China Condemned US Airstrikes on Iran: ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव ने अब वैश्विक स्तर पर एक नया मोड़ ले लिया है. अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हवाई हमले कर दिए. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन्हें पूरी तरह से तबाह करने का दावा किया. इस हमले के बाद चीन में भी हलचल दिखने लगी है और चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कड़े शब्दों में इस हमले की निंदा की है.
अमेरिकी हमले पर चीन ने क्या-क्या कहा?
चीन ने सरकारी मीडिया के जरिए अमेरिकी हवाई हमलों की निंदा की और चेतावनी दी कि वॉशिंगटन पिछली रणनीतिक गलतियों को दोहरा सकता है. चीन के सरकारी प्रसारक की विदेशी भाषा शाखा CGTN की एक फ्लैश कमेंट्री में अमेरिकी कार्रवाई को 'एक खतरनाक मोड़' बताया गया. कमेंट्री में 2003 के इराक युद्ध का जिक्र करते हुए कहा गया, 'इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि मिडिल ईस्ट में सैन्य हस्तक्षेप अक्सर अनपेक्षित परिणाम उत्पन्न करते हैं, जिसमें लंबे समय तक संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता शामिल है.' इसमें कहा गया कि सैन्य टकराव पर बातचीत को प्राथमिकता देने वाला एक संतुलित, कूटनीतिक दृष्टिकोण मिडिल ईस्ट में स्थिरता की सबसे अच्छी उम्मीद प्रदान करता है.
अब ये संघर्ष नियंत्रण से होगा बाहर: UN
संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर फिक्र जताई है. महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हालात बहुत खतरनाक हो गए हैं और अब यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है. इसका बहुत बुरा असर आम लोगों, पूरे इलाके और दुनिया पर पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्र के नाम संबोधन से कुछ मिनट पहले एक बयान में गुटेरेस ने कहा कि यह हमला 'अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है.'
उन्होंने कहा कि वह आज ईरान के विरुद्ध संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए बल प्रयोग से बेहद फिक्रमंद हैं और चेतावनी दी कि इस बात का खतरा बढ़ रहा है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है, जिसके नागरिकों, क्षेत्र और विश्व के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में जरूरी है कि हम अराजकता और तबाही के इस सिलसिले को रोकें. इस हालात का कोई सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का रास्ता सिर्फ बातचीत और शांति है.
हमले पर डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इसकी पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और दुनिया में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले नंबर एक देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और इजरायल ने एक टीम के रूप में काम किया है, जैसा कि शायद पहले किसी टीम ने नहीं किया. उन्होंने चेतावनी दी, 'ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमने देखी उससे कहीं अधिक बड़ी होगी.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)