Muhammad Yunus on India : बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर की गई हालिया टिप्पणियों पर मंगलवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इन्हें ‘शर्मनाक’ तथा ‘भड़काऊ’ करार दिया है. कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर यूनुस की एक वीडियो क्लिप साझा की.
क्या बोले यूनुस?
यूनुस उस क्लिप में यह कहते दिखाई देते हैं कि उनका देश महासागर (बंगाल की खाड़ी) का एकमात्र संरक्षक है क्योंकि भारत के पूर्वोत्तर राज्य चारों ओर से जमीन से घिरे हैं और उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे ‘बड़ी संभावनाएं’ खुलेंगी और चीन को बांग्लादेश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाना चाहिए.
यूनुस ने ये टिप्पणियां कथित तौर पर चीन की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान कीं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को कहा कि यह एक ‘बहुत गंभीर मुद्दा’ है और यह राष्ट्र की ‘सुरक्षा’ से संबंधित है.
उन्होंने संसद भवन परिसर में पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा, ‘यह बहुत शर्मनाक टिप्पणी है. वह चीनी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए हमारे देश के क्षेत्रों का उल्लेख कर रहे हैं. मुझे लगता है कि भारत को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए. यह देश की सुरक्षा को खतरे में डालता है.’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यूनुस की टिप्पणी को ‘आक्रामक और अत्यधिक निंदनीय' बताया तथा ‘चिकन्स नेक’ को दरकिनार करते हुए पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्गों की खोज को प्राथमिकता देने का आह्वान किया.
शर्मा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस द्वारा दिया गया बयान, तथाकथित अंतरिम सरकार द्वारा पूर्वोत्तर भारत के सेवेन सिस्टर्स स्टेट्स को जमीन से घिरा बताने और बांग्लादेश को उनकी समुद्री पहुंच का संरक्षक बताया जाना आक्रामक और अत्यधिक निंदनीय है. यूनुस के भड़काऊ बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि वे गहन रणनीतिक विचारों और दीर्घकालिक एजेंडे को दर्शाते हैं.’
वहीं कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा, ‘भारत को घेरने के लिए बांग्लादेश चीन को आमंत्रित कर रहा है. बांग्लादेश सरकार का यह रवैया हमारे पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है. सरकार मणिपुर की सुध नहीं ले रही है और चीन पहले ही अरुणाचल में गांव बसा चुका है.’
पिछले सप्ताह बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की और राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से प्रभावित बांग्लादेश की कमजोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीन से निवेश बढ़ाने की मांग की.
भारत के एक पूर्व राजदूत ने इन टिप्पणियों को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया, हालांकि उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली को यूनुस के बयानों से घबराना नहीं चाहिए. वर्ष 2017 से 2020 तक नीदरलैंड में भारत के राजदूत रहे वेणु राजमणि ने कहा, ‘इससे इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आता कि भारत आज क्या है और वह क्या करने में सक्षम है...(भारत) अपनी सुरक्षा चिंताओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है.’
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर राजमणि ने कहा, ‘द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में, भारत के प्रति बांग्लादेश की नीति में किसी बड़े बदलाव का कोई संकेत नहीं है.’ (इनपुट: पीटीआई भाषा)