Population Crisis: कभी चहल-पहल से भरे गांव, अब सुनसान है. बिजनेस करीब-करीब बंद हो चुके हैं. सुपरमार्केट, हेयर सैलून, रेस्तरां, सभी बंद हैं. वजह सिर्फ एक? बच्चों की किलकारियों की जगह सन्नाटा गूंज रहा है. असल में वहां लोग बच्चा पैदा करने से कतराने लगे हैं, क्योंकि हालात बेहद मुश्किल हैं. महंगी ज़िंदगी, नौकरी की अनिश्चितता, घर और बच्चों की परवरिश का बढ़ता खर्च, और सरकारी मदद की कमी. नौजवान जोड़े सोचते हैं, 'जब खुद का गुज़ारा मुश्किल है, तो बच्चे को कैसे पालेंगे?' नतीजा, जन्म दर गिरती जा रही है और गांव-कस्बे बूढ़े होते जा रहे हैं.
ये कहानी उत्तरी इटली के एक शहर ओरेस की तलहटी में बसा खूबसूरत फ़्रेगोना गांव की है. जहां अब सन्नाटा है, और स्थानीय लोग तेज़ी से बड़े शहरों या विदेश जा रहे हैं. स्थानीय प्राइमरी स्कूल में सिर्फ चार बच्चे बचे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह लगातार जन्म दर और जनसंख्या में तेजी से गिरावट है.
रिपोर्ट के मुताबिक फ़्रेगोना की जनसंख्या पिछले एक दशक में करीब 20 फीसदी की कमी हो गई है. इस साल जून तक, गांव में महज चार बच्चे पैदा हुए थे और लगभग 2,700 बाकी बचे लोगों में ज्यादातर बुजुर्ग हैं. इसी वजह से उस गांव के लोगों को काफी चिंता हो रही है कि कहीं ये गांव ही नहीं खत्म हो जाए.
जबकि पिछले 10 साल में ईटली की आबादी करीब 19 लाख कम हो गई है और जन्म दर लगातार 16 साल से गिर रही है. अभी औसतन एक इतालवी महिला सिर्फ़ 1.18 बच्चे पैदा कर रहीं हैं, जो इटली के इतिहास में सबसे कम है. यह यूरोपीय संघ की औसत जन्म दर 1.38 से भी कम है और आबादी को स्थिर रखने के लिए ज़रूरी 2.1 से तो बहुत ही नीचे है.
सरकार और प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी परिवार बढ़ाने और बच्चों के जन्म को प्रोत्साहित करने की बातें करती रही हैं, लेकिन अब तक इस समस्या का हल नहीं निकल पाया है. हालांकि, कुछ कंपनियां इस समस्या को लेकर पहले से ही सतर्क हैं. वेनेटो इलाके की कुछ कंपनियों ने इस पर कदम भी उठाए हैं. घाटी में फ्रेगोना के पास एक बड़ा इंडस्ट्रियल इलाका है, जहां कई छोटी-बड़ी कंपनियां हैं, जिनमें से ज़्यादातर स्थानीय परिवारों द्वारा चलाई जाती हैं.
बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, फास्ट-फ्रीज़र बनाने वाली कंपनी आयरनॉक्स ने काफी पहले ही बच्चों की देखभाल की समस्या को समझ लिया था. कर्मचारियों को खोने से पहले ही उन्होंने कदम उठाते हुए, सात अन्य कंपनियों के साथ मिलकर, फैक्ट्री के पास ही एक नर्सरी खोल दी. यह नर्सरी पूरी तरह फ्री नहीं है, लेकिन इसमें अच्छी-खासी सब्सिडी दी जाती है. इटली में इस तरह की यह पहली परियोजना थी. आरआईएम कंपनी की वित्त प्रबंधक मेलानी सैंड्रिन कहती हैं, 'मेरे लिए यह जानना जरूरी था कि मैं अपने बेटे को बस दो मिनट की दूरी पर छोड़ सकती हूं, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत उसके पास जा सकूं.' नर्सरी न होने पर उनके लिए नौकरी करना मुश्किल हो जाता, क्योंकि वह अपने माता-पिता पर बोझ नहीं डालना चाहती थीं और सरकारी नर्सरी आमतौर पर पूरे दिन बच्चों को नहीं रखती.'