New Zealand mountain gets legal rights as human: भारत में प्रकति की पूजा होती है. पेड़ पौधों में भगवान का वास माना जाता है. हालांकि बात कारोबार या निजी स्वार्थ की होती है तो अक्सर लोग धर्म-कर्म की बातें भूल, कुदरत की तमाम बेशकीमती संपदा का अंधाधुंध दोहन करने लगते हैं. इस बीच न्यूजीलैंड ने एक अहम फैसला लेते हुए पर्यावरण को बचाने के लिए पूरी दुनिया को आईना दिखाया है. न्यूजीलैंड ने कानून बनाकर अपने देश के पहाड़ को इंसानों की तरह समान कानूनी अधिकार दिए हैं.
सालों की मेहनत और मंथन के बाद फैसला
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक नया कानून कई सालों की मुहिम के लिए की हुई मेहनत और मंथन का नतीजा है. इसका सीधा मतलब ये हुआ कि तारानाकी माउंगा [माउंट तारानाकी] प्रभावी रूप से खुद का मालिक होगा. वहीं स्थानीय जनजातियां, आईवीआई और सरकार के प्रतिनिधि इसे सुरक्षित करने के लिए मिलकर काम करेंगे.
इस समझौते का मकसद तारानाकी क्षेत्र के मूल लोगों को उपनिवेशीकरण के दौरान उनके साथ हुए अन्याय की भरपाई करना है, जिसमें व्यापक भूमि जब्ती भी शामिल है.
वार्ता के लिए जिम्मेदार सरकार के मंत्री पॉल गोल्डस्मिथ ने कहा, 'हमें अतीत की गलतियों के कारण हुई चोट को स्वीकार करना चाहिए, ताकि हम लोगों की आकांक्षाओं को समझकर उनके सपनों को साकार करने में उनकी मदद कर सकें'.
इस विधेयक को गुरुवार को न्यूजीलैंड की संसद द्वारा कानून में पारित किया गया - जिससे पहाड़ को कानूनी नाम दिया गया और इसके आसपास की चोटियों और भूमि की रक्षा की गई. यह माओरी विश्वदृष्टिकोण को भी मान्यता देता है कि पहाड़ों सहित प्राकृतिक विशेषताएं, पूर्वज और जीवित प्राणी हैं.