ही ईरान के सुप्रीम लीडर ने अपने एक्सपीरियंस का फायदा उठाते हुए इजरायल और अमेरिका को मारने का चक्रव्यूह रच दिया है, हालांकि तेहरान का प्लान कितना कामयाब होगा ऐसी संभावनाओं से इतर पाकिस्तान की मरण मानो तय हो गई है. ईरान जीते या इजरायल जानकार कह रहे हैं कि पाकिस्तान की मौत तय है.
खामनेई ने जगाए 20 हज़ार 'शैतान','दहशत' में पाकिस्तान
जो लोग ये सोच रहे थे कि अमेरिका की धमकी के बाद ईरान झुक जाएगा, सीधा घुटनों पर आ जाएगा. मिडिल-ईस्ट से लेकर अमेरिका तक के उन लोगों को अयातुल्ला अली खामेनेई ने आज बहुत बड़ा झटका दे दिया. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई ने ऐलान कर दिया कि ईरान ना तो सरेंडर करेगा और ना ही जरबन सीजफायर स्वीकार करेगा.
अब सवाल ये है कि खामेनेई के तेवर इतने तल्ख कैसे हो गए हैं?
किस ताकत के दम पर वो अमेरिका से टकराने को तैयार नहीं हैं?
और सवाल ये भी कि आखिर 20 हज़ार शैतानों को जगाने वाला माजरा क्या है?
तो मिडिल-ईस्ट की जंग से जुड़ी सबसे बड़ी और एक्सक्लूसिव ख़बर आपको बताएं. उससे पहले कुछ पाकिस्तानियों के बयान पढ़ लीजिए क्योंकि 20 हज़ार शैतानों का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा है.
पाकिस्तान के आम और खास लोग अपनी अपनी हैसियत और पहुंच के हिसाब से पाकिस्तान के टीवी चैनलों और यू-ट्यूब चैनलों पर आकर अपनी बात रख रहे हैं. उन पाकिस्तानियों में से एक ने कहा, 'ईरान ने अपनी युद्ध की रणनीति पूरी तरह तब्दील कर दी है'.
ईरान के दो बयान
जानते हैं ये पाकिस्तानी इतना जोश में क्यों मरे जा रहे हैं. जानते हैं ये पाकिस्तानी क्यों फूले नहीं समा रहे हैं. तो इसकी वजह है ईरान की तरफ से आए दो बयान. पहला बयान खामेनेई का है, जिन्होंने सरेंडर करने से इनकार कर दिया है. दूसरा बयान ईरानी विश्लेषक हमदरिजा ग़ोलामज़्दा का है. जिसमें ऐलान कर दिया है कि ईरान के पास 20,000 से ज़्यादा मिसाइलें हैं.
जो ना सिर्फ इजरायल को तबाह करने के लिए काफी हैं. बल्कि ये खौफनाक मिसाइलें मिडिल-ईस्ट में अमेरिका के मिलिट्री बेसेस को भी मिट्टी में मिला सकती हैं.
ईरानी फॉरेन पॉलिसी विश्लेषक हमदरिजा ग़ोलामज़्दा ने कहा, 'ईरान के अंदर पूरी क्षमता है, उसके पास मिसाइलें हैं, सबकुछ है और अभी भी उसका इस रीजन के अंदर एलायंस मौजूद हैं'.
कौन सच बोल रहा?
बता दें कि इजरायली फोर्स IDF ने मंगलवार को दावा किया था कि ईरान के पास मिसाइलों की कमी पड़ गई है. खामेनेई के जंगी जखीरे में सिर्फ 1800 मिसाइलें रह गई हैं. मगर अब जिस तरह ईरान ने 20 हज़ार मिसाइलें होने का दावा किया है. यकीनन ये इजरायल के बहुत बड़ा झटका है. यकीनन इससे पाकिस्तान को खुश होने की जरूरत हैं. क्योंकि ईरान जितना ज़्यादा दिन तक जंग लड़ेगा. इजरायल पाकिस्तान से उतना ही दूर रहेगा.
अमेरिका भी हैरान!
दुनियाभर के डिफेंस एक्सपर्ट भी 20 हज़ार मिसाइलों के बारे में सुनकर हैरान हैं और दावा कर रहे हैं कि अगर वाकई ईरान के मिसाइल साइलों में इतनी मिसाइलें मौजूद हैं तो ईरान को हराना आसान नहीं हैं. क्योंकि 20 हज़ार मिसाइलों के साथ ईरान बहुत लंबी जंग लड़ सकता है. अगर वो हर दिन 200 मिसाइल इजरायल के ऊपर दागे तब भी ये मिसाइलें कम से कम 100 दिन तक ईरान को दहलाती रहेंगी.
