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आर्मी चीफ-वैज्ञानिकों को मारा, परमाणु ठिकाने उड़ाए... लेकिन ईरान को सबसे बड़ी चोट देने से कैसे चूक गया इजरायल?

Israel Iran Ceasefire: इजयरायल और ईरान के बीच भीषण युद्ध हुआ था.  इजरायल ने इस हमले में आर्मी चीफ, वैज्ञानिकों को मार गिराया था. इसके अलावा परमाणु ठिकाने को भी चोट पहुंचाई थी. अब एक खबर आई है कि इजरायल ईरान को एक और बड़ी चोट देने के फिराक में था. 

आर्मी चीफ-वैज्ञानिकों को मारा, परमाणु ठिकाने उड़ाए... लेकिन ईरान को सबसे बड़ी चोट देने से कैसे चूक गया इजरायल?
Abhinaw Tripathi |Updated: Jul 13, 2025, 05:02 PM IST
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Israel Iran Ceasefire: इजयरायल और ईरान के बीच भीषण युद्ध हुआ था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप करने के बाद आखिरकार युद्ध विराम हो गया. संघर्ष के दौरान इजरायल ने आर्मी चीफ को मार गिराया. वहीं परमाणु ठिकाने को बार- बार निशाना बनाया, इजरायल के अलावा अमेरिका भी चाहता था कि ईरान का परमाणु ठिकाना तबाह हो जाए ऐसे में उस पर कई हवाई हमले के लिए. इन सबके अलावा इजरायल- ईरान को एक और बड़ी चोट देने के फिराक में था लेकिन चूक गया. 

इस संघर्ष के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान को भी निशाना बनाया गया था और हमले के बाद उनके पैर में मामूली चोट आई थी. पेजेशकियन 16 जून को पश्चिमी तेहरान में एक इमारत को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले के दौरान घायल हुए थे. यह मिसाइल हमला उस समय हुआ जब ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की एक उच्च-स्तरीय बैठक चल रही थी. ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) से संबद्ध 'फार्स न्यूज एजेंसी' के अनुसार बैठक में पार्लियामेंट स्पीकर मोहम्मद बाघेर गालिबफ, न्यायपालिका प्रमुख मोहसेनी एजेई और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. 

इस दौरान हुए हमले में उनके पैरों में चोट आई. इस घटना ने ईरान की चिंता बढ़ा दी है. अधिकारियों को शक है कि किसी घुसपैठिए की निशानदेही पर इतना सटीक हमला किया गया. यही वजह है कि मिसाइल स्ट्राइक को लेकर जांच शुरू कर दी गई है.रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली अभियान बेरूत में हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद तैयार किया गया था. इमारत के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर छह मिसाइलें दागी गईं, ताकि बचने के रास्ते बंद हो जाएं और एयरफ्लो बाधित हो सके, जब मिसाइलें गिरीं, तब ईरानी अधिकारी इमारत की निचली मंजिल पर मौजूद थे. इसके चलते कुछ देर के लिए बिजली गुल हो गई, अफरा-तफरी के बावजूद, एक इमरजेंसी गेट से अधिकारियों को निकलने में मदद मिली, हालांकि, इस दौरान कुछ अधिकारियों को मामूली चोटें आईं.

राष्ट्रपति पेजेशकियान भी इन घायलों में शामिल थे, जो इजरायल पर उनकी हत्या की कोशिश का आरोप लगा चुके हैं. पेजेशकियान ने पत्रकार टकर कार्लसन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "उन्होंने (इजरायल) कोशिश की थी. हां, उन्होंने उसी योजना के अनुसार काम किया, लेकिन असफल रहे. ईरान इंटरनेशनल की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला पश्चिमी तेहरान में शाहरक-ए-गर्ब के पास हुआ. यह हमला 12 दिनों तक चले एक व्यापक संघर्ष का हिस्सा है, जिसके दौरान इजरायली बलों ने कथित तौर पर कई शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडर्स और न्यूक्लियर साइंटिस्ट को मार डाला था.

मारे गए लोगों में आईआरजीसी कमांडर हुसैन सलामी, ईरानी सशस्त्र बलों के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी और आईआरजीसी वायु सेना कमांडर अमीर अली हाजीजादेह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. पिछली रिपोर्ट्स में यह भी संकेत दिया गया था कि इजरायल ने संघर्ष के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें सही मौका कभी नहीं मिला. (आईएएनएस)

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