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ट्रंप को पाकिस्तान से प्यार क्यों, 'डॉग' डिप्लोमेसी! आखिर आसिम मुनीर का 'वो' कौन है?

Donald Trump Asim Munir meet: डीएनए में अब हम पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की उस डिप्लोमेसी का विश्लेषण करेंगे. जिसकी चर्चा इस्लामाबाद से वॉशिंगटन तक हो रही है. 

ट्रंप को पाकिस्तान से प्यार क्यों, 'डॉग' डिप्लोमेसी! आखिर आसिम मुनीर का 'वो' कौन है?
Shwetank Ratnamber|Updated: Jun 20, 2025, 01:28 AM IST
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Asim Munir US Visit: पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को एक दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अभूतपूर्व सम्मान दिया. हम इसे अभूतपूर्व इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज से पहले अमेरिका के किसी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के किसी सेना प्रमुख को इस तरह लंच पर आमंत्रित नहीं किया था. लेकिन पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने डिनर डिप्लोमेसी को डॉग डिप्लोमेसी बना दिया. 

आसिम मुनीर ने इस मौके का इस्तेमाल अपने देश के हुक्मरानों को बेइज्जत करने के लिए किया. आसिम मुनीर ने लंच से पहले भारत-पाकिस्तान में युद्ध रुकवाने के लिए डॉनल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की मांग कर डाली, लेकिन अपने देश के प्रधानमंत्री की तुलना डॉग से कर दी. यानी मुनीर ने अमेरिका के राष्ट्रपति की झूठ बोलकर चापलूसी की और अपने प्रधानमंत्री को जलील कर दिया. आपको भी आसिम मुनीर की डॉग डिप्लोमेसी पर हमारी इस रिपोर्ट को बहुत ध्यान से पढना चाहिए.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'आज उनसे मिलना मेरे लिए सम्मान की बात थी. यानी जिस शख्स से आधा पाकिस्तान नफरत करता है. जिसका विरोध पाकिस्तानी वॉशिंगटन में भी कर रहे हैं. पाकिस्तान के उस फील्ड मार्शल  आसिम मुनीर से मिलकर अमेरिका के राष्ट्रप​ति डॉनल्ड ट्रंप खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

लेकिन इस मुलाकात से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी की बहुत बेइज्जती हो रही है.

पाकिस्तान में चर्चा चल रही है. मुनीर ने अपने देश के नेताओं को अमेरिका में डॉग बना दिया. पाकिस्तान के प्रधामनंत्री शहबाज़ शरीफ की मुनीर की नजरों में क्या अहमियत है. वाशिंगटन से लेकर इस्लामाबाद तक ये बा​त अब सबको पता है. वैसे डॉनल्ड ट्रंप भी इस काम में मुनीर के साथ नजर आए. डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद शहबाज शरीफ आज तक सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए ही उनको संदेश दे पाए हैं. लेकिन आसिम मुनीर पहले ऐसे सेना प्रमुख बन गए हैं. जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया और दुनिया को ये भी बता दिया. पाकिस्तान में हर बड़ा फैसला आसिम मुनीर करता है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नहीं करते.

लेकिन पेंटागन के पूर्व अधिकारी बता रहे हैं डॉनल्ड ट्रंप ने आसिम मुनीर को जो इज्जत दी है, उसकी कीमत भी वसूल की जानी है.

पेंटागन के पूर्व अफसर माइकल रुबिन ने कहा, 'अगर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना है, तो इसके लिए अमेरिकी सेना की घुसपैठ की जरूरत हो सकती है, और हमें इसके लिए अनुमति मिल सकती है. यानी ये अनुमति भी अमेरिका मुनीर से लेगा, वो मुनीर जो अपने देश के हुक्मरानों को एक डॉग से ज्यादा कुछ नहीं समझता.

शहबाज शरीफ साइडलाइन

डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को साइडलाइन करके सेना प्रमुख आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में बुलाया तो मीडिया के कैमरे इस इवेंट को कवर करने के लिए मौजूद नहीं थे. आसिम मुनीर के साथ डॉनल्ड ट्रंप ने कुछ सैन्य अफसरों के साथ लंच किया. आपको जानना चाहिए इस दौरान आसिम मुनीर और डॉनल्ड ट्रंप के बीच क्या क्या बातें हुईं. आसिम मुनीर से ट्रंप ने क्या कहा. कुछ बातें डॉनल्ड ट्रंप ने खुद बता दीं. कुछ बातों का खुलासा अमेरिका और पाकिस्तान की मीडिया कर रही है.

-डॉनल्ड ट्रंप ने खुद बताया मुनीर और उनके बीच ईरान को लेकर लंबी बातचीत हुई है.  
-ट्रंप ने कहा पाकिस्तान के रिश्ते इज़रायल के साथ बुरे नहीं हैं. यानी आसिम मुनीर से इज़रायल को मान्यता देने पर भी चर्चा की गई है.
-वहीं अमेरिका की मीडिया कह रही है डॉनल्ड ट्रंप ने आसिम मुनीर से ईरान के खिलाफ युद्ध में मदद मांगी है.
-पाकिस्तान पहले से ही ईरान की जासूसी करने के लिए अमेरिकी विमानों को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाज़त दे रहा है.
-लेकिन अब अमेरिका ने पाकिस्तान से अपने लड़ाकू विमानों के लिए एयरबेस मांगा है.
-इससे पहले पाकिस्तान अपना नूरखान एयरबेस अफगानिस्तान पर हमले के लिए अमेरिका को दे चुका है.
-अब ट्रंप ने कहा ईरान के मामले में मुनीर अमेरिका से सहमत हैं. यानी अमेरिका अगर ईरान पर हमला करने का आखिरी फैसला लेता है तो इस बात की पूरी संभावनाएं हैं पाकिस्तान, अमेरिका की पूरी मदद करेगा और अमेरिका के लड़ाकू विमान पाकिस्तान का एयरबेस इस्तेमाल करेंगे.

इसके बदले आसिम मुनीर, अमेरिका से चाहता है पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जवाबदेह ना ठहराया जाए और पाकिस्तान को चलाने के लिए आईएमएफ से कर्ज मिलता रहे. लेकिन मुनीर को इस डील की भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है. ईरान के खिलाफ अमेरिका से नज़दीकी चीन को बहुत ज्यादा पसंद नहीं आएगी और आने वाले वक्त में जिनपिंग पाकिस्तान को दंडित और खंडित भी कर सकते हैं.

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