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गजब केस: महिला के प्राइवेट पार्ट में होता था भयानक दर्द, अब पता चला 18 साल से उसमें फंसी थी एक सुई

थाईलैंड की महिला ने 18 साल पहले जब अपने बच्चे को जन्म दिया था, तब डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद टांके लगाते समय डॉक्टरों ने गलती से प्राइवेट पार्ट में सुई गिरा दी थी. जांच में पता चला है कि महिला के शरीर में सुई अभी भी फंसी हुई है और इस वजह से ही उसे दर्द हो रहा है.

गजब केस: महिला के प्राइवेट पार्ट में होता था भयानक दर्द, अब पता चला 18 साल से उसमें फंसी थी एक सुई
Sumit Rai|Updated: Nov 12, 2024, 11:41 AM IST
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Needle in Woman Vagina: एक महिला 18 साल तक लगातार दर्द से तड़पती रही है और अब पता चला है कि उसके प्राइवेट पार्ट में एक सुई फंसी हुई है. दरअसल, थाईलैंड की 36 साल की महिला ने 18 साल पहले अपने बच्चे को जन्म दिया था और इसके बाद से ही वह भयंकर दर्द से गुजर रही है. जब डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि महिला के शरीर में सुई फंसी हुई है और इस वजह से ही उसे दर्द हो रहा है. हालांकि, अब तक वह सुई महिला के शरीर से निकाली नहीं जा सकी है.

महिला के प्राइवेट पार्ट में कहां से आई सुई

थाईलैंड के नाराथिवाट की रहने वाली महिला की दर्द के पीछे डॉक्टरों की लापरवाही है. जब महिला ने बच्चे को जन्म दिया था, तब ऑपरेशन के बाद टांके लगाते समय डॉक्टरों ने गलती से प्राइवेट पार्ट में सुई गिरा दी. इसके बाद उन्होंने हाथ से सुई निकालने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. इसके बाद उन्होंने अधिक खून बहने के डर से सुई को अंदर ही छोड़ दिया और टांके लगा दिए.

महिला ने बयां किया दर्द

द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, 4 नवंबर को महिला ने एक एनजीओ पावेना फाउंडेशन फॉर चिल्ड्रन एंड वीमेन को बताया, 'बच्चे के जन्म के बाद टांके लगाते समय नर्स ने गलती से सुई गिरा दी. डॉक्टर ने अपनी उंगलियों से उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं निकाल पाया.' उन्होंने एनजीओ को बताया कि डॉक्टर ने घाव पर टांके लगा दिए, क्योंकि उन्हें अधिक खून बहने का डर था. रिपोर्ट में कहा गया है कि फाउंडेशन के अनुसार, कुछ दिन बाद महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगा, जो अक्सर गंभीर हो जाता था.

अब भी फंसी हुई है सुई

पिछले साल एक्स-रे से पता चला कि सुई महिला के अंदर फंसी हुई है, जिसके बाद डॉक्टरों ने महिला को सोंगखला प्रांत में सर्जरी के लिए भेजा. हालांकि, सुई उसके अंदर लगातार घूमती रहने के कारण सर्जरी को पहले ही 2-3 बार टाला जा चुका है. महिला को अपनी स्थिति की निगरानी के लिए महीने में कम से कम चार बार अस्पताल जाना पड़ता है, जिससे उसे भारी आर्थिक तनाव का सामना करना पड़ता है.

ऑपरेशन की तारीख तय नहीं

महिला की मदद करने वाले एनजीओ पवीना ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, 'चूंकि परिवार गरीब है, इसलिए उसने हमसे मदद मांगी.' इसके बाद एनजीओ ने एक सार्वजनिक अस्पताल से संपर्क किया और महिला के इलाज के लिए अपॉइंटमेंट तय किया. एनजीओ ने सोंगखला प्रांत के सामाजिक विकास और मानव सुरक्षा विभाग के साथ समन्वय करके उसके अस्पताल जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था भी की. महिला की सुई निकालने के लिए सर्जरी किस तारीख को होगी, यह अभी तक तय नहीं हुआ है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि महिला डॉक्टरों की लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई करेगी या नहीं.

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