Israel Iran Attack Latest News in Hindi: इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर हमला कर सकता है. ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए अमेरिका के कूटनीतिक प्रयास फेल होने के बीच इजरायल युद्ध की तैयारी में जुटा है. हमले का खतरा भांप अमेरिका ने इराक से अपने राजनयिकों और अमेरिकी सैन्य अफसरों के परिवारों को वापस बुलाने का फैसला किया है. उधर, ब्रिटेन ने भी मध्य पूर्व के रास्ते से आने वाले व्यापारिक जहाजों को चेतावनी दी है. ईरान की खाड़ी, ओमान की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य से आने वाले जहाजों को अलर्ट रहने को कहा गया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल किसी भी कीमत में दुश्मन देश ईरान के हाथों में परमाणु हथियारों की ताकत नहीं चाहता, ये उसके वजूद के लिए खतरा बन सकती है. मध्य पूर्व के दूसरे देश और सुन्नी बहुल इस्लामिक देश यूएई औऱ सऊदी अरब भी कतई नहीं चाहते कि उनके विरोधी ईरान के हाथ में एटमी मिसाइल हो.
निर्णायक युद्ध की तैयारी में इजरायल
खबरों के मुताबिक, ईरान के पड़ोसी देश इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास में तैनात सैन्य अफसरों के परिवारों को वापस आने की अनुमति दे दी गई है, क्योंकि हमास के बाद इजरायल अब ईरान से निर्णायक जंग की तैयारी में है. इजरायल पहले भी ईरान के नांत्ज परमाणु संयंत्र पर साइबर अटैक कर उसके परमाणु कार्यक्रम को कई साल पीछे धकेल चुका था. ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों की रहस्यमयी मौत के पीछे भी इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ माना जाता है.
नेतन्याहू इंतजार के मूड में नहीं
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका को पहले लंबे समय से ईरान के परमाणु हथियारों के खतरे को लेकर आगाह करते रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही ईरान के साथ वार्ता करने और उसे परमाणु बम बनाने में इस्तेमाल यूरेनियम के और ज्यादा संवर्धन से रोकने की कूटनीतिक पहल की थी. यूएई और सऊदी अरब दौरे के वक्त ट्रंप ने इजरायल को हमला न करने से रोक लिया था, लेकिन अब नेतन्याहू और ज्यादा इंतजार के मूड में नहीं हैं.
अमेरिकी दबाव काम नहीं आया
नेतन्याहू को पता है कि ईरान अभी सबसे कमजोर हालत में है. लेबनान में हिजबुल्ला और गाजा पट्टी में हमास पर इजरायल करारी चोट कर चुका है. सीरिया में बशर अल असद सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका जा चुका है. यूएई और सऊदी अरब उससे पहले ही खुन्नस खाए बैठे हैं. इजरायल को पता है कि ईरान को अगर अब न रोका गया तो उसे परमाणु बम बनाने से फिर कभी नहीं रोका जा सकेगा. ईरान ने पाकिस्तान से चोरी छिपे परमाणु बम बनाने की तकनीक हासिल की थी. अमेरिका ईरान पर दबाव बना रहा है कि वो परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी यूरेनियम का संवर्द्धन न करे, लेकिन ईरान भी अड़ा हुआ है. ऐसे में विकल्प बेहद सीमित बचे हैं.
ईरान के परमाणु संयंत्र निशाने पर
ईरान पर इजरायल का हमला कितना बड़ा होगा, ये अभी साफ नहीं है, वो सिर्फ ईरान के परमाणु संयंत्रों पर भी निशाना बना सकता है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खमनेई ने चरणबद्ध तरीके से संवर्धित यूरेनियम भंडार को खत्म करने का अमेरिकी प्रस्ताव ठुकरा दिया है. ट्रंप ने कहा है कि ईरान के साथ परमाणु वार्ता से अब उम्मीद नहीं बची है.
परमाणु वार्ता अधर में
दोनों देशों के बीच ओमान में रविवार को प्रस्तावित वार्ता भी अटक सकती है. मध्य पूर्व से सैन्य अफसरों के परिवारों को वापस बुलाने से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है. ट्रंप ने नेतन्याहू से रविवार को फोन पर वार्ता की थी, लेकिन इसका ब्योरा सामने नहीं आया.
ईरान भी कर सकता है बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला
ईरान भी जवाबी तैयारी में जुटा है, जिसमें इजरायल का हमला होते ही वो उस पर बैलेस्टिक मिसाइलों की बारिश कर सकता है. अक्टूबर 2024 में ईरान और इजरायल में छोटी सी भिड़ंत देखने को मिली थी. हालांकि तब इजरायल ने ईरान की ज्यादातर मिसाइलों को मार गिराया था. ईरान के रक्षा मंत्री जनरल जीज नासिरजादेह ने कहा कि अगर परमाणु वार्ता नाकाम होने के बाद कोई उकसावे वाली कार्रवाई होती है तो अमेरिका को भारी कीमत चुकानी होगी. मध्य पूर्व में अमेरिका के सारे सैन्य अड्डे ईरान की पहुंच में हैं. अब बिना किसी सोच विचार के ऐसे हमले का जवाब देंगे.