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पुतिन ने तरेरी आंखें अब नेतन्याहू डोनाल्ड ट्रंप को दिखाएंगे ठेंगा, ईरान पर मिसाइल अटैक की तैयारी

Iran US Nuclear Talks: ईरान और इजरायल के बीच किसी से छिपी नहीं है. इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाने की फिराक में है. वहीं अमेरिका बातचीत के रास्ते से उसे परमाणु हथियारों के रास्ते से वापस लाना चाहता है.

Israel Iran Attack
Israel Iran Attack
Amrish Kumar Trivedi|Updated: May 28, 2025, 02:36 PM IST
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israel iran attack: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिन्हें अपना करीबी दोस्त और भरोसेमंद दोस्त समझते थे, अब वो ही उन्हें आंखें दिखाने लगे हैं. यूक्रेन और रूस के बीच संघर्षविराम कराने की कोशिशों में लगे ट्रंप को रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने गहरा झटका दिया था. पुतिन के आदेश पर रूसी फौजों ने यूक्रेन पर ड्रोन और मिसाइलों की बारिश कर दी. इससे ट्रंप खफा हो गए, लेकिन पुतिन को कोई फर्क नहीं पड़ा.

अब नया सिरदर्द इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बन सकते हैं, जो ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले का आदेश दे सकते हैं. ये हालात ऐसे वक्त हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान के साथ परमाणु वार्ता को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं. दोनों पक्ष बातचीत की दिशा में आगे बढ़े हैं. लेकिन ट्रंप प्रशासन को डर है कि  परमाणु वार्ता के बीच ही नेतन्याहू अपने दुश्मन देश के एटमी ठिकानों को निशाना बना सकते हैं. ऐसा हुआ तो मध्य पूर्व में एक बड़ा संकट खड़ा हो सकता है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल किसी भी वक्त ऐसा हमला बोल सकता है, वो बेहद कम समय के नोटिस में ईरान के नाभिकीय संयंत्रों पर धावा बोल सकता है. ऐसे में अमेरिका को बीचबचाव का मौका नहीं मिलेगा और असहज स्थिति पैदा होगी. 

सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायली पीएम को साफ तौर पर आगाह किया है कि वो ऐसी कोई जुर्रत न करे, जिससे ईरान और अमेरिका के बीच प्रस्तावित परमाणु वार्ता पटरी से उतरे. हालांकि गाजा पट्टी पर हमास के खिलाफ हमलों को लेकर नेतन्याहू ने जिस तरह अमेरिका और दूसरे देशों के दबाव को दरकिनार किया है, उससे उम्मीद कम है कि वो किसी की मानेंगे. हालांकि इजरायल नहीं चाहेगा कि वो अमेरिका से सीधे कोई नाराजगी मोल ले. 

अमेरिकी अधिकारी ईरान से अपने परमाणु संयंत्रों में यूरेनियम संवर्धन का काम रोकने के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं ईरान अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी के तहत अमेरिकी निरीक्षकों को भी देश में आने की अनुमति देने को तैयार है. लेकिन वो यूरेनियम संवर्धन तुरंत रोकने की बात पर राजी नहीं है. 

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