China News: एक तरफ चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा है, जिसकी वजह से भारत पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है. इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. बता दें कि यांग्त्जी नदी की एक सहायक नदी पर बने 300 बांधों को तोड़ दिया है. इतनी ही नहीं इन बांधों पर बने 342 छोटे जलविद्युत स्टेशन भी बंद कर दिए गए हैं. यह नदी युन्नान, गुइझोउ सहित कई शहरों से होकर गुजरती है और ये 400 किलोमीटर लंबी. चीन ने आखिर ऐसा कदम क्यो उठाया आइए जानते हैं.
तोड़े गए बांध
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने ऐसा कदम पर्यावरण और मछलियों के आवास को बचाने के लिए उठाया है. इस नदी पर 357 बांध थे इसके अलावा 373 जलविद्युत स्टेशन थे. इन्हीं में से बांधों और जलविद्युत स्टेशनों को बंद किया गया है. ऐसा बताया जा रहा है कि बांधों और स्टेशनों की वजह से मछलियों के आवास है उनके प्रजनन को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच रहा था. साथ ही साथ नदी का पारिस्थितिकी तंत्र खराब हो रहा था. ऐसे में इन्हें ध्वस्त करने का फैसला किया गया.
क्यों उठाया कदम?
जिस सहायक नदी पर बांधों को ध्वस्त किया गया है उसे रेड रिवर के नाम से जानते हैं. बांधों को ध्वस्त करने का काम दिसंबर 2024 के अंत तक हुआ. साल 2020 में इस प्रोजेक्ट के पुनर्स्थापित करने के बाद यांग्त्जी स्टर्जन जैसी दुर्लभ मछलियों की स्थिति में काफी ज्यादा सुधार हुआ है. इसे 2022 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था लेकिन 2023 - 2024 में चीनी वैज्ञानिकों ने नया प्रयोग करते हुए इसे स्टर्जन नदी में छोड़ा और वे फिर से बच्चे देने लगे. भविष्य को देखते हुए साल 2020 में ही इस नदी में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई. साथ ही 2021 के अंत तक 1,200 से ज़्यादा छोटे जलविद्युत संयंत्र बंद कर दिए. साथ ही साथ रेत खनन पर रोक लगाई गई, इसके बाद वैज्ञानिकों ने देखा की पानी की गुणवत्ता में काफी ज्यादा बदलाव आया है और ये पहले से बेहतर हुआ है जिसकी वजह से मछली सहित अन्य जलीव जीवों की संख्या में बढ़ोतरी आई है.