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मुनीर की चाल में फंसे पाकिस्तान के सियासतदां, मार्च में आर्मी पहनेगी कांटों भरा ताज!

Asim Munir Pak Army Chief: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की चाल में पाकिस्तान के सियासतदां इतनी बुरी तरह फंस गए हैं कि अब पाकिस्तान में मार्शल लॉ और इमरजेंसी का शोर तेज हो गया है. माना जा रहा है मार्च में मुनीर मुशर्रफ की तरह पाकिस्तान की सियासत पर कब्जा कर सकते हैं. 

मुनीर की चाल में फंसे पाकिस्तान के सियासतदां, मार्च में आर्मी पहनेगी कांटों भरा ताज!
Rachit Kumar|Updated: Feb 18, 2024, 06:53 PM IST
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Pakistan News: पाकिस्तान में कोई भी दल सत्ता संभालने को तैयार नहीं है. इस बीच बिलावल भुट्टो जरदारी ने नवाज शरीफ के सामने सपोर्ट के लिए 28 शर्तें रख दी हैं, जिसके बाद नवाज शरीफ ने सीधा संदेश देकर सरकार नहीं बनाने की बात कह दी है. इसके बाद पाकिस्तान में जनरल आसिम मुनीर ने साफ साफ संदेश दे दिया है. अगर फरवरी तक पार्टियों ने सरकार नहीं बनाई तो मार्च में सेना सत्ता संभाल लेगी. पाकिस्तान की मीडिया में ये बात भी हो रही है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अंदर भी एक बहुत बड़ा तबका इस नाजुक मौके पर सत्ता नहीं संभालना चाहता है.

पाकिस्तान में ये क्या हो रहा है?

पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि ये कैसा अजीबोगरीब चुनाव है. इसमें हारने वाले तो धांधली धांधली का शोर मचा रहे हैं जीतने वाले भी. हारने वाले फॉर्म 45 लेकर टीवी पर बैठे हैं तो जीतने वाले भी...हारने वाले भी अपनी हार का रोना रहे हैं तो जीतने वालों के चेहरे भी उतरे हुए हैं. ये क्या है.

पाकिस्तानी एक्सपर्ट नजम सेठी ने कहा, 'इसके पीछे सेना का हाथ है. सेना चाह रही है कोई ऐसा मौका मिले. अफरातफरी तो मुल्क में हो रही है. पीटीआई लगी हुई है मौलाना भी कूद पड़ा हैं. इधर बलोचिस्तान में सड़कें बंद हो गई हैं. सिंध में सड़कें बंद हो गई हैं. विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. दूसरी तरफ सियासी डेडलॉक है.'

मुनीर की चाल में फंसे सियासतदां

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की चाल में पाकिस्तान के सियासतदां इतनी बुरी तरह फंस गए हैं कि अब पाकिस्तान में मार्शल लॉ और इमरजेंसी का शोर तेज हो गया है. माना जा रहा है मार्च में मुनीर मुशर्रफ की तरह पाकिस्तान की सियासत पर कब्जा कर सकते हैं. पाकिस्तान में ऐसी स्थिति बन गई है कि कोई भी पार्टी सरकार नहीं बनाना चाहती है और इससे मुनीर को बड़ा मौका मिल गया है. 

पाकिस्तानी एक्सपर्ट ताहिर गोरा ने कहा, 'प्राइम मिनिस्टर बनने को इसलिए कोई तैयार नहीं है कि सब समझते हैं कि सरकार जो है वो गले में उस्तरों की माला है. तो इसको गले में डालेंगे तो खुद को ही जख्मी करेंगे, इतनी समझ आ चुकी है. दूसरे को सरकार देने का जी नहीं चाहता, खुद भी सरकार ले नहीं सकते.'

मुनीर का परफेक्ट प्लान!

चलिए अब आप समझिए आखिरकार पाकिस्तान में जनरल मुनीर ने किस तरह ऐसी स्थिति पैदा की जिससे पाकिस्तान की सत्ता में सेना का कब्जा या फिर केयरटेकर सरकार के जरिए शासन दुनिया को मजबूरी लगे. इसके लिए मुनीर ने कंगाल मुल्क के चुनाव नतीजे ऐसे घुमाए कि सरकार बनाना सबके लिए घाटे का सौदा हो जाए. 

