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बलूचिस्तान आर्मी का सुराब शहर पर कब्जा..बैंक-पुलिस स्टेशन पर भी कंट्रोल! कुछ नहीं कर पाई PAK आर्मी

Balochistan News: बलूच अलगाववादी पिछले एक साल में कई बार पाकिस्तानी सेना को चुनौती देते हुए छोटे-छोटे इलाकों और सड़कों पर कब्जा करते रहे हैं. यह लड़ाई बलूचों के लंबे समय से चले आ रहे शोषण के खिलाफ है.

Photo: BLA X
Photo: BLA X
Gaurav Pandey|Updated: May 31, 2025, 07:30 AM IST
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BLA Captures Surab City: पाकिस्तान के आका शहबाज और मुनीर भले ही खुद को तीस मार खान समझें लेकिन सच्चाई यही है कि बलूचिस्तान उनके हाथ से फिसल रहा है. इसी कड़ी में बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक और बड़ा दावा कर दिया है. उसने कहा है कि पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान के अहम सुराब शहर पर पूरी तरह से कब्जा करने का दावा किया है. उसने बताया कि शहर के पुलिस स्टेशन लेविस फोर्स की चौकि यहां तक कि बैंकों और सरकारी इमारतों पर नियंत्रण कर लिया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सुराब शहर से काले धुएं के गुबार और आग की लपटें उठती देखी जा सकती हैं.

हथियार छीनने का भी दावा किया
असल में BLA ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना और पुलिस को झड़पों के बाद शहर से खदेड़ दिया है. इस हमले के दौरान एक SHO थानाध्यक्ष को मारने और पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने का भी दावा किया गया है. स्थानीय मीडिया का कहना है कि यह कार्रवाई पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व आर्मी चीफ असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए एक बड़ा झटका है.

लड़ाके अब सुराब में पेट्रोलिंग कर रहे
इतना ही नहीं इस हमले के बाद BLA ने सुराब और आसपास के इलाकों में अहम सड़कों जैसे क्वेटा-कराची हाइवे और सुराब-गडदर रोड पर नाकेबंदी कर दी है. संगठन के प्रवक्ता जयंद बलोच ने बयान जारी कर कहा कि उनके लड़ाके अब सुराब में पेट्रोलिंग कर रहे हैं और सरकारी संस्थानों पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया गया है. इस दौरान कई सरकारी वाहन भी आग के हवाले कर दिए गए और कुछ अधिकारियों को बंधक बनाए जाने की खबरें भी सामने आई हैं. 

छोटे-छोटे इलाकों और सड़कों पर कब्जा
हालांकि इस पर पाकिस्तान सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. बता दें कि बलूचिस्तान में ये हालिया हमला वहां चल रही लंबे समय से चली आ रही आजादी की लड़ाई का नया चैप्टर है. बलूच अलगाववादी पिछले एक साल में कई बार पाकिस्तानी सेना को चुनौती देते हुए छोटे-छोटे इलाकों और सड़कों पर कब्जा करते रहे हैं. यह लड़ाई बलूचों के लंबे समय से चले आ रहे शोषण के खिलाफ है. उनका आरोप है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर उनके संसाधनों का दोहन कर रहे हैं. लेकिन स्थानीय लोगों को विकास से वंचित रखा गया है.

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