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युद्ध में ईरान की मदद करेंगे तुर्की-पाकिस्तान! इजरायली हमले के खिलाफ कौन सा मुस्लिम देश किसके साथ, सऊदी-यूएई क्या बोले

Israel Iran War Latest News:  पाकिस्तान, तुर्की और ईरान के बीच दोस्ती जगजाहिर है. तीनों इस्लामिक देश इजरायल के खिलाफ पहले भी मोर्चेबंदी करते रहे हैं. सवाल उठता है कि इजरायली हमले के खिलाफ क्या ईरान की युद्ध में पाकिस्तान और तुर्की मदद करेंगे या नहीं.

Israel Iran War
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jun 14, 2025, 07:50 AM IST
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Israel Iran War News in Hindi: इजरायल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाते हुए 13 जून को हमला बोला और तेहरान ने भी मिसाइलों की बारिश से जवाबी पलटवार किया. इजरायल ने ईरान के परमाणु हथियार बनाने के करीब होने का दावा करते हुए ये कार्रवाई की है. इसमें ईरान का नांताज परमाणु संयंत्र समेत कई एटमी ठिकाने तबाह हो गए. ईरान की सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख और छह परमाणु वैज्ञानिक भी इस हमले में मारे गए. मध्य पूर्व में यहूदी देश इजरायल की इस कार्रवाई में अगर इस्लामिक देश पाकिस्तान और तुर्की आदि ईरान का साथ देने का फैसला करते हैं तो ये युद्ध और भयावह हो सकता है. आइए जानते हैं किस मुल्क ने अब तक क्या कहा है...

इराक ने सैन्य कार्रवाई की निंदा की
इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुडानी ने इजरायल की आक्रामक सैन्य कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने कहा कि हवाई हमले कर इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय कानून और वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. पूरे मध्यपूर्व में इससे युद्ध का खतरा मंडरा रहा है.इसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई होनी चाहिए.

ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता करा रहे ओमान ने भी इजरायल के हमले को खतरनाक और भड़काने वाली कार्रवाई बताया है. ओमान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह खाड़ी देशों में शांति और स्थिरता को खत्म कर देगा. इजरायल को इसके खतरनाक नतीजे भुगतने पड़ेंगे.

तुर्किये की तीखी प्रतिक्रिया
ईरान के करीबी दोस्त तुर्किये ने इजरायल के हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन बताया है. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजरायल के हवाई हमले से ये साबित होता है कि वो कूटनीति के जरिये मुद्दे का समाधान नहीं चाहता. उसे तुरंत ही ये आक्रामक सैन्य कार्रवाई रोकनी होगी, अन्यथा उसे परिणामों के लिए भी तैयार रहना होगा. तुर्की ने भारत की सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान को ड्रोन और अन्य हथियार दिए थे. तुर्की ने संकेत दिए हैं कि वो ईरान पर इस युद्ध को लेकर चुप नहीं बैठेगा.

पाकिस्तान ने की निंदा
पाकिस्तान ने कहा है कि ईरान पर इजरायल के हमले को कतई भी जायज नहीं ठहराया जा सकता. पाक के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान इजरायल को मान्यता नहीं देता. हम ईरान की सरकार और जनता के साथ मजबूती से खड़े हैं. ये पूरे खाड़ी क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरे की घंटी है. पाकिस्तान ने चोरी छिपे ईरान को परमाणु हथियारों की तकनीक दी थी. उसके परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान को परमाणु तस्करी में पकड़े गए थे.सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य होने के नाते पाकिस्तान यूएन में इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव भी ला सकता है. पाकिस्तान को भारत के दोस्त इजरायल से कोई कूटनीतिक फायदा नहीं है, लिहाजा वो ईरान को हथियार या अन्य मदद देकर इस्लामिक देशों के बीच अपनी साख मजबूत करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन वो अमेरिका को क्या नाराज करेगा, ये बड़ा सवाल है.

सऊदी अरब भी भड़का
शिया-सुन्नी मतभेदों और इस्लामिक देशों के बीच कड़वाहट को भुलाते हुए सऊदी अरब ने भी इजरायल के ईरान पर हवाई हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी. यह ईरान की संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तुरंत जिम्मेदारी लेते हुए इजरायल की उग्र कार्रवाई के खिलाफ एक्शन ले.

कतर भी खुश नहीं
कतर ने इसे इजरायल की खतरनाक कार्रवाई बताते हुए दुनिया भर के देशों से उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही है. कतर ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाने की इजाजत इजरायल को इसी तरह दी जाती रही तो अनर्थ होगा.

संयुक्त अरब अमीरात
यूएई ने भी इजरायली हमले की निंदा करते हुए संयम बरतने की अपील की है. यूएई विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य विकल्पों की बजाय कूटनीतिक रास्ते से ईरान को मनाना चाहिए था.

जार्डन का सख्त रुख
इजरायल और ईरान के बीच पड़ने वाले देश जार्डन ने कहा कि उनका देश युद्ध का मैदान नहीं बनेगा. जार्डन उसके हवाई क्षेत्र के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा. उसने इजरायल से ईरान पर मार करने वाली मिसाइलों को मार गिराने का संकेत दिया.

हुती और हमास का ईरान को समर्थन
यमन में ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों ने कहा कि ईरान को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है. ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने का अधिकार है.उसे इजरायली हमले के खिलाफ पूरी ताकत से जवाबी हमला करने का हक है. हमास ने कहा कि इजरायल ने खतरनाक और अपनी तबाही का रास्ता खुद चुना है.

मलयेशिया और इंडोनेशिया भी भड़के
इस्लामिक देश इंडोनेशिया ने भी ईरान पर हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उसने कहा कि ये हमला मध्य पूर्व में शांति के लिए खतरा है और ये बड़े युद्ध में तब्दील हो सकता है. अफगानिस्तान ने भी इजरायली कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है.इजरायल को मान्यता न देने वाले तालिबान ने सभी इस्लामिक देशों को साथ आने को कहा है.मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि इजरायल का हमला पूरे खाड़ी देश को जंग की आग में झोंकने वाला कदम है.

चीन की सतर्क प्रतिक्रिया   
चीन ने कहा कि इजरायली हमले से गंभीर जवाबी खतरे पैदा हो सकता है.चीन बेहद पैनी निगाह पूरे हालात पर बनाए रखे हुए हैं. वो सभी पक्षों से ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाने की अपील करता है, जो पूरे इलाके के लिए खतरा और तनाव पैदा करेगा.चीन तनाव घटाने में सकारात्मक भूमिका निभाने को तैयार है.

रूस की निगाह
रूस ने कहा कि इजरायली हमला तनाव बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है.यूरोपीय संघ ने संयम बरतने की अपील की है. जर्मनी और फ्रांस ने इजरायल का पक्ष लिया है. फ्रांस ने कहा कि ईरान ने कूटनीतिक रास्ते से हल निकालने का मौका गंवा दिया. उसे परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिया जा सकता. दुष्ट देशों की धुरी में ईरान के साथ शामिल उत्तर कोरिया ने उसका पक्ष लिया है.

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