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Israel-Syria Relation: ईरान की घेराबंदी के लिए इजरायल अब सीरिया पर डाल रहा डोरे, बस एक 'चट्टान' डाल रही दोस्ती में दरार!

israel iran war: इजरायल और ईरान के संबंधों में ऊपरी तौर पर तो शांति दिख रही है, लेकिन अंदरखाने में बड़ा खेल चल रहा है. ईरान के 'दोस्तों' में अब इजरायल को अपने लिए 'संभावनाएं' दिख रही हैं.   

israel iran ceasefire
israel iran ceasefire
Rahul Vishwakarma|Updated: Jul 02, 2025, 12:42 PM IST
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Israel Syria Lebanon Relations: इजरायल सीजफायर के बाद भले ही ईरान पर कोई अटैक नहीं कर रहा है, लेकिन उसने घेराबंदी शुरू कर दी है. अमेरिका की मदद से इजरायल अब ईरान के दो दोस्तों को रिझाने में लग गया है. ये दो दोस्त हैं सीरिया और लेबनान. सीरिया के साथ इजरायल अपने संबंधों को पहले की तरह सामान्य बनाना चाहता है. लेकिन इस दोस्ती में एक चट्टान आड़े आ रही है, जिसे दुनिया 'गोलान हाइट्स' के नाम से जानती है. 

छोटा लेकिन सामरिक रूप से बेहद अहम इलाका

गोलान हाइट्स सामरिक नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण इलाका है. इजरायल के उत्तर पूर्व और सीरिया के दक्षिण पश्चिम में मौजूद गोलान हाइट्स पिछले कई दशकों से दोनों मुल्कों में विवाद की वजह बना हुआ है. बेहद ऊंचाई वाला इलाका होने से ये रणनीतिक रूप से अहम हो जाता है. यहां से इजरायल के गैलिली इलाके जो कि ताजे पानी का प्रमुख स्त्रोत है, उस पर और सीरिया के मैदानी इलाकों के साथ-साथ राजधानी दमिश्क पर आसानी से नजर रखी जा सकती है. इस वजह से यह इलाका छोटा होने के बाद भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.

(ये भी पढ़ें- Cyber Dome: इजरायल और जर्मनी की जुगलबंदी दुनिया में लाएगी नई क्रांति! अमेरिका भी नहीं कर पाया ऐसा कमाल) 

58 साल पहले हुई थी जंग

1967 में इसी इलाके के लिए इजरायल और सीरिया में 6 दिन तक जंग चली थी, जिसमें इजरायल की जीत हुई और यह इलाका तेल अवीव का हो गया. तब से इजरायल इसे अपना इलाका मानता है और उधर सीरिया इसे फिर से हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है. अब अगर इस इलाके को लेकर इजरायल और सीरिया में गतिरोध खत्म हो जाए तो ईरान के लिए ये बड़ा सिरदर्द हो जाएगा. इजरायल के सामने चुनौती ये है कि अगर उसे ईरान पर दबदबा बनाए रखना है तो सीरिया को मिलाने के लिए उसे गोलान हाइट्स पर कुछ समझौता करना पड़ सकता है.  

संबंध सुधरे, लेकिन गोलान हमारा

दरअसल ये मुद्दा इस समय इसलिए उछला क्योंकि एक दिन पहले ही इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा है कि वे चाहते तो हैं कि सीरिया और लेबनान से उसके राजनयिक संबंध फिर से बहाल हा जाएं, लेकिन ये गोलान हाइट्स की कीमत पर नहीं हो सकता. गिदोन ने गोलान का जिक्र करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ शांति कायम रहे, लेकिन इजरायल अपनी संप्रभुता के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा. संदेश साफ है कि गोलान हाइट्स पर इजरायल अपना नियंत्रण बनाए रखेगा. 

ट्रंप ने भी इजरायल की तरफदारी की थी

वहीं सीरिया भी गोलान हाइट्स को अपना ही इलाका होने का दावा करता है. वैश्विक बिरादरी भी गोलान हाइट्स को सीरिया की ही जमीन मानता है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले ही कार्यकाल में इजरायल की तरफदारी करते हुए गोलान हाइट्स को तेल अवीव की जमीन के रूप में मान्यता दे दी.

3 दशकों से अरब मुल्कों से दोस्ती बढ़ा रहा इजरायल

इजरायल अपने अरब मुल्कों के साथ अपने बेहतर संबंध बीते 3 दशकों से बना रहा है. इसी क्रम में उसने 1994 में जॉर्डन, 1979 में मिस्र, 2020 में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को से दोस्ती का हाथ बढ़ाया. अब सीरिया के साथ भी इजरायल विवादों को किनारे कर आगे बढ़ना चाहता है. सीरिया का इस पर जो भी रिएक्शन होगा, उसी से तय होगा कि इस क्षेत्र में शांति रहेगी या टकराव बढ़ेगा. 

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