PTI के समर्थक इमरान रियाज खान ने कहा, 'ये उम्मीद नहीं की जा रही थी कि ईरान इतने बड़े पैमाने पर आकर इजरायल पर यूं अटैक करेगा. अब ईरान की तरफ से वजीर-ए-दाखिला वाहिदी ने बयान दिया कि वो लंबी जंग के लिए तैयार हैं और जो दावा किया जा रहा है कि हमारे मिसाइल ने उन्हें नुकसान पहुंचा दिया गया है या खराब कर दिया गया है तो ये झूठ है. हमारे मिसाइल मौजूद हैं और बहुत सारे मिसाइल ऐसे हैं जिन्हें अभी तक हमने इस्तेमाल ही नहीं किया और अभी तक हमने उन्हें लॉन्च ही नहीं किया. बहुत सारी मिसाइल अभी सरप्राइज के लिए मौजूद हैं.
ईरानी मिसाइलों का जखीरा
पहली सेजिल मिसाइल- रेंज 2500 किलोमीटर. दूसरी 'खैबर' मिसाइल - रेंज 2000 किलोमीटर. तीसरी इमाद, मिसाइल- रेंज1700 किलोमीटर.
चौथी शाहाब-3 मिसाइल-रेंज 2000 किलोमीटर. पांचवीं गद्र मिसाइल रेंज 2000 किलोमीटर. छठी पावेह मिसाइल रेंज 1650 किलोमीटर.
7वीं फतेह-2 मिसाइल रेंज 1500 किलोमीटर. 8वीं खैबर शेकन- रेंज1450 किलोमीटर, 9वीं कासेम मिसाइल- रेंज 1400 किलोमीटर. 10वीं खुर्रमशहर-4.
खुर्रमशहर-4 की ताकत से सब अनजान
खुर्रमशहर-4 को ईरान अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल मानता है. जिसके बारे में दुनिया ज़्यादा कुछ नहीं जानती है. ईरान दावा करता है कि उसकी ये मिसाइल ना केवल इजरायल को पूरी तरह तहस-नहस कर सकती है बल्कि मिडिल-ईस्ट में अमेरिकी मिलिट्री बेस को भी टारगेट कर सकती है. बताते हैं कि खुर्रमशहर-4 मिसाइळ 2000 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है.
फतह-2
ईरान की मिसाइल फतह-2 के बारे में दावा है कि ईरान की फतह-2 उसकी हाइपरसोनिक मिसाइल है. जो 1500 से 1900 किलोमीटर तक मार कर सकती है. इजरायल या अमेरिका के लिए फतेह-2 को रोक पाना इसलिए भी मुश्किल है. क्योंकि ये 24700 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से हमला करती है. इतनी तेज स्पीड से आ रहे हथियार को तभी मारा जा सकता है, जब उसे वक्त रहते ट्रैक किया जा सके. मगर ईरान दावा करता है कि इजरायल और अमेरिका के पास ऐसा कोई डिफेंस सिस्टम ही नहीं है. जो इसे 30 सेकंड पहले भी ट्रैक कर सके.
शायद यही वजह है कि ईरान ने इजरायल में जिस-जिस जगह पर फतह-2 मिसाइल से हमला किया. उसे अमेरिका या इजरायल का कोई भी सिस्टम रोक नहीं पाया और ये मिसाइल अपने टारगेट को हिट करने में कामयाब रही.
इमाम अली गैरिसन
सूत्र बताते हैं कि दिन-रात बमबारी के बावजूद इजरायल अभी उस पोजीशन में नहीं आया है कि ईरान को जबरन बातचीत के टेबल पर लाया जा सके. खबर ये भी है कि इजरायली फोर्स ईरान के सीक्रेट अड्डे इमाम अली गैरिसन तक पहुंचने में नाकाम रही है. ईरान का गुप्त ठिकाना खोरमाबाद में हैं. जहां जमीन के नीचे ईरान ने 48 से ज़्यादा मिसाइल साइलो बना रखे हैं. इन्हीं में से सबसे ख़तरनाक इमाम अली गैरिसन साइलो है, वहां ईरान की वो मिसाइले रखी हैं जो परमाणु हथियार ले जा सकती हैं. इनमें 5000 से ज़्यादा शहाब-3 नाम की बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं.
साफ है कि मिडिल-ईस्ट की जंग हाल-फिलहाल थमने वाली नहीं, क्योंकि 20,000 मिसाइलें वो हैं जिनकी अभी मौजूदगी का दावा किया जा रहा है.