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'ड्रैगन' का शातिर प्लान, 12 साल से आ रहे थे जिनपिंग, अचानक BRICS से काट ली कन्नी, क्या भारत है वजह?

BRICS Summit: ब्राजील में 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इसमें भारत सहित कई देशों के नेता शामिल हो रहे हैं. इस बार इस सम्मेलन में चीन नहीं शामिल हो रहा है. इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है जानते हैं. 

'ड्रैगन' का शातिर प्लान, 12 साल से आ रहे थे जिनपिंग, अचानक BRICS से काट ली कन्नी, क्या भारत है वजह?
Abhinaw Tripathi |Updated: Jul 06, 2025, 08:37 PM IST
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Xi Jinping: ब्राजील में 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इसमें भारत सहित कई देशों के नेता शामिल हो रहे हैं लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस सम्मेलन से दूरी बनाई है. BRICS संस्थापक देशों में शामिल चीन की दूरी काफी ज्यादा लोगों को खटक रही है.  2012 से सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है जब जिनपिंग इस सम्मेलन में नहीं शामिल होंगे. आखिर शी जिनपिंग का क्या गेम है आइए जानते हैं.

क्यों नहीं आ रहे हैं जिनपिंग?
शी जिनपिंग के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल न होने की वजह के बारे में किसी को स्पष्ट जानकारी नहीं है. इसे लेकर के विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अंदरूनी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है. अमेरिकी टैरिफ्स को लेकर कुछ BRICS देशों पर 9 जुलाई तक का दबाव है. उनके पास 9 जुलाई तक ही बातचीत करने की समयसीमा है. उन्हें सम्मेलन से ज्यादा उम्मीदें नहीं है इस वजह से भी वो इससे दूरी बना रहे हैं.

पहलगाम है वजह!
इसके अलावा कहा जा रहा है कि ब्रिक्स में शामिल देश पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करेंगे. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई. ऐसे में कयास से लगाए जा रहे हैं की जिनपिंग पाकिस्तान के प्रति समर्थन जताने के लिए शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं? हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस बात को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है. इस लिहाज से देखा जाए तो भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है.

घरेलू अर्थव्यवस्था
साथ ही साथ कहा जा रहा है कि शी जिनपिंग चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. साथ ही साथ अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव और उससे आने वाली आर्थिक चुनौतियों की वजह से वो घरेलू मुद्दों को प्राथमिकता दे सकते हैं. जानकारी यह भी मिली है कि इस साल एक बड़ा राजनीतिक सम्मेलन होने वाला है जिसमें आने वाले पांच सालों की रणनीति बनाई जाएगी. इसकी तैयारियों को देखते हुए भी शी की व्यस्तता बढ़ गई है.

क्यों कम हुई अहमियत
2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले देशों का विस्तार किया गया है. इसमें मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान को भी शामिल किया गया है, ऐसे में शी जिनपिंग की नजर में इस सम्मेलन की अहमियत कम हो सकती है. विशेषज्ञों का ये भी मानना है इन देशों के शामिल होने से इसका मूल्य कम हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक चीन के अलावा रूस भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी व्यक्तिगत रूप से नहीं आए हैं. वे वीडियो कॅाल के जरिए इस सम्मेलन में जुड़ सकते हैं.

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