Israel agreed bilateral ceasefire with Iran: इजरायल ने ईरान के साथ अमेरिका के प्रस्ताव पर द्विपक्षीय युद्धविराम को स्वीकार कर लिया है, लेकिन उसने साफ कर दिया है कि अगर इस समझौते का उल्लंघन हुआ तो वह कड़ा जवाब देगा. इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट, रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और मोसाद के प्रमुख के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने बताया कि "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के सभी लक्ष्य हासिल कर लिए गए हैं, बल्कि उससे भी ज्यादा कामयाबी मिली है.
सीजफायर पर इजरायल ने क्या कहा?
टाइम्स ऑफ इजरायल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को खत्म कर दिया है, जो उसके लिए दोहरी और तत्काल खतरे की वजह थे. इजरायली सेना (IDF) ने तेहरान के आसमान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया और ईरान की सैन्य नेतृत्व को भारी नुकसान पहुंचाया. इसके अलावा, ईरानी सरकार के दर्जनों महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया गया.
पहली बार कबूला, हमने मारे वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक
इजरायल ने पहली बार यह भी खुलासा किया कि एक और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक को मार गिराया गया है. बयान में कहा गया, "पिछले एक दिन में भी IDF ने तेहरान के केंद्र में कई अहम सरकारी ठिकानों पर हमले किए, सैकड़ों बसीज (ईरान की दमनकारी सैन्य इकाई) के सदस्यों को खत्म किया और एक और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक की हत्या की."
इजरायल ने दिया ट्रंप को धन्यवाद
इजरायल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका का आभार जताया, जिन्होंने इस ऑपरेशन में रक्षा और सहयोग के साथ-साथ ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करने में मदद की. बयान में कहा गया कि ऑपरेशन के लक्ष्यों को हासिल करने और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ पूरी तरह तालमेल के बाद, इजरायल ने उनके द्विपक्षीय युद्धविराम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. हालांकि, इजरायल ने चेतावनी दी कि अगर युद्धविराम का कोई भी उल्लंघन हुआ तो वह तुरंत और सख्ती से जवाब देगा.
ट्रंप ने पहले किया था सीजफायर की घोषणा
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि युद्धविराम जल्द लागू होगा. यह घोषणा उस वक्त आई जब ईरान की एक बैलिस्टिक मिसाइल ने इजरायल के बेर्शेबा में एक रिहायशी इमारत पर हमला किया, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई.
सीजफायर पर पूरी दुनिया की नजर
यह युद्धविराम दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन इजरायल की सख्त चेतावनी से साफ है कि वह किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेगा. दुनिया की नजरें अब इस युद्धविराम पर टिकी हैं कि यह कितना टिकाऊ साबित होगा और क्या यह क्षेत्र में शांति ला पाएगा.