नज़म सेठी ने कहा, 'हाल ही में मैं एक सभा में थी जहां पर पंजाब के राज्यपाल आए हुए थे. एक प्राइवेट समारोह था, जिसमें मैं भी गया था. वहां बहुत से पत्रकार बैठे हुए थे. वहां ये चर्चा हुई कि सरकार लेनी चाहिए कि नहीं लेनी चाहिए. ज्यादातर जो पत्रकार थे नून लीग के समर्थक थे तो आपको मैं बताऊं वहां पर एक मत बना कि ये खुदकुशी जैसा होगा. अगर नून लीग इस्लामाबाद में सरकार बनाती है. और फिर वहां पर गवर्नर से कहा कि जाएं नवाज़ शरीफ साहब को बताएं यहां पर साथियों का ये ही कहना है कि आप मारे जाओगे तो आप सोच लो.'
  

इसके अलावा ज़रदारी की सियासी लालच को भी मुनीर अच्छी तरह से समझते हैं. जैसा मुनीर से सोचा हुआ भी वैसा ही. जरदारी ने नवाज़ शरीफ को समर्थन के बदले तोहफों की लंबी चौड़ी लिस्ट थमा दी, जिसके बाद भड़के नवाज शरीफ ने सरकार बनाने से ही तौबा कर ली.

नेताओं पर भड़की हुई है जनता

पाकिस्तान की अवाम और विशेषज्ञ भी सेना के राज की आहट से पहले तमाम सियासी पार्टियों पर ​भड़के हुए हैं. क्योंकि कोई भी सियासी दल कंगाल पाकिस्तान का बोझ नहीं उठाना चाहता. इसी वजह से मुनीर को पाकिस्तान में बड़ा मौका मिलने वाला है. तो नेताओं से पाकिस्तान के लोगों का भरोसा उठ गया है. क्योंकि वो मिलकर सरकार बनाना नहीं चाहते और जनता ​ने किसी एक बहुमत दिया नहीं. पीटीआई को बहुमत मिल सकता था तो सेना ने चुनाव में धांधली करवा दी.

इमरान खान जेल में हैं. उनकी पार्टी देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है. इस बीच अर्थव्यवस्था पाताल में जा रही है. ऐसे में जो स्थिति पाकिस्तान में बनी है उसके बाद फरवरी खत्म होते ही मुनीर पाकिस्तान में खेला कर सकते हैं.

नज़म सेठी ने कहा, 'मेरे ख्याल से आपको 10-15 दिन से आगे नहीं देखने पड़ेंगे. मेरे ख्याल से दो हफ्ते के अंदर अंदर फैसला होना चाहिए. देखिए 29 तारीख तक संसद को मिलना है...ऐसा ही है ..तो 29 का इंतजार कर लें..अगर 29 तारीख तक संसद मिलती है और सरकार नहीं बनती...तो क्या होगा..तो यही होगा कि नए चुनाव की तरफ जाना पड़ेगा..अगर किसी के पास बहुमत नहीं है तो इलेक्शन की ओर जाना पड़ेगा...इसलिए उसके पहले ही या उसके बाद दखल होगा.'

हालांकि मुल्क की सत्ता पर आफिशियल कब्जा जमाने से पहले मुनीर दुनिया को दिखाने के लिए सभी सियासी दलों को समझाने का नाटक कर सकते हैं. लेकिन आखिर में मुनीर का प्लान पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जे का ही माना जा रहा है. पाकिस्तान के एक्सपर्ट तो इस ओर ही इशारा कर रहे हैं

फिलहाल पाकिस्तान में ऐसा सियासी डेडलॉक बन चुका है कि चुनाव लड़ने वाली पार्टियों का मिलकर सरकार बनाना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में मुशर्रफ की तरह मुनीर भी सेना की परंपरा को बढ़ाते हुए मार्च में बड़ा एलान कर सकते हैं.

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