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Iran News: अमेरिका ने सद्दाम हुसैन का क्या हाल किया था? ईरान के खामेनेई अंडरग्राउंड!

Iran Leader Ali Khamenei: 86 साल के ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई के बारे में खबर है कि वे सीक्रेट बंकर में छिप गए हैं. अमेरिका ने कहा हैं कि हमें पता है. चेतावनी दी गई है कि वही हाल होगा जो सद्दाम हुसैन के साथ हुआ था. सद्दाम हुसैन के बारे में आज की पीढ़ी को शायद नहीं पता होगा. क्या हुआ था आज से करीब 20 साल पहले. 

Iran News: अमेरिका ने सद्दाम हुसैन का क्या हाल किया था? ईरान के खामेनेई अंडरग्राउंड!
Anurag Mishra|Updated: Jun 19, 2025, 07:47 AM IST
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Iran America Conflict: ईरान में भी कुछ वैसा ही सीन बनता जा रहा है, जैसा इराक में हुआ था. अमेरिका हो या इजरायल, ईरान के सुप्रीम लीडर को खत्म करने पर आमादा हैं. इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी भी दे दी है कि अली खामेनेई का वही हाल करेंगे, जो सद्दाम का हुआ था. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठना लाजिमी है कि इराक के शासक सद्दाम हुसैन के साथ क्या हुआ था? 2025 में सामूहिक विनाश के हथियार बनाने से रोकने की बात कहते हुए इजरायल ने ईरान पर हमला बोल दिया. कुछ ऐसा ही 2003 में हुआ था. 

22 साल पहले की कहानी

तब देश था इराक और मार्च 2003 में अमेरिकी सेना ने इराक के कथित तौर पर सामूहिक विनाश के हथियारों को नष्ट करने के लिए अटैक कर दिया. आखिर में सद्दाम हुसैन की तानाशाही का अंत हुआ था लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था. एक दिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू. बुश घोषणा करते हैं कि अमेरिकी फोर्सेज ने इराक में मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया है. पहले एयर स्ट्राइक हुई थी लेकिन इराक की लीडरशिप को पकड़ा नहीं जा सका. 

9 अप्रैल 2003 को बगदाद में सद्दाम हुसैन की एक आदमकद मूर्ति ढहा दी गई. धीरे-धीरे जनता का सपोर्ट सद्दाम के लिए खत्म हो रहा था. इराक की सेना की मदद से अमेरिका, ब्रिटिश और दूसरे साथी फोर्सेज ने सद्दाम को पकड़ने के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू किया. हालांकि इराकी आर्मी में सद्दाम के वफादार खिलाफ में लड़ रहे थे. 1 मई 2003 को अमेरिका के विमानवाहक पोत यूएसएस अब्राहम लिंकन के डेक से बुश ने घोषणा की कि ऑपरेशन खत्म हो चुका है. इराकी आर्मी को भंग कर दिया गया लेकिन सद्दाम की कोई खबर नहीं थी.

होल में छिपा था सद्दाम

दिसंबर में अमेरिकी सैनिकों ने तानाशाह को टिकरित में उसके बॉडीगार्ड के घर के करीब छोटे से होल से पकड़ लिया. बताते हैं कि तानाशाह के बॉडीगार्ड और परिवार के सदस्यों ने ही मुखबिरी की थी. उस दिन बगदाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है. इराक में मौजूद अमेरिकी राजनयिक और गठबंधन सेनाओं के प्रशासक पॉल ब्रेमर ने घोषणा की- 'देवियों और सज्जनों, हमने उसे पकड़ लिया.' इसके बाद करीब 30 सेकेंड तक हॉल में तालियां बजती रहीं. लोग खड़े होकर जश्न मनाने लगे.

अमेरिका की खुफिया जानकारी गलत निकली

आगे सद्दाम हुसैन पर मुकदमा चला तो कैमरे के सामने रिकॉर्ड भी किया गया. पूरी दुनिया ने इसे देखा. लोगों ने कहा कि अमेरिका चाहता था कि सद्दाम को अपमानित होता दुनिया देखे. हालांकि आगे बुश प्रशासन की भी किरकिरी हुई. वहां की संसद में जनवरी 2004 में बताया गया कि अमेरिका ने जैसा सोचा था वैसा कुछ नहीं था. इशारा परमाणु हथियार, रासायनिक हथियार जैसे विनाशकारी हथियारों की तरफ था. उधर, इराक में 2005 में चुनाव हुए. नूरी अल मलिकी इराक के प्रधानमंत्री बने. 

कैमरे के सामने डाला गया फांसी का फंदा

5 नवंबर 2006 को कोर्ट में सद्दाम पर फैसला सुनाया गया. फैसला सुनाने से पहले जज ने कहा कि खड़े हो जाओ. सद्दाम ने कहा कि नहीं, मैं बैठा ही रहूंगा. जज नाराज हुए. कोर्ट अफसर ने सद्दाम को खड़े होने के लिए दबाव डाला. सद्दाम चिल्लाया तो जज ने कहा कि दूर हो जाइए उससे. सद्दाम बोला कि मुझे नुकसान मत पहुंचाइए. गुस्साया सद्दाम खड़ा हो गया. पूर्व तानाशाह के खिलाफ सुनवाई पूरी हो चुकी थी और इराकी कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई. उस समय सद्दाम कोर्ट में बड़बड़ा रहा था. अल्लाह का नाम लिया. 

आखिरकार 30 दिसंबर 2006 को सद्दाम को कैमरे के सामने फांसी दे दी गई. सोशल मीडिया पर वो वीडियो आज भी मौजूद है. अब ऊपर वाली तस्वीर देख लीजिए. पहली तस्वीर उस समय की है जब सद्दाम को पकड़ा गया था और दूसरी तस्वीर फांसी से ठीक पहले की है. 

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