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सिर्फ 6 घंटे में बनाया 3डी रेलवे स्टेशन! तकनीक की दुनिया में जापान का नहले पर दहला

3D Railway Staion: जापान जैसे देश में जहां जनसंख्या बूढ़ी हो रही है और मजदूरों की संख्या कम हो रही है वहां ये तकनीक रेलवे जैसी सेवाओं को बनाए रखने में मददगार हो सकती है. रेलवे कंपनी का मानना है कि ये पहल दूरदराज के इलाकों में स्टेशनों को बनाए रखने का बेहतरीन तरीका बन सकती है.

सिर्फ 6 घंटे में बनाया 3डी रेलवे स्टेशन! तकनीक की दुनिया में जापान का नहले पर दहला
Gaurav Pandey|Updated: Apr 09, 2025, 08:34 AM IST
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Japan 3D Printing: तकनीक के क्षेत्र में लगातार हो रहे बदलाव अब हमारे रोजमर्रा के जीवन को भी तेजी से प्रभावित कर रहे हैं. जापान ने इसी तकनीकी क्रांति का एक अनोखा उदाहरण पेश किया है. यहां सिर्फ 6 घंटे में एक रेलवे स्टेशन को खड़ा कर दिया गया. इसकी खासियत है कि 3डी प्रिंटिंग तकनीक से इसे बनाया गया है. यह निर्माण के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि तो है साथ ही बल्कि कम लागत कम समय और कम संसाधनों में बुनियादी ढांचे को तैयार करने की दिशा में भी क्रांतिकारी कदम है. तेजी से घटती जनसंख्या और महंगे रख-रखाव के बीच जापान की यह पहल चर्चा में है. 

 3डी प्रिंटिंग तकनीक से बनाया..
असल में इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान की वेस्ट जापान रेलवे कंपनी ने दुनिया का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन तैयार किया है जिसे 3डी प्रिंटिंग तकनीक से बनाया गया. यह स्टेशन वाकायामा प्रान्त के अरिदा शहर में बना है और इसे सिर्फ 6 घंटे में जोड़ा गया. स्टेशन का नाम है हात्सुशिमा स्टेशन जो 1948 में बने पुराने लकड़ी के स्टेशन की जगह बनाया गया है.

प्रिंटिंग और तैयारी में 7 दिन लगे..
यह छोटा सा स्टेशन दिनभर में लगभग 530 यात्रियों को सेवा देता है और यहां सिर्फ एक ही रेल लाइन चलती है. वेस्ट जापान रेलवे ने इसके निर्माण के लिए Serendix नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी थी. कंपनी ने स्टेशन के हिस्से कुमामोतो स्थित एक फैक्ट्री में 3डी प्रिंट किए और उन्हें कंक्रीट से मजबूत बनाया. कुल मिलाकर प्रिंटिंग और तैयारी में 7 दिन लगे.

पार्ट्स को जगह-जगह पर फिक्स किया..
रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 मार्च को ये पार्ट्स लगभग 800 किलोमीटर दूर ट्रकों से स्टेशन स्थल तक पहुंचाए गए. स्टेशन पर जैसे ही रात 11:57 बजे आखिरी ट्रेन निकली मजदूरों ने तुरंत काम शुरू कर दिया. भारी क्रेन की मदद से सभी पार्ट्स को जगह-जगह पर फिक्स किया गया. कुछ ही घंटों में नई इमारत खड़ी कर दी गई, वो भी पुरानी बिल्डिंग से चंद फीट की दूरी पर. सुबह 5:45 पर जब पहली ट्रेन आई तब तक नया स्टेशन बनकर तैयार था.

हालांकि स्टेशन में अंदर के उपकरण जैसे टिकट मशीन कार्ड रीडर आदि जुलाई तक लगाए जाएंगे. रेलवे कंपनी के मुताबिक पारंपरिक तरीके से यह स्टेशन बनाने में दो महीने से ज्यादा का समय और दोगुना खर्च आता. इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे कम लोगों की जरूरत कम खर्चा और तेजी से निर्माण संभव है.

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