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Maldives Mayor Election: मालदीव में भी भारत का जलवा, मेयर चुनाव में मोइज्जू की पार्टी की करारी हार, पड़ गए लेने के देने

India Maldives Relations: भारत विरोधी रुख वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को उनके देश की जनता ही सपोर्ट नहीं कर रही है. माले के मेयर चुनाव में मुइज्जू की पार्टी को जनता ने हरा दिया है.

Maldives Mayor Election: मालदीव में भी भारत का जलवा, मेयर चुनाव में मोइज्जू की पार्टी की करारी हार, पड़ गए लेने के देने
Vinay Trivedi|Updated: Jan 14, 2024, 07:10 AM IST
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Male Mayor Election Results: भारत के साथ पंगा लेना मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू  (Mohamed Muizzu) को महंगा पड़ गया है. भारत का विरोध करने वाले मोहम्मद मुइज्जू को अपने ही देश में अब खिलाफत का सामना कर करना पड़ रहा है. दरअसल, भारत से चल रही टेंशन के बीच मालदीव में मेयर चुनाव (Maldives Mayor Election) हुए. जिसके नतीजों में मोहम्मद मुइज्जू को तगड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी की करारी हार हुई है. भारत का विरोध करने वाले मोहम्मद मुइज्जू की अपने ही देश में फजीहत हो गई है. जनता ने भारत का समर्थन करने वाली मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार को जिता दिया है. इससे मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

मेयर चुनाव में मुइज्जू की पार्टी को लगा झटका

बता दें कि मालदीव की राजधानी माले में मेयर की कुर्सी मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) के हाथ से निकल गई है. माले के लोगों ने भारत का समर्थन करने वाले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के उम्मीदवार को जिताया है. एमडीपी के प्रत्याशी आदम अजीम को माले की जनता ने अपना मेयर चुन लिया है.

मुइज्जू को भारी पड़ा भारत से पंगा

जान लें कि हाल ही में मेयर का पद पहले मोहम्मद मुइज्जू के पास ही था. पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस पद से इस्तीफा दिया था. लेकिन मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी माले के मेयर के पद पर काबिज नहीं रह पाई. भारत विरोधी रुख की वजह से उसके हाथ से मेयर की कुर्सी निकल गई.

भारत और मालदीव के बीच क्यों बढ़ी टेंशन?

मालदीव मीडिया के मुताबिक, आदम अजीम ने मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस की प्रत्याशी ऐशथ अजीमा शकूर को कारारी मात दी है. जान लें कि हाल ही में मालदीव के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे. जिसके बाद भारत के साथ मालदीव के संबंध खटास में पड़ गए. भारत के लोगों ने सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव का ट्रेंड भी चलाया. भारतीयों ने मालदीव की तमाम बुकिंग कैंसिल कर दी और उसकी जगह लक्षद्वीप को तरजीह दी.

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