Israel security cabinet approves Gaza City take over: जिसका डर था, आखिर वही हुआ. हमास को खूब समझाने के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर पूरी तरह कब्जा करने का प्लान बना लिया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि उनका मकसद गाजा पर शासन करना नहीं, बल्कि हमास को पूरी तरह खत्म करना है. शुक्रवार को इजरायल के सुरक्षा कैबिनेट ने भी इस योजना को मंजूरी दे दी, जिसमें गाजा शहर पर कब्जा करना शामिल है. आइए जानते हैं पूरी प्लानिंग और समझझते हैं पूरा मामला.
पूरी तरह गाजा पर कब्जा करने का प्लान
न्यूज एजेंसी एएनआई में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के सुरक्षा कैबिनेट ने शुक्रवार को गाजा शहर पर कब्जा करने की इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की योजना को मंजूरी दे दी है. द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार इजराइल युद्ध क्षेत्रों के बाहर नागरिक आबादी को मानवीय सहायता तो प्रदान करेगा, लेकिन हमास को किसी भी हाल में नहीं छोड़ने वाला है.
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गाजा पर कब्जा करने के बाद का क्या है प्लान?
उधर नेतन्याहू ने अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज को बताया कि इजरायल गाजा के 26 मील के इलाके पर सैन्य नियंत्रण लेगा, लेकिन इसे अपने पास रखने या शासन करने की कोई मंशा नहीं है. वो चाहते हैं कि गाजा का जिम्मा ऐसी अरब शक्ति को सौंपा जाए जो वहां सही शासन करे, इजरायल के लिए खतरा न बने और गाजा के लोगों को बेहतर जिंदगी दे. उन्होंने ये भी साफ किया कि न तो हमास और न ही फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) को गाजा का नियंत्रण दिया जाएगा. न ही कोई ऐसा समूह जो इजरायल के विनाश की वकालत करता हो."
किस बात पर रुकेगी जंग?
कैबिनेट ने नेतन्याहू के “हमास को हराने” के जिस प्रस्ताव को हरी झंडी दी है उसमें कई लक्ष्य बनाए गए हैं. जिसमें हमास का खात्मा भी शामिल है. इजरायल का मानना है कि सभी 50 बंधकों की रिहाई (जिनमें 20 के जीवित होने का अनुमान है). इजरायल का सुरक्षा नियंत्रण और ऐसी नई सरकार जो न हमास हो न पीए. नेतन्याहू का कहना है कि अगर हमास हथियार डाल दे और बंधकों को छोड़ दे, तो युद्ध तुरंत रुक सकता है. उन्होंने दावा किया कि गाजा के कुछ लोग भी हमास के खिलाफ लड़ रहे हैं.
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नेतन्याहू के प्लान का विरोध
हालांकि, इस योजना को लेकर विवाद छिड़ गया है. हमास ने नेतन्याहू के बयानों को खारिज कर दिया. जॉर्डन ने कहा कि गाजा के भविष्य का फैसला सिर्फ फिलिस्तीनियों की सहमति से होना चाहिए. कई अरब देश गाजा के पुनर्निर्माण में मदद तो करना चाहते हैं, लेकिन वो पीए की भागीदारी को जरूरी मानते हैं, ताकि वेस्ट बैंक और गाजा में एक ही शासकीय निकाय हो, जो दो-राज्य समाधान की दिशा में काम करे.