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अमेरिका से कब-कैसे और कहां बदला लेगा, ईरान ने दिए संकेत, खामेनेई बोले-दुश्मन की भयंकर भूल

Iran Israel War News Hindi: अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों फोरदो, नातांज और इस्फहान पर हमले किए हैं. ईरान ने इन हमलों का माकूल जवाब देने का संकेत दिया है. अयातुल्ला अली खामेनेई भी भड़के हैं.

Iran Israel War
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jun 23, 2025, 08:29 AM IST
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Iran Israel War News Today: ईरान ने उसके नातांज, फोरडो और इस्फहान परमामु संयंत्र पर हमले का बदला अमेरिका से लेने का संकेत दिया है.संयुक्त राष्ट्र में इसका ऐलान करते हुए ईरान के राजदूत ने कहा, हम कब-कहां और कैसे बदला लेंगे, ये ईरानी सेना तय करेगी. वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि दुश्मन ने भारी भूल की है, उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

खामेनेई ने एक्स पर लिखा, हम दुश्मन पर हमले तेज करेंगे. गुनहगारों को सजा मिलकर रहेगी. यहूदी देश ने बड़ी भयंकर भूल की है.उसे सजा मिलनी चाहिए और ये उसे मिलकर रहेगी. उसे सजा मिल भी रही है.गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान के तीन एटमी ठिकानों पर हमले (Operation Midnight Hammer) किए थे. उसका दावा है कि उसने ईरान की परमाणु क्षमता को बर्बाद कर दिया है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठा मुद्दा
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में इस मुद्दे पर गरमागरमी दिखी.ईरान के यूएन में प्रतिनिधि आमिर सईद इरावनी ने कहा, अमेरिका और इजरायल ने ईरान के खिलाफ उकसावेवाली कार्रवाई की है. ईरान उचित जवाब कब-कैसे और किस स्तर पर देगा, ये फैसला उसकी सेनाएं करेंगी. इरावनी ने कहा, एक बार फिर दुनिया में युद्ध अपराध के मामले में वांछित नेतन्याहू अमेरिकी विदेश नीति को हाईजैक करने में कामयाब रहे. उसने अमेरिका को एक और महंगे और बेबुनियाद जंग में घसीट लिया है.

इजरायल-अमेरिका का गठजोड़ नापाक
उन्होंने कहा, अमेरिका ने एक बार फिर बिना सोचे समझे अपनी सुरक्षा को सिर्फ इसलिए दांव पर लगाया है कि नेतन्याहू को बचाया जा सके, लेकिन ईरान को अपनी आत्मरक्षा का वैधानिक अधिकार है. ईरानी प्रतिनिधि ने कहा, परमाणु संयंत्रों पर हमले और इजरायल के बहकावे में आकर अमेरिका ने हर अमेरिकी की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है.

ईरान अमेरिका पर भड़का
ईरान ने हमले के बाद कूटनीतिक वार्ता की अमेरिकी पेशकश को भी खारिज कर दिया. इरावनी ने कहा, ईरान 15 जून को अमेरिका के साथ वार्ता की तैयारी कर रहा था, लेकिन 13 जून को इजरायल ने हमला बोलकर कूटनीति पर सबसे बड़ा प्रहार किया. ये कथित कूटनीति और संवाद की पेशकश अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने के लिए है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को तुरंत ऐसे अन्याय और कानूनों के उल्लंघन के मामले में कदम उठाना चाहिए.ऐसा नहीं होता है तो यूएन खुद अपनी हैसियत खो देगा.

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