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भारी-भरकम जहाज लेकर समंदर में उतरा ड्रैगन, खौफ में भारत के 'दो दोस्त', 4,652 किमी दूर इस देश पर भी मंडराया खतरा!

China News: चीन और अमेरिका में टैरिफ को लेकर विवाद छिड़ा है. एक दोनों अक्सर एक दूसरे पर हमलावर रहते हैं. इसी बीच चीन ने पूरे प्रशांत क्षेत्र में हलचल मचा दी है. चीन के दो विमानवाहक पोत- लियाओनिंग और शानडोंग पहली बार प्रशांत क्षेत्र में कड़ा अभ्यास कर रहे हैं.

भारी-भरकम जहाज लेकर समंदर में उतरा ड्रैगन, खौफ में भारत के 'दो दोस्त', 4,652 किमी दूर इस देश पर भी मंडराया खतरा!
Abhinaw Tripathi |Updated: Jun 14, 2025, 05:02 PM IST
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China Aircraft Carrier: चीन और अमेरिका में टैरिफ को लेकर विवाद छिड़ा है. एक दोनों अक्सर एक दूसरे पर हमलावर रहते हैं. इसी बीच चीन ने पूरे प्रशांत क्षेत्र में हलचल मचा दी है. चीन के दो विमानवाहक पोत- लियाओनिंग और शानडोंग पहली बार प्रशांत क्षेत्र में कड़ा अभ्यास कर रहे हैं.  इन विमान वाहकों ने अमेरिका द्वारा नामित द्वीप श्रृंखला को पार कर दिया है, चीन की इस गतिविधि की वजह से दुनियाभर में हलचल मची है. जापान पहले से परेशान है, ताइवान को भी सतर्क रहने की जरूरत है. ऐसे में क्या फिलीपींस के लिए भी ये चिंता की घड़ी है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार के साथ. 

इस वीक के शुरुआत में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना ने दो एयरक्राफ्ट कैरियर को प्रशांत महासागर में भेजा था. ये एयरक्राफ्ट कैरियर फर्स्ट आइलैंड चेन को पहली बार पार किए थे. ये चेन अमेरिकी नियंत्रण रणनीति का हिस्सा है जिसे चीनी सैन्य रणनीति को रोकने के लिए बनाया है. ये जापान के ओकिनावा से ताइवान और फिलीपींस तक फैली हुई है. जिसकी वजह से फिलीपींस को लेकर भी चिंता जताई जा रही है. हालांकि पीएलए नौसेना के प्रवक्ता सीनियर कैप्टन वांग जुएमेंग ने कहा था कि इन विमानवाहक पोतों को  क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए तैनात किया गया था. इसे वार्षिक योजना के तहत थी और ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रही थी और इसका उद्देश्य किसी को टारगेट करना नहीं था. 

इससे पहले जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी ने कहा था कि दोनों विमान वाहक पोतों लियाओनिंग और शांदोंग को पहली बार प्रशांत क्षेत्र में एक साथ देखा गया है. पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग 7 जून को इवो जीमा द्वीप के पूर्व में पानी में नजर आया. यह पहली बार था जब एक चीनी वाहक ने दूसरी द्वीप श्रृंखला को पार किया, जो जापान, अमेरिकी क्षेत्र गुआम और इंडोनेशिया तक फैली पहली श्रृंखला के पूर्व में एक क्षेत्र है. वहीं  ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने कहा कि क्षेत्र में चीन की कार्रवाइयों से पता चलता है कि वह अपने विस्तारवादी एजेंडे को उजागर करते हुए एक राजनीतिक संदेश भेज रहा है. इसके अलावा फिलीपींस के विश्लेषकों का कहना है कि फिलीपींस को चीन की कार्रवाइयों से सावधान रहना चाहिए. क्योंकि चीन रणनीति का मुकाबला करने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है.

इसके अलावा फिलीपींस नौसेना ने कहा कि शेडोंग को आखिरी बार 26 अप्रैल को बर्गोस शहर से 228 किमी (123 समुद्री मील) की दूरी पर देखा गया था. पश्चिमी फिलीपीन सागर के नौसेना प्रवक्ता रियर एडमिरल रॉय विंसेंट त्रिनिदाद ने कहा कि वह शेडोंग की उपस्थिति और आस-पास के अन्य चीनी जहाजों पर बारीकी से नज़र रख रहा था. MY News के मुताबिक इन विमानों का संचालन करने की अनुमति अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून के द्वारा दी गई थी. वहीं एक फिलीपीन लेक्चरर ने बताया कि ऐसा लगता है कि बीजिंग समुद्र में अमेरिकियों की क्षमताओं को रिफ्लेक्ट करने के लिए एक आधुनिक समुद्री शक्ति के शास्त्रीय तर्क को अपना रहा है.

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