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Pearl Harbor: 84 साल पहले का वो हमला जिससे दहला अमेरिका, अब थर्राया रूस... क्या यूक्रेन पर पुतिन करेंगे परमाणु हमला?

Ukraine-Russia War: रूस को यूक्रेन ने जंग में अब तक की सबसे करारी चोट दे दी है. ये चोट ठीक वैसी ही है, जैसे 84 साल पहले Pearl Harbor में जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त अमेरिका को दी थी. उस हमले में अमेरिका इतना तमतमा गया था कि उसने 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी, दो शहरों को परमाणु हमले से बर्बाद कर दिया और लाखों लोगों की जान ले ली. अब फिर से ये सवाल होने लगा है कि क्या पुतिन इस हमले का इंतकाम लेने के लिए यूक्रेन पर न्यूक्लियर अटैक करेंगे?   

ukraine drone attack on russia
ukraine drone attack on russia
Rahul Vishwakarma|Updated: Jun 03, 2025, 01:41 PM IST
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Russia Ukraine Latest News​: पिछले तीन साल से रूस-यूक्रेन में चल रहा वॉर अब नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गया है, या यूं कहें कि अब आर या पार वाली स्थिति में आ चुका है. यूक्रेन ने रविवार को रूस पर ऐसी करारी चोट की है जिसका पुतिन को जरा भी इल्म नहीं था. यूक्रेन ने जिस तरह से रूस पर रूस की धरती से ही हमला किया, उसने इजरायल की याद दिला दी, जिसकी ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है. जेलेंस्की की स्पेशल फोर्स ने 117 ड्रोन से रविवार को रूस की धरती से ही ऐसी स्ट्राइक की है, जिसमें रूस के 41 बॉम्बर बुरी तरह तबाह हो गए. बताया जा रहा कि रूस के 30% से ज्यादा बमवर्षक बेड़े TU-95, TU-22 और A-50 हवाई रडार को यूक्रेन के ड्रोन अटैक से नुकसान हुआ है.

डेढ़ साल से चल रहा था ऑपरेशन स्पाइडर वेब

यूक्रेन इस खतरनाक मिशन की तैयारी बीते डेढ़ साल से कर रहा था. इस ऑपरेशन को यूक्रेन ने नाम दिया था "ऑपरेशन स्पाइडर वेब". लगभग ऐसा ही हमला 84 साल पहले जापान ने अमेरिका पर किया था. 7 दिसंबर 1941 को हवाई द्वीप पर अमेरिकी नेवी बेस 'पर्ल हार्बर' पर सुबह करीब पौने आठ बजे करीब 177 जापानी विमानों ने हमला कर दिया था. ये हमला बेहद अप्रत्याशित था. इसीलिए अमेरिकी नेवी बेस को इसका पलटवार करने तक का मौका नहीं मिला. उस हमले में अमेरिका को भारी नुकसान हुआ था. उसके कई जंगी जहाजी बेड़े पूरी तरह तबाह हो गए थे. 2400 अमेरिकी सैनिक भी जापानी बमों का शिकार हुए. 

पर्ल हार्बर के बाद अमेरिका युद्ध में कूदा

अब यू्क्रेन ने लगभग वैसा ही हमला अंजाम दिया है. पर्ल हार्बर हमले के बाद ही अमेरिका सेकेंड वर्ल्ड वॉर में कूदा. उससे पहले तक उसने इस जंग से दूरी बनाई हुई थी. 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया तो उसे 'पर्ल हार्बर' का ही बदला माना गया था. 

ट्रक में छिपाकर रूस पहुंचाए 117 ड्रोन

अब यूक्रेन के अटैक का अंदाज भी बिलकुल पर्ल हार्बर जैसा ही है. रूसी सीमा के अंदर तकरीबन 4000 किलोमीटर तक घुसना और हमले के लिए सही वक्त का इंतजार करना, इसका पूरा खाका तैयार किया गया. एक ट्रक में इन 117 ड्रोन को छिपाकर रूस के अंदर ले जाया गया. इन्हें ट्रक में इस तरह से छिपाया गया कि किसी को भी जरा भी शक न हो. ट्रक की छत लकड़ी से ढका गया था. जब हमले का सही वक्त दिखा, ठीक उसी वक्त छत को हटाया गया और ड्रोन के उड़ने का रास्ता बनाया गया.

(ये भी पढ़ें- 550 दिनों का सीक्रेट प्लान...40 लड़ाकू विमान और 4 एयरबेस तबाह, यूक्रेन ने रूस से चुकाया 29 साल पुराना बदला) 

रूस को 7 अरब डॉलर का नुकसान

इस हमले से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं. जेलेंस्की ने बताया कि वे इस हमले की तैयारी डेढ़ साल से कर रहे थे. इसमें रूस के परमाणु हमला करने में सक्षम 30% से भी ज्यादा के विमानों को बर्बाद कर दिया गया. यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में रूस को करीब 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